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वीवीआईपी सीट सासाराम पर क्या रहेगा पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार का हाल ?

बिहार राज्य का सासाराम देश के गिने चुने वीवीआईपी निर्वाचन क्षेत्रों में गिना जाता है. यहां से भारत की प्रथम महिला लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार चुनाव लड़ती हैं. 2014 के मोदी लहर में मीरा कुमार को इस सीट से पराजय का मुंह देखना पड़ा था. एक बार फिर से इस सीट पर कांग्रेस ने मीरा कुमार पर भरोसा जताया है तो वहीं भाजपा से निवर्तमान सांसद छेदी पासवान मैदान में होंगे. आइए, जानते हैं देश के इस हाई प्रोफाइल सीट का जमीनी हाल.

पासवान बनाम रविदास की जंग

आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि मीरा कुमार को उनके परंपरागत रविदास समाज का वोट मिलता है जबकि भाजपा उम्मीदवार को उनके स्वजातीय पासवान समाज का लेकिन इस बार पासवान समाज की युवा पीढ़ी भाजपा और खासतौर पर आरएसएस से बुरी तरह नाखुश हैं. पासवान बिरादरी का साफ तौर पर कहना है कि छेदी तुझसे बैर नहीं और आरएसएस तेरी खैर नहीं. पासवान युवाओं को लगता है कि आरएसएस देश का संविधान बदलना चाहता है और आरक्षण समाप्त करना चाहता है. ऐसे में कई ऐसे पासवान युवक हैं जो मजबूरी में मीरा कुमार के पक्ष में मतदान की बात कह रहे हैं.

सवर्ण और अल्पसंख्यक

सासाराम लोकसभा क्षेत्र में ब्राह्मण और राजपूत बिरादरी का वोट मीरा और छेदी दोनों को मिलेगा. पिछली बार स्थानीय बड्ड़ी कांड की वजह से सवर्ण समाज ने मीरा कुमार का बहिष्कार किया था, इस बार किरहिंडी कांड छेदी पासवान के लिए सिरदर्द बना हुआ है. भाजपा के बागी उम्मीदवार संजीव कुमार के साथ भी सवर्णों का अच्छा खासा समर्थन देखने को मिल रहा है.

अल्पसंख्यक वोटों की बात करें तो 90 फीसदी मुस्लिम मीरा कुमार को वोट दे सकते हैं. सिक्खों और ईसाई अल्पसंख्यकों की तादाद इस क्षेत्र में काफी कम है लेकिन माना जा रहा है कि सासाराम नगर में रहने वाले सिक्ख समुदाय का 75 प्रतिशत वोट मीरा कुमार को मिलेगा जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले ईसाईयों का 90 फीसदी वोट मीरा कुमार को मिल सकता है.

कुशवाहा और वैश्य

इस इलाके में इस समाज का वोट काफी महत्व रखता है. कुशवाहा समाज का अधिकांश वोट मीरा कुमार को जबकि वैश्य समाज का वोट छेदी पासवान को मिल सकता है. एक मान्यता यह भी है कि सासाराम में वैश्यों का बड़ा वर्ग मीरा कुमार को हमेशा वोट करता आया है. इस लोकसभा क्षेत्र में एक बहुत बड़ा फैक्टर नोनिया, बिंद और मल्लाह जाति के वोटों का होता है. पिछली बार ये वोट पूरी तरह से भाजपा के साथ था, इस बार सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी के महागठबंधन के साथ आने की वजह से ये वोट मीरा कुमार की ओर दिख रहा है. इसके अलावा यादव वोट पूरी तरह से मीरा कुमार के पक्ष में ही दिख रहा है.