TaazaTadka

दिल्ली के छत्तरपुर में हो रहा था धर्म के नाम पर धंधा इस महिला ने सिखाया सबक

अंधविश्वास (Blind Faith) एक एक ऐसी चीज है, जिसका कोई कारण नहीं होता है। एक बच्चा जन्म से ही अपने घर, परिवार और समाज में जिन परंपरा (Tradition) और मान्यता (religion) को बचपन से देखता और सुनता आया है उसी का पालन करेगा। और अंधविश्वास उसके मन में घर कर जाता है जिसको वो चाहकर भी नहीं भूल पता है। वैसे तो अंधविश्वास ज्यादातर कमजोर इंसान या कमजोर मानसिकता वाले लोगों में देखने को मिलता है।

जीवन में सफल न होने वाले लोग अंधविश्वास में ज्यादातर विश्वास रखते हैं। और वो लोग ये मानकर चलते है की इस अंधविश्वास को मानाने से उनको सफलता मिल जाएगी। और कुछ ढोंगी लोग इस बात का बखूबी फायदा उठा लेते है और आपकी भावनाओ से खिलवाड़ करते है। हालाँकि ये हमे तब पता चलता है जब हम अपना सब कुछ खो चुके होते है।

हालाँकि ये बात भी गलत है की अंधविश्वास केवल अनपढ़ या गरीब लोगो में पाया जाता है, अंधविश्वास तो पढ़े-लिखे, ज्ञानी लोगो में भी होता है। और वैसे भी भारत में ऐसे कई ढोंगी है जो की लोगो को भ्रमित करके उनकी आस्था (Faith) को ठेश पहुंचाते है। लेकिन गलती उनकी नहीं गलती हमारी होती है जो हम ऐसे ढोंगियों के ढोंग में आसानी से आ जाते है।

ऐसा ही कुछ ढोंग चल रहा था दिल्ली के छत्तरपुर रोड पे यहाँ एक व्यक्ति धर्म की आड़ में धंधा कर रहा था। उसने लोगो की आस्था को अपना हथियार बना लिया था। वो बिच चौराहे पे मदरसा बना कर धर्म की आड़ में धंधा चला रहा था। लेकिन इस महिला ने इसके इरादे सफल नहीं होने दिए और इस तरह के अंधविश्वास फ़ैलाने वाले ढोंगी को अच्छा सबक सिखाया है।