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दिल्ली पुलिस का धरना सफल होता अगर उन्होंने धरना एक्सपर्ट केजरीवाल से ये टिप्स लिए होते

नई दिल्ली: वकीलों और पुलिस के बीच दिल्ली में हुई झड़प के बाद एक दिन के लिए दिल्ली पुलिस ने अपने मुख्यालय पर धरना दिया. धरना सफल नहीं होने से सब खुश थे लेकिन एक शख्स इस बात से बहुत नाराज था. वो हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री और धरना संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल. उन्होंने कहा की एक दिन का धरना कोई धरना नहीं होता. एक दिन तो वार्म-अप होने लग जाता है. दिल्ली पुलिस अगर धरना मंत्री से ये टिप्स लेती तो उसका धरना सफल होता.

केजरीवाल ने से दिल्ली पुलिस के जवान ने पूछा कि आखिर धरना क्यों किया जाए. इस पर सरजी खांसते हुए बोले कि “देखो जी सबसे पहले धरना करने कि कोई ख़ास वजह नहीं होती. कोई भी बेवजह का मुद्दा उठाकर आप धरना कर सकते हैं. तो माय बॉयज (सॉरी माई नहीं केंद्र के बॉयज) धरने का सबसे पहला नियम कोई भी बेवजह का मुद्दा ढूँढा जाए उसे उसे फर्जी का राष्ट्रीय मुद्दा बनाया जाए. अब आपने ये टिप्स तो हमसे ली नहीं इसीलिए सफल नहीं हुआ आपका प्लान.

दिल्ली पुलिस अगर माननीय धरना प्रमुख के पास जाती तो वो जरूर तो सबसे पहले नाराज होते और कहते कि “अमा मियां ये भी कोई धरना है, इतना तो मैं घर में दे लेता हूँ कभी-कभी”. धरना कम से कम सात दिवसीय होना चाहिए. मुद्दा नहीं मिल रहा है तो फ़ोकट के स्पीकर ढूंढकर उनसे बुलवाना शुरू कर दो. एक दिन तो भाईसाब वार्म-अप होने और माइक बाजा सेट करने में लग जाता है. इसीलिए कम से कम सात दिवसीय धरना हो. एक दिन का धरना नहीं माना जाएगा.

दिल्ली पुलिस अगर सरजी से टिप्स लेती तो ये भी एक बात सामने आती. धरने के लिए सबसे जरूरी होते हैं स्लोगन. बेवजह के स्लोगन जिनका काफिया आखिरी में जाकर मिलता हो. बस उन्हें बार-बार चिल्लाना है और भीड़ (अगर आ गई तो) उसको भी यही चिल्लाने के लिए कहिना है. ऐसे में माहौल बना रहेगा. एक पल तो लगने लगता है कि धरना कहीं सीरियस ना हो जाए. इसीलिए इस बात का ध्यान रखें.

दिल्ली पुलिस टिप्स लने गई तो सरजी ने आधा गिलास पानी पीते हुए बोला “देखो जी धरना का क्रेडिट भले ही आप अकेले खाओ लेकिन आपके साथ दो फ़ोकट के दोस्त और एक कवि होना चहिये. इससे क्या होगा कि कवि पूरा दिन बोलकर माहौल बनाता रहेगा और आपके दोस्त आपके अगल-बगल बैठे रहेंगे. ऐसे में लगेगा कि लोग आपके साथ हैं. लेकिन उन्हें क्या पता ये तो सब धरना संघ के पदाधिकारी हैं.

एक नौजवान पुलिस वाले के गाल में हाथ लगाते हुए गुस्से से सरजी बोले “ये, ये ऐसे बनोगे धरना एक्सपर्ट, ऐसे होगा धरना सफल, एक दिन में हवा निकल आएगी. धरने का सबसे महत्वपूर्ण नियम कि आपको शेव नहीं करना है. अगर शेव कर ली तो समझिये की धरना वही दम तोड़ देगा”. इसके बाद मफलर को ठीक से बांधते हुए सरजी बोले कि “दूसरी सबसे जरूरी बात एक किराए का डॉक्टर सेट करके रखना होगा. वो डॉक्टर जो आएगा और हमेशा तुम्हारा बीपी लो और सुगर हाई बताएगा. वो कहेगा तत्काल एडमिट होने की जरूरत है लेकिन तुम साइड में जाकर कुछ खाते-पीते रहन और कहना कि अरे नहीं मैं यहीं दम तोडूंगा”.

दिल्ली पुलिस के एक नए लड़के ने पूछ लिया कि “सर सात दिन के धरने में इतना नाटक बिना खाए कैसे होगा, मतलब भूख तो लगेगी ना यार”. तब सरजी ने घमंड भरी नजरों से उसकी तारा देखा और कहा “इसीलिए, इसीलिए मेरे दोस्त तुम वहां हो और मैं यहाँ, यही फर्ज तुम्हे समझना है. किसने कहा कि तुम इतने दिन भूखे रहो. अरे पीछे वाले शौचालय में बर्गर, पिज़्ज़ा आदि सब रखा रहेगा. वो जब मैं बार-बार मोबाइल निकालता हूँ ना तो वो खाना ही आर्डर करता हूँ”. इसीलिए हमेशा हल्का खाना खाएं और बार-बार टॉयलेट की तरफ जाते रहें.”

धरना खत्म करने के एक दिन पहले से आपको माहौल बनाना होगा मेरे दोस्त. अपनी शक्ल रोने वाली बना लो एक दिन पहले. और फिर डॉक्टर से कहलवाओ की अगर अब भर्ती नहीं हुए तो समझो निपट गए. बोलो ग्लूकोस कम है और भर्ती हो जाओ. माहौल बनाकर जयकारा लगाकर, लेके रहेगे अपना हक़ आदि कहकर एम्बुलेंस में लेट जाओ धीरे से. बाकी वो दोस्त अपने आप संभाल लेंगे.

सरजी जी के इतने टिप्स देते ही दिल्ली पुलिस के जवानों ने हॉल को तालियों और खांसी से भर दिया. बोले “गुरु पहिले काहे नहीं मिले तुम”. सरजी बोले हम तो कही रहे हैं की हमारे अंडर आ जाओ एक धरना विभाग खोलेंगे और बाकायदा उसकी वर्कशॉप हर महीने आयोजित होगी. इतना कहकर सरजी अपने अगले धरने पर सबको इनवाईट करते हुए चले गए.