लोकसभा चुनाव के लिए हर पार्टी अपना पूरा दम लगा रहा है। पक्ष और विपक्ष में आरोप और प्रत्यारोप का दौर लगातार चल रहा है। इन सबके के बीच में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ कुछ ऐसा हुआ जिसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी। चुनाव प्रचार के लिए भोपाल के बैरसिया में दिग्विजय सिंह ने मंच से पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए जनता से पूछा कि किसी के खाते में 15 लाख रुपये आए क्या? दिग्विजय सिंह ने जब 3-4 बार यही सवाल किया तो एक लड़के ने भीड़ से हाथ उठाया और कहा कि उसे 15 लाख मिले हैं। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने उसे मंच पर बुलाया था, और कहा कि अपना अकाउंट नंबर लेकर आना। यहां आओ हम तुम्हारा नागरिक अभिनंदन करेंगे।
@shailendranrb बैरसिया में @digvijaya_28 ने पूछा किसी के खाते में आये 15 लाख,लड़के ने हाथ उठाया मंच पर आया सर्जिकल स्ट्राइक के गुणगान कर चला गया @INCMP @INCIndia @BJP4India @BJP4MP @ChouhanShivraj @narendramodi @AmitShah @ndtvindia @drhiteshbajpai @RahulKothariBJP #ModiHiAayega pic.twitter.com/331fYzgtPC
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) April 22, 2019
इसके बाद जैसे ही लड़का मंच पर पहुंचा तो उसने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर पीएम मोदी का गुनगान करना शुरू कर दिया। जैसे ही लड़का मंच पर आया और माइक मिलते ही कहना शुरू किया कि मोदी जी ने सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों को मारा। इसके बाद समर्थक उसे मंच से नीचे ले गए।
1984 से बीजेपी का कब्जा
आपको बता दें कि कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को भोपाल से उम्मीदवार बनाया है और इस सीट से बीजेपी की साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मैदान में है। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में 12 मई को चुनाव होने हैं। आपको बता दें कि भोपाल की सीट पर साल 1984 के बाद से बीजेपी का ही कब्दा है। भोपाल में अब तक हुए 16 चुनाव में कांग्रेस को 6 बार जीत हासिल हुई है।
क्या है जातिगत समीकरण
बता दें कि भोपाल में साढ़े 19 लाख मतदाता है, जिसमें 4 लाख मुस्लिम, साढ़े तीन लाख ब्राह्मण, साढ़े चार लाख पिछड़ा वर्ग, 2 लाख कायस्थ मतदाता है। मतदाताओं के इसी गणित को ध्यान में रखकर कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को मैदान में उतारा था, लेकिन बीजेपी ने प्रज्ञा ठाकुर को उम्मीदवार बनाकर ध्रुवीकरण का खेल खेला है।
लगभग 4 महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में भोपाल की 8 में से 5 सीटों पर बीजेपी और 3 सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा किया था। राज्य सरकार में बदलाव के बाद भी भोपाल में बीजेपी को कांग्रेस की तुलना में ज्यादा सफलता मिली थी।