हिन्दी सिनेमा के बहुत ही मशहूर और दिग्गज कलाकार दिलीप कुमार का बुधवार की सुबह करीब 7.30 बजे निधन हो गया अब वो हमारे बीच नहीं रहे लेकिन दिलीप कुमार (मोहम्मद युसूफ खान) ने अपनी अपनी दमदार एक्टिंग के चलते जो मुकाम बनाया है, वो लोगों के लिए बस एक सपना होता है। दिलीप कुमार की फिल्मों की तो क्या बात करे उनकी फिल्मो के दीवाने आज भी काफी लोग है। दिलीप जी फिल्मे लोगो के दिलों में एक अलग ही छाप छोड़ जाती है।
दिलीप कुमार(Dilip Kumar) ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म ‘ज्वार भाटा’ फिल्म से की थी, जो साल 1944 मे परदे पर आयी थी । वैसे यह फ़िल्म फ्लॉप थी । दिलीप की पहली हिट फ़िल्म “जुगनू” थी। साल 1947 में रिलीज़ हुई इस फ़िल्म ने Bollywood Industry में दिलीप कुमार को हिट फ़िल्मों के स्टार की लिस्ट में जोड़ दिया ।उन्होने Director रमेश सिप्पी की फिल्म शक्ति मे अमिताभ बच्चन के साथ काम किया था। इस फिल्म के लिए उन्हे फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड भी मिला था।
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Tragedy king दिलीप कुमार की कुछ यादगार फ़िल्में :
यह फिल्म दिलीप कुमार के दिल टूटने वाले प्रेमी के लिए बनाई गयी थी। इसमें दिलीप कुमार का दिल टूटने के बाद वो शराबी बन जाते है। दिलीप साहब के द्वारा बोलो गया ये डायलॉग ‘कौन कम्बख्त बरदाश्त करने को पिता है?’ काफी फेमस हो गया था।
डायरेक्टर बलदेव राज चोपड़ा की फिल्म नया दौर में अपनी एक्टिंग से दिलीप कुमार ने सभी के दिलो में अपनी जगह बना ली है।
इस फिल्म में दिलीप कुमार ने काफी बेहतरीन काम किया है। इस फिल्म में पुनर्जन्म की कहानी को दर्शाया गया है।
के आसिफ की ‘मुगल-ए-आजम’ को रिलीज हुए लगभग 65 साल हो चुके हैं, लेकिन यह फिल्म एक कल्ट क्लासिक बनी हुई है। इस फिल्म में रोमांस और अकबर और सलीम के टकराव के सीन्स दर्शको को बाहत ही ज्यादा पसंद आता हैं।
दाग 1 जुलाई, 1952 को रिलीज़ हुई एक हिंदी फिल्म है। इस फिल्म में दिलीप कुमार, निम्मी, उषा किरण और ललिता पवार मुख्य भूमिका में हैं।
इस फ़िल्म का निर्देशन श्रीरामुलु नायडू एस.एम. ने किया है और इसमें दिलीप कुमार, मीना कुमारी, प्राण और ओम प्रकाश आदि बड़े दिग्गज कलाकार है।
यह फिल्म सुभाष घई द्वारा डिरेक्टेड है और इसमें दिलीप कुमार, राज कुमार और मनीषा कोइराला आदि लीड रोल में हैं। इस फिल्म में चुने गए अन्य लोकप्रिय अभिनेता विवेक मुशरान, अमरीश पुरी, गुलशन ग्रोवर, अनुपम खेर और जैकी श्रॉफ हैं।
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इंसानियत 04 सितंबर, 1955 को रिलीज हुई एक हिंदी फिल्म है। इस फिल्म का निर्देशन एस.एस. वासन ने किया है और इसमें मुख्य किरदारों में दिलीप कुमार और देव आनंद जी हैं।
मजदूर 14 अक्टूबर, 1983 को रिलीज हुई एक हिंदी फिल्म है। फिल्म का निर्देशन रवि चोपड़ा ने किया है और इसमें दिलीप कुमार, नंदा और जॉनी वॉकर मुख्य किरदारों में हैं।
राम और श्याम फिल्म तापी चाणक्य द्वारा निर्देशित है, फिल्म में दिलीप कुमार ने जुड़वां बच्चों के रूप में डबल रोल में है। इस फिल्म में राम और श्याम जन्म के समय अलग हो जाते है।
जुगनू एक ऐसा किरदार है जो अपने अनाथालय के पालन पोषण के लिए दूसरे लोगो को लूटता है।
इस फिल्म में दिलीप कुमार (कुणाल) अपने दादा शमशेर के साथ रहते है, कुणाल को दुर्गा से प्यार हो जाता है। हालांकि, उसके दादा शमशेर को ये मंजूर नहीं होता और वो उन्हें अलग करने की कोशिश करते है।
इस फिल्म में विधुर ठाकुर एक जमींदार है शंकर को गोद लेते है, जिसे बड़ा होने पर रूपा से प्यार हो जाता है। रूपा का भाई रमेश फिर शंकर को मारने की कोशिश करता है।
कर्जदार किसान गुंगाराम अपने छोटे भाई जमुना को पढ़ने के लिए और उसे पुलिस बनाने के लिए बोहोत मेहनत करता है। सालो बाद हालात गुंगाराम को डाकू बनने के लिए मजबूर करते हैं और अब भाई एक-दूसरे को दुश्मन बन जाते हैं।
कानून विद्रोह के स्टूडेंट विजय खन्ना (दिलीप कुमार) जो सरकार की निडरता से आलोचना करते है, और ये लड़कियों से फ्लर्ट करते हैं।
शमू (दिलीप कुमार) एक अँधा व्यक्ति, जोकि अपने बचपन के प्यार माला की तलाश करने निकल है।
गरीबी से तंग आकर नोशू (दिलीप कुमार) कालाबाजारी करता है। हालाँकि वह खोज करने की कोशिश करता है, लेकिन बहुत देर होजाते है।