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“डिग्री तो दिखा नहीं पाएं हमसे 1970 से पहले के कागज मांगते हो”

एनआरसी और सीएए यानी की नागरिकता संशोधन एक्ट के लागू होने के बाद से देशभर में हंगामा मचा हुआ है। देश के कोने कोने में हंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र हैदराबा, और पूरा नॉर्थ ईस्ट इस बिल को लेकर सड़कों पर है। पुलिस लाठीचार्ज, आंसू गैस से भी इस उग्र भीड़ को शांत नहीं कर पा रही है। वहीं दिल्ली में तो ये हंगामा इतना उग्र हो गया कि पुलिस पर फायरिंग करने के भी आरोप लगे हैं। जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने शांतिपूर्ण रूप से नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन शुरु किया लेकिन देखते ही देखते ये प्रदर्शन हिंसा में बदल गया और पुलिस वालों और छात्रों के बीच झड़प हुई। इसके बाद रात को आईटीओ में पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर और अगले दिनों में ये सीलमपुर, चांदनी चौक जैसे इलाकों में फैल गया। छात्रों के समर्थन में दूसरे विश्वविद्यालय भी सड़कों पर आ गए और हंगामा बढ़ गया।

एक बार फिर हुआ गौरव वल्लभ v/s संबित पात्रा

जहां एक तरफ जनता खासकर छात्र सरकार के इस फैसले के विरोध में सड़कों पर हैं, तो वहीं विपक्षी नेता भी टीवी चैनलों पर बैठकर सरकार के खिलाफ बातें कर रहे हैं और पूरे मामले को राजनीति की चपेट में ले रहे हैं। कांग्रेस के नेता प्रोफेसर गौरव वल्लाभ ने 17 दिसंबर को भाजपा के संबित पात्रा पर अपने अंदाज में हमला किया। हालांकि लंबे वक्त से देखा जा रहा है कि संबित पात्रा और गौरव वल्लभ के बीच में तीखी नोक-झोंक हो रही है। ज्यादातर गौरव संबित पात्रा पर भारी पड़ते रहे हैं। इस बार बी गौरव ने उन्हें घेरा और अलग ही अंदाज में आरोप लगाए। उन्होंरने एनआरसी और सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) का विरोध किया और पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री नहीं दिखा सकते हैं और लोगों को कहते हैं कि 1970 के दस्तावेज लाकर दिखाएं।

संबित पात्रा ने क्या कहा

इसके जवाब में संबित पात्रा ने कहा कि अभी तक सरकार की तरफ से 1970 या फिर किसी भी साल का कोई जिक्र नहीं किया गया है। जो चीज है ही नहीं, उसकी बात क्यार करनी। आपको बता दें कि छत्तीकसगढ़ सरकार के एक साल पूरा होने पर एबीपी न्यूीज ने शिखर सम्मेिलन नाम से एक कार्यक्रम रखा था, जिसमें वल्ल भ और पात्रा में तीखी नोकझोंक हुई। छत्ती‍सगढ़ सरकार के कामकाज के बारे में तो इसमें कोई खास बात नहीं हुई लेकिन दोनों नेताओं के बीच में एनआरसी, सीएए, जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई पुलिस की कार्रवाई जैसे मुद्दों पर तीखी बहस हुई।

पीएम और स्मृति ईरानी को घेरा

वहीं शो के एंकर ने गौरव वल्लभ से कहा कि सिख शरणार्थियों को भी तो यूपीए सरकार में नागरिकता दी गई थी। जिसमें हंसते हुए उन्होंने कहा कि आपकी सरकार करें तो चमत्कार भाजपा करे तो अत्याचार। गौरव वल्लभ ने इस सवाल के जवाब में भी नरेंद्र मोदी पर हमला किया और कहा कि बिहार और झारखंड के लोग जो असम में काम करने के लिए जाते हैं उनको क्यों घुसपैठिया बोला जाता है? और मैं उन घुसपैठिया बोलने वाले लोगों से पूछना चाहता हूं कि आप साल 1970 के डाक्युमेंट्स मांगते हो और हम आपकी डिग्री मांगते हैं। ये डिग्री तो आपसे दिखाई नहीं गई है और जनता आपको 1970 के कागज दिखाए। वहीं उन्होंने इसमें स्मृति ईरानी की डिग्री को भी बीच में लिया और कहा कि पीएम मोदी और स्मृति ईरानी से उनकी डिग्री मांगते हैं वो तो दिखाते नहीं हो हमसे 1970 की डिग्री मांगते हो। आपको बता दें कि पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की डिग्री को लेकर पहले भी बहुत बवाल हो चुका है।