हमारे देश के प्रधानमंत्री भाषण देने के मामले में बहुत आगे हैं, साथ ही जो वो कहानियां सुनाते हैं उसमें तो उनका कोई तोड़ ही नहीं है। वो तो शायद बचपन में जो नानी और दादी हमें कहानी सुनाती थी, उनसे भी एक कदम आगे निकल गए हैं। दरअसल हमारे प्रधानमंत्री साहेब को एक उपाधी दी गई है कि वो अपनी बातों में बहुत ज्यादा फेंकते है, कई लोग उन्हें फेंकू के नाम से भी पुकारा करते हैं, ऐसा ही कुछ एक बार फिर से सोशल मीडिया पर हो रहा है। दरअसल एक वीडियो वायरल हो रही है जो उन्हें फिर से कहानीकार बना देती है।
इस वीडियो को एक ट्विटर अकाउंट बॉटमलाइंसमैन ने डाला है। जिसे कांग्रेस आईटी सेल की हेड दिव्या स्पंदना ने भी शेयर किया है और इस पर खूब मजे भी लिए हैं। दरअसल हमारे वजीर-ए-आजम बयान देते हैं कि और दावा करते हैं कि उन्होंने पहली बार 1987-1988 में डिजिटल कैमरे को चलाया था, और उस वक्त वो ईमेल यूज किया करते थे। ऐसे में वो जब इतने गरीब थे, फकीर थे, तो उस वक्त उनके पास कैमरा कहां से आया, डिजिटल कैमरा तो आज भी एक चायवाला नहीं ले पाता है।
खैर बात अगर स्पंदना की करें तो उन्होंने पीएम के उसी दावे से जुड़ा एक वीडियो रीट्वीट किया और लिखा कि क्या आप लोगों को मालूम है कि 1988 में नरेंद्र मोदी की ई-मेल आईडी क्या थी? मेरे हिसाब से dud@lol.com होगी। जिस पर उनके फॉलोअर्स और बाकी लोगों ने भी खूब मजे लिए। हालांकि कई भक्त अभी भी नजर आए और वो बचाव में लगे रहे। लोगों के जवाब बहुत ही मजेदार उन्होंने इसमें बेहद ही मजेदार ई-मेल आईडी के नामों के बारे में लिखा जो उस वक्त प्रधानमंत्री साहेब इस्तेमाल करते होंगे।
दिव्या स्पंदना ने जो क्लिप शेयर की थी, उसे बॉटमलाइन्समैन (@chulbulThurram) नाम के हैंडल से ट्वीट किया था। इस वीडियो में पीएम मोदी के हाल ही में एक टीवी इंटरव्यू का हिस्सा था, जिसमें वो कहते हैं कि
शायद देश में…शायद, क्योंकि कोई हो सकता है…मुझे मालूम नहीं। मैंने पहली बार डिजिटल कैमरे का इस्तेमाल किया था। 1987-1988 में। उस समय बहुत कम लोगों के पास ई-मेल रहता था। मेरे यहां तहसील में आडवाणी जी की सभा थी। मैंने डिजिटल कैमरे पर उनका फोटो लिया था, तब कैमरा काफी बड़ा आता था। मेरे पास था। मैंने फोटो निकाला और दिल्ली ट्रांसमिट किया। दूसरे दिन रंगीन फोटो छपा। आडवाणी जी इस पर रह गए थे।
आपको जानकर हैरानी होगी मित्रों कि साल 1990 के दौर में वर्ल्ड वाइड वेब (www) आया, जबकि 1971 में पहला ई-मेल भेजा गया था। इसे ई-मेल का आविष्कार करने वाले और कंप्यूटर प्रोग्रामार रे टॉमलिन्सन ने खुद को ही भेजा था, क्योंकि वो एक टेस्ट मैसेज था। आम लोगों के लिए आधिकारिक तौर पर 1995 में ये आया। लेकिन हमारे पीएम मोदी तो साहेब हैं, हो सकता है उन्होंने एक नए सैटेलाइट का आविष्कार किया हो और खुद के लिए अलग से मोदीमेल तैयार किया हो।
क्योंकि हमारी जानकारी के मुताबिक तो कोडैक ने पहला कंज्यूमर डिजिटल कैमरा (मॉडल- डीसी 40) 28 मार्च, 1995 में लॉन्च (अमेरिका) किया था। लेकिन साहेब के पास तो ये 1988 में ही था। इसके अलावा जो पहले कुछ कैमरे बिके भी थे जो बहुत ही खास लोगों के पास थे, वो भी साल 1989 में जापान से बनकर तैयार हुए थे, तो या तो हमारे साहेब तब भी बहुत खास थे। इतना ही नहीं हमारे साहेब ने 1987 में मेल भी भेज दिया था, जबकि भारत में 15 अगस्त, 1995 को आम लोगों के लिए इंटरनेट सेवा शुरू की गई थी। जो कि विदेश संचार निगम लिमिटेड ने लॉन्च की थी। जबकि विश्व में भी साल 1991 में ही इसकी शुरुआत हुई थी, अब हमारे पीएम साहेब ने कौनसे इंटरनेट के साधन से मेल भेजा इसे समझने के लिए नासा शायद रिसर्च कर रहा है।
बादल और रडार पर मच गई थी रार!
ऐसा पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री के बयान से पता चला हो कि वो बॉलीवुड क्या हॉलीवुड में भी स्क्रिप्टराइटर के रूप में जा सकते हैं, क्योंकि उनकी इमैजिनेशन तो कमाल की है। उन्होंने अपने इसी इंटरव्यू में एक बादल और रडार से जुड़ा बयान भी दिया था, जो कि काफी मजाकिया था। तब बालाकोट एयरस्ट्राइक पर साहेब ने कहा था कि एयर स्ट्राइक के दिन मौसम ठीक नहीं था। उस दिन विशेषज्ञों का मानना था कि स्ट्राइक दूसरे दिन की जाए। लेकिन मैंने उन्हें सलाह दी कि वास्तव में बादल हमारी मदद करेंगे और हमारे लड़ाकू विमान रडार की नजरों में नहीं आएंगे। और देखिए हमारे कहानिकार प्रधानसेवक की भविष्यवाणी कितनी सफल रही।