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अब तो मोदी साहब को किसान में भी आतंकवादी नजर आते हैं

साल 2014 में मोदी साहब ने नारा दिया था, बहुत हुआ किसानों पर अत्याचार, अबकी बार मोदी सरार। इस बात को 6 साल हो घए, 2 बार मोदी सरकार आ घई, लेकिन किसानों पर मोदी सरकार का अत्याचार बढ़ता ही गया है। सरकार के तीनों किसान बिलों का विरोध हो रहा है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान से किसान अब दिल्ली आना चाह रहे हैं, लेकिन हरियाणा की खट्टर सरकार किसानों को किसी दुश्मन की तरह रोक रही है। चुनावों के समय अपने को किसान हितैषी बताने वाली मोदी सरकार अब पूरी तरह से चुप्पी सादे बैठी है।

चुनाव के वक्त कोरोना खत्म हो गया था

भाजपा का कहना है कि दिल्ली में कोरोना फैला हुआ है इसलिए किसानों का आना ठीक नहीं है, लेकिन इन किसानों से बिहार में तो भाजपा ने खूब वोट लिए हैं। क्या बिहार कोरोना मुक्त हो गया है? चुनावों में तो भाजपा ने सभाओं में लाखों लोगों की भीड़ बुलाई थी, क्या तब कोरोना नहीं था? विपक्षी पार्टियों के मना करने के बावजूद बिहार में विधानसभा चुनाव करवाए गए थे। लेकिन अब भाजपा सरकार का मूड बदल गया है और अचानक से उन्हें कोरोना की याद आने लगी है, क्योंकि बिहार में सरकार बना ली है। कहीं चुनाव नहीं है और कहीं पर सरकार गिरानी भी नहीं है। तो इन्हें याद आ रहा है कि कोरोना जैसा भी कुछ है और इसी बहाने किसानों को रोका जाए।

किसान है मोदी साहब आतंकवादी नहीं

मोदी सरकार ने जिस तेजी से बिना कुछ खास चर्चा किए किसानों के लिए 3 कानून बनाए उसी कानून के खिलाफ आज किसान सड़कों पर उतरा है। हरियाणा में भाजपा की खट्टर सरकार किसानों पर हर जुल्म करने पर उतारू है और उनपर भयंकर ठंढ में वाटर कैनन से पानी की बौछार की जा रही है। आंसू गैस छोड़ी जा रही है। हरियाणा और दिल्ली में किसानों को आने से रोकने के लिए सरकार जिस तरह से प्रबंध किए हुए हैं।

उससे सवाल तो खड़ा होता है। हरियाणा के कई बॉर्डर्स सील कर दिए गए हैं। किसानों को रोकने के लिए बैरिकेड्स के साथ पत्थर लगा रखे हैं। इसके साथ बैरिकेड्स पर कंटीली तारें भी लगी है। ताकि किसान अपने ट्रैक्टर और ट्राली लेकर दिल्ली की तरफ किसी भी हाल में न निकल सके। दिल्ली हरियाणा से लगे शहरों में धारा-144 लागू की हुई है। ऐसा लगता है जैसे किसान नहीं कोई आतंकवादी देश में घुस रहा है और सीमा पर जवान उन्हें रोकने के लिए तैयार खड़े है।

मीडिया भी सरकार के साथ

किसानों के प्रति भाजपा सरकार जैसा रवैया ही मीडिया का भी है। मीडिया इस वक्त मोदी सरकार को बचाने की सारी कोशिश कर रही है। कोई इन किसानों के लिए कह रहा है कि इन्हें भड़काया गया है तो एक मीडिया चैनल ने तो इन्हें खालिस्तानी आतंकवादियों से भी जोड़ी दिया है। जी हां टीवी 9 ने चलाया कि पंजाब और हरियाणा के किसानों को खालिस्तान ने मोहरा बनाया है। इस नाम इस चैनल ने पूरा एक प्रोग्राम चलाया हैं।

मीडिया का सरकार की हां में हां मिलाना कितना खतरनाक है आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि देश के लोग भी एक दूसरे को देशद्रोही,नक्सली, पाकिस्तानी कहने लग गए हैं और इसके लिए मोदी सरकार, भाजपा और मीडिया नैरेटिव गढ़ चुके हैं। दरअसल जब से भाजपा की सरकार आयी है तब से एक चीज गौर करने वाली है कि सरकार की नीतियों से पीड़ित होकर कोई भी वर्ग सड़क पर निकलता है, मसलन आंदोलन करें तो भाजपा सरकार और मीडिया उस आंदोलन का कोई न कोई आतंकी, नक्सली, पाकिस्तानी, खालिस्तानी कनेक्शन का प्रोपेगैंडा बना देता है।

इससे भाजपा और मोदी सरकार को फायदा ये होता है कि, आम जनता उनपर कोई सवाल ही नहीं उठाती है। इसकी आड़ में ये लोग बेधड़क अजीबोगरीब फैसले लेते जा रहे हैं और किसी की कोई भी जवाबदेही नहीं है। बाकी सब चाहे चुप्पी साधे रहे लेकिन देश का किसान तो जाग गया है और वो अपने हक की आवाज को लेकर सड़क पर उतर गया है और जिस तरह से उतरा है उससे मोदी साहब की नींद जरूर उड़ गई है।