नई दिल्ली: देश में अनशन और धरने का माहौल चल रहा है. ऐसे में सब एक शख्स को बहुत मिस कर रहे हैं. जी हाँ वही अन्ना हजारे जी. किसान आन्दोलन को लेकर अन्ना का अनशन शुरू होने वाला था. मतलब उन्होंने कुछ एलान-वेलान किया था. लेकिन इस बार अनशन शुरू होने से पहले ही किसी ने जबरन पकड़कर सरकारी जूस पिला दिया. अब ये जूस है ही ऐसा कि बड़े-बड़ों को शांत कर देता है.
जूस के असर तक अनशन स्थगित- सरकारी जूस बड़े कमाल का होता है. कुछ दिनों पहले भी अन्ना हजारे ने अनशन को लेकर घोषणा की थी. लेकिन तब किसी ने पकड़कर जूस पिला दिया था. इस बार फिर से घोषणा की तो किसी ने पकड़कर सरकारी जूस पिला दिया. जूस भी ऐसा कि अन्ना हर बार पी जाते हैं. वाह रे सरकारी जूस, ऐसा पिलाया जाता है कि एक बार पिलाया तो कई-कई महीनों तक अन्ना को प्यास नहीं लगती. आन्दोलन विशेषग्य अन्ना हजारे कुछ-कुछ दिन में अनशन का एलान करते रहते हैं और उनके एलान के बाद ही कोई ना कोई जाता है और उन्हें सरकारी जूस की दो बूँद पिला जाता है.
देखो ये जिन्दा हैं- वेलकम फिल्म का एक सीन याद आ जाता है. जब घुंघरू बाबू को उनकी पत्नी शमशान में जिन्दा देखती है तो कहती है “अरे ये ज़िंदा हैं”. बस ऐसे ही होता है अन्ना के अनशन को लेकर. जेड प्लस सिक्यूरिटी पा चुके अन्ना हजारे जैसे ही कोई अनशन या आन्दोलन करने का विचार बनाते है वैसे ही लोगों के मुंह से निकलता है “अरे ये जिन्दा हैं”. मतलब बीच-बीच में कहाँ गायब हो जाते हैं पता ही नहीं चलता है.
और जैसे ही सामने आते हैं की सरकार का बाँदा जूस लेकर पहुच जाता है. लगता है सरकार ने कह र्क्गा है कि ये पानी भी मांगे तो इनको वही वाला जूस देना जिसे पीकर इनका अनशन दूर भागता है. मुझे तो लग रहा है जैसे ही अनशन शब्द दिमाग में आता है वैसे ही एक बन्दा आकर सरकारी जूस की दो बूंदे मुंह में डालकर चला जाता है. अब जब दो बूँद से पोलियो जा सकता है तो फिर ये तो अनशन का रोग है. कौन सा जन्मजात आया है.
तो भाईओं अगर आप को अनशन की चुल मची है तो पीजिए सरकारी जूस और खुद को रखिये अनशन से कोसो दूर. अब अन्ना से पूछने मत जाना कि वो कौन सा सरकारी जूस पीते हैं. जेड प्लस सिक्यूरिटी वाले मारते बहुत हैं भैया.