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बाप जूता तानता था, बेटे ने बल्ला घुमा दिया

हिंदी में एक कहावत काफी मशहूर है ‘बड़े मियां तो बड़े मियां, छोटे मियां सुभान अल्लाह’, जो अब पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर सटीक बैठ रही है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे ने एक अधिकारी की बल्ले से पिटाई कर दी है, उसके बाद हालांकि वो जेल में डाल दिए गए हैं। लेकिन इस पूरे मामले में बीजेपी और कैलाश विजयवर्गीय दोनों फंसते नजर आ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि कैलाश विजयवर्गीय के लिए ये कोई नई बात हो, वो खुद भी काफी आक्रामक और हिंसक नेता रहे हैं। लगभग ढाई दशक पहले कैलाश ने भी एक अफसर पर जूता तान दिया था और अब उनके विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय ने नगर निगम के अफसर पर क्रिकेट का बल्ला चला दिया है। मध्यप्रदेश में कैलाश विजयवर्गीय की आक्रामक नेता वाली छवि रही है, उनसे जुड़े किस्से हमेशा से ही काफी चर्चाओं में रहते हैं। अब उनके विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय द्वारा गंजी कंपाउंड में स्थित जर्जर मकान को गिराने गए नगर निगम के अमले में शामिल अधिकारी धीरेंद्र बायस पर क्रिकेट का बल्ला चला दिया है, तो उनके बेटे भी कहीं ना कहीं उन्हीं निशानों पर चल रहे हैं।

कैलाश विजयवर्गीय ने ताना था जूता

इस पूरे घटनाक्रम ने कैलाश विजयवर्गीय के राजनीतिक अंदाज की याद दिला दी है। दशकों पहले जब स्थानीय लोगों की पानी की समस्या को लेकर कैलाश विजयवर्गीय नगर निगम आयुक्त के आवास का घेराव करने के लिए पहुंचे थे। तो यहां पर कैलाश विजयवर्गीय ने तब एक अफसर पर जूता तान दिया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के के मिश्रा ने कैलाश विजयवर्गीय द्वारा एक अफसर के सामने जूता ताने होने की तस्वीर को जारी किया है और कहा है कि ये घटना साल 1994 की है, जब कैलाश विजयवर्गीय एक विधायक हुआ करते थे, उनका वहां मेयर हाउस के पास विवाद हुआ और इस दौरान उन्होंने वहां पर तैनात आईपीएस अधिकारी प्रमेाद फलणीकर पर जूता चला दिया था। अब उनके बेटे ने बल्ला चलाया है, यही है संस्कारवान बेटा।

बीजेपी पर हमला कर रही है कांग्रेस

हालांकि राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर बीजेपी की तरफ से लगातार कमलनाथ सरकार पर हमला किया जा रहा है लेकिन ऐसे में जब खुद ही विधायक गुंडागर्दी करे तो फिर सरकार क्या कर सकती है। इसी पर के के मिश्रा ने कहा है कि बल्लभ भवन हिला देने की गीदड़ धमकी देने वाले शिवराज सिंह चौहान ये भी कहते है कि टाइगर अभी जिंदा है, लेकिन आकाश विजयवर्गीय के मामले में टाइगर, मेमना हो गया है। कैलाश विजयवर्गीय और आकाश को करीब से जानने वाले दोनों को काफी अलग-अलग स्वभाव का मानते है। उन लोगों का कहना है कि दोनों की कार्यशैली अलग-अलग है, कैलाश विजयवर्गीय की राजनीति आक्रमक रही है और वो हमेशा से ही राजनीति में तीखे तेवरों के लिए जाने जाते हैं। उनका अपने विरोधियों से निपटने का भी उनका अलग तरीका है, वहीं आकाश अलग है, वो गंभीर है। हालांकि इस घटना के बाद इन लोगों को भी समझ नहीं आ रहा है कि आकाश कैसे हैं।

आकाश के बयान की भी हो रही है थू-थू

आकाश का अफसर को पीटने के बाद के बयान की भी खूब चर्चा हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी ने सिखाया है कि पहले आवेदन फिर निवेदन और फिर दे दनादन। हमने हाथ जोड़कर कई बार निवेदन किया, अभी तो ये सिर्फ शुरुआत है। अब यह लड़ाई इनके खात्मे के साथ ही खत्म होगी। गौरतलब है कि इंदौर के गंजी कंपाउंड में एक जर्जर मकान को गिराने गए नगर निगम के अमले के अधिकारी की आकाश ने क्रिकेट के बल्ले से पिटाई कर दी थी और इस घटना के बाद आकाश जेल में भी पहुंच गया हैं। लेकिन एक विधायक का इस तरह का रवैया रखना काफी हैरानी भरा है और वो भी तब जब प्रधानमंत्री मोदी देश में सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की बात करते हैं।