हमारे गांव में एक लड़का था. वो दिनभर अपने बाप को खूब गरियाता था. एक ही काम था जिसे वो पूरे मन से करता था वो है बाप को पूरी शिद्द्त के साथ गाली देना। बाकी काम धंधा कुछ नहीं एकदम निकम्मा। बाप की संपत्ति बेचकर अपनी ब्रांडिंग करता बढ़िया कपडे पहनता और कहता मेरे बाप ने बनाया ही क्या है. वैसा ही वर्तमान सरकार का हाल है. पिछली सरकारों की बनाई संपत्ति बेचकर सरकार कह रही हैं की आज तक उन्होंने किया ही क्या है.
खबर आई है की सरकार 60 खबर की संपत्ति NMP योजना के तहत बेचने वाली है. इसका पूरा नाम है नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन. सरकार का कहना है कि हम सम्पत्तियाँ बेचेंगे लेकिन हम मालिक बने रहेंगे। मालिकाना हक हमारे पास होगा। ये मालिकाना हक वैसे ही है जैसे कंपनी दिखाती है चालीस हजार महीना और मिलता है 12 हजार और फिर कंपनी कहती है बाकि पैसे पर भी आपका ही मालिकाना हक़ है. ये बहुतों के साथ हो चुका है इसलिए आसानी से समझ जाओगे। अब सरकार के पास कुछ ऐसा ही मालिकाना हक़ रहेगा।
लड़का पूरा दिन बाप को गरियाता रहता और कहता की उसने जिंदगी में कुछ नहीं किया है. सारी संपत्ति दूसरों को खिला दी, पड़ोसियों को खिला दी और खुद बर्बाद हो गया. सबसे बड़ी बात की लड़के ने ये सब बोलने के लिए दो चार लोग भी लगा रखे थे जो गांव में उसका समर्थन करते थे और चिल्लाकर पूरा दिन लड़के के बाप की बुराई करते थे. एक दिन कर्जा मांगने वाले लड़के के पास पहुंचे तो लड़के ने बाप को गरियाते हुए कहा कि अरे ये जमीन के कागज में दस्तखत ही नहीं कर रहा है की बेचकर तुम्हारे पैसे चुका दूँ.
सामने वाले ने पूछ लिया कि “अजी आप कुछ नहीं करते क्या”. गुस्से से तमतमाया लड़का बोला “मेरे बाप से आज तक इतने सालो में तुमनें कभी सवाल किया है. कहाँ थे जब मेरा बाप सारी जमीन दूसरों को दे रहा था. मुझे तो मालिकाना हक मिले चार साल ही हुए हैं और मैं इतने कम समय में क्या कर लूँगा” अब आपको ये सारे बातें सरकार से जुडी हुई लग रही होंगी लेकिन ऐसा नहीं है. हो सकता है ये महज एक संयोग हो, धारावाहिक की तरह.
सवाल सबसे बड़ा है कि अगर पिछली सरकारों ने कुछ बनाया ही नहीं है तो अभी की सरकार बेच क्या रही है. बेचने के लिए खुद तो कुछ बनाया नहीं है अभी तक. अगर इंदौर एयरपोर्ट बेचने का मन है तो वो आज तो नहीं बना है. वो तो पिछली सरकारों के दौरान ही बना है लेकिन सरकार तो बेच रही है. बस वही लड़के वाला हाल है. 60 खबर की संपत्ति बेचने के बाद भी सरकार यही कहेगी “अगर आज थोड़ा काम पिछली सरकारों ने किया होता तो मेरे पास बेचने के लिए चार छ एयरपोर्ट और स्टेशन भी होते”