TaazaTadka

गुजरात में इन 3 नेताओं से थी कांग्रेस को उम्मीद, लेकिन बिगड़ गया पूरा खेल

लोकसभा चुनाव 2019 में इस बार हर कोई गुजरात में एक कांटेदार मुकाबले की उम्मीद कर रहा था। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य की सभी 25 सीटों पर कब्जा किया था। साल 2014 में बीजेपी ने जहां एकतरफा जीत हासिल की थी तो वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को जबरदस्त मुकाबला दिया था। मतगणना के दौरान एक बार तो ऐसा भी लगने लगा था कि राज्य में कांग्रेस की ही सरकार बनने जा रही थी। लेकिन अंत में किसी तरह से बीजेपी को बहुमत मिला था। बीजेपी को 2017 विधानसभा चुनाव में 99 और कांग्रेस को 80 सीटें मिली थी।

कांग्रेस के इस प्रदर्शन के पीछे तीन युवाओं का हाथ था। ये नेता हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवानी और अल्पेश ठाकोर थे। लेकिन जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव 2019 नजदीक आने लगे, तो हालात बदल गए। एक नेता चुनाव लड़ने से अयोग्य हो गया तो एक ने कांग्रेस छोड़ दी और दूसरा नेता गुजारत के बाहर कहीं और ही चुनाव प्रचार कर रहा है।

हार्दिक पटेल

पाटीदार आंदोलन से मशहूर हुए हार्दिक पटेल लंबे वक्त तक बीजेपी का विरोध करते रहे। विधानसभा चुनाव से ही वो कांग्रेस का साथ देते रहे थे। उन्होंने बीजेपी के खिलाफ जमकर प्रचार किया। मार्च 2019 को वो औपचारिक रूप से कांग्रेस में शामिल हुए और जामनगर से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। लेकिन उन्हें कोर्ट ने झटका दिया और वो 2015 के मेहसाणा दंगों के मामले में दो साल की सजा की वजह से चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।

अल्पेश ठाकोर

कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका अल्पेश ठाकोर ने दिया, उन्होंने कांग्रेस को ही छोड़ दिया। दरअसल अल्पेश ठाकोर लोकसभा चुनाव में टिकट चाहते थे, जो कांग्रेस ने उन्हें देने से मना कर दिया। जिसके बाद उन्होंने 2 अन्य विधायकों के साथ पार्टी छोड़ दी। गौरतलब है कि वो कांग्रेस के लिए काफी ज्यादा प्रचार करते थे। साथ ही उनके बीजेपी में भी शामिल होने की खबर सामने आई थी, जिसे उन्होंने मना कर दिया।

जिग्नेश मेवाणी

साल 2017 विधानसभा चुनाव में जिग्नेश मेवाणी ने वडनगर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता था। इसके बाद वो कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ प्रचार करते थे। लेकिन इन दिनों वो बेगूसराय में कन्हैया कुमार के प्रचार में लगे हुए हैं। इससे पहले वो कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान विधानसभा चुनावों के दौरान मोदी सरकार और बीजेपी के खिलाफ चुनाव प्रचार कर चुके हैं।

कांग्रेस हुई कमजोर

अगर इन नेताओं की अनुपस्थिति देखी जाए तो गुजरात में कांग्रेस के लिए मुकाबला काफी मुश्किल हो गया है। कांग्रेस यहां पहले ही बीजेपी के सामने कमजोर साबित हो रही है। ऐसे में उसके लिए लड़ाई और भी ज्यादा मुश्किल हो गई है। गुजरात में मोदी-शाह की जोड़ी को तोड़ पाना अब कांग्रेस के लिए और भी ज्यादा मुश्किल हो गया है।