शहद या हनी हमेशा स्वादिस्ट और पौस्टिक पदार्थ रहा है ,जो भारतीयों के रसोई में पाया जाता है। इसके साथ ही सदियों से इसका प्रयोग दवा के रूप में भी होता रहा है। प्राचीन मिस्र में इसे त्वचा और आंखों की बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता था और जख्मों तथा जलने के दागों पर प्राकृतिक बैंडेज के रूप में लगाया जाता था।
शहद को गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से लाल रक्त कोशिकाओं पर असर पड़ता है। ये कोशिकाए मुख्य रूप से रक्त को शरीर के भिन्न -भिन्न हिस्सों में पहुंचाते है। यही नहीं गुनगुने पानी में शहद को मिलाकर पीने से खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ जाती है। जिससे अनीमिया या खून की कमी की स्थिति में फायदा होता है। आयरन की कमी यानी एनीमिया की स्थिति तब आती है जब आहार में लौह तत्व को कम मात्रा में ग्रहण किया जाता है या शरीर उसे पर्याप्त रूप से सोख नहीं पाता।
इससे रक्त की ऑक्सीजन ढोने की क्षमता प्रभावित होती है। ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता कम होने से थकान, सांस फूलना और कई बार उदासी और दूसरी समस्याएं होती हैं। शहद रक्त की ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता को बढ़ाते हुए इन समस्याओं को कम कर सकता है।
शहद का नियमित सेवन सर्कुलेटरी सिस्टम और रक्त की केमिस्ट्री में संतुलन को पाने में न सिर्फ आपकी मदद करता है, बल्कि आपको ऊर्जावान और फुर्तीला भी बनाए रखता है|
शहद का सेवन हमे रक्तचाप से भी बचता है या हमे दूर रखता हैयोग का नियमित अभ्यास करने वाले व शरीर को खास तरह की प्रक्रिया में ढालने वाले लोगों के लिए अपने सर्कुलेटरी सिस्टम और रक्त की केमिस्ट्री में संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी होता है। शहद का नियमित सेवन इस संतुलन को पाने में न सिर्फ आपकी मदद करता है, बल्कि आपको अपेक्षा कृत ऊर्जावान और फुर्तीला भी बनाए रखता है।
इसके भी कुछ प्रारंभिक प्रमाण हैं कि शहद कीमोथैरेपी के मरीजों में श्वेत रक्त कोशिकाओं (डब्ल्यूबीसी) की संख्या को कम होने से रोक सकता है।
चीनी के तुलना में शहद शरीर को कम या नुकसान नहीं करता है। उसमें करीब 30 फीसदी ग्लूकोज और 40 फीसदी फ्रक्टोज होता है यानि दो मोनोसेकाराइड या सिंपल शुगर और 20 फीसदी दूसरे कांप्लेक्स शुगर होते हैं। शहद में एक स्टार्ची फाइबर डेक्सट्रिन भी होता है। यह मिश्रण शरीर में रक्त शर्करा का स्तर संतुलित रखता है।
एक अनार का ताजा रस लेकर उसमें एक बड़ा चम्मच शहद मिलाएं। रोजाना सुबह खाली पेट लें। इससे दिल हमेशा दुरुस्त रहेगा।
शहद कब्ज, पेट फूलने और गैस में लाभकारी होता है क्योंकि यह एक हल्का लैक्सेटिव है। शहद में प्रोबायोटिक या सहायक बैक्टीरिया भी प्रचुर मात्रा में होते हैं जो पाचन में मदद करते हैं, प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाते हैं|
तो हम भी शहद का नियमित सेवन कर सकते है और शरीर को स्वस्थ रख सकते है।