कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बावजूद अमेरिका सहित कई देशों को कारखानों, दुकानों, यात्रा और जन गतिविधियों को फिर से खोलने के दबाव का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही कुछ भारत में भी होने वाला है और गिरते बाजार की वजह से कई राज्यों में लॉकडाउन में छूट देने का काम किया जा रहा है। दरअसल कोरोना वायरस से बचने के लिए सबसे असरदार तरीका लॉकडाउन ही माना जा रहा है लेकिन इसका नुकसान आर्थिक मोर्चे पर हो रहा है। लोगों की नौकरियां जा रही है छोटी कंपनियां बंद हो रही हैं। ऐसे में सरकारों के सामने कोरोना वायरस के खतरे को कम से कम करते हुए लॉकडाउन से बाहर निकलने की बड़ी चुनौती है। ये कैसे किया जाए, इसका एक उदाहरण उस जगह से भी मिलता है, जहां से कोरोना वायरस की शुरुआत हुई थी, यानी कि वुहान।
कोरोना वायरस का पहला केस दिसंबर 2019 में सामने आया था, जिसके बाद वुहान में 23 जनवरी 2020 को लॉकडाउन लगाया गया था। लॉकडाउन के वक्त शहर की तरफ जाने वाली और शहर से आने वाली गाड़ियों को बंद कर दिया गया था। स्कूलों-कॉलेजों की छुट्टियों को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया गया था और खाने और दवाइयों जैसी जरूरी चीजों के अलावा सभी की दुकानें बंद करा दी गई थीं। ज्यादा संक्रमण वाले इलाकों में लोग पूरी तरह घरों में कैद हो गए थे, जबकि कुछ इलाकों में परिवार के एक सदस्य को हर दो दिन में जरूरी चीजें खरीदने के लिए बाहर जाने की अनुमति दी गई थी। इस लॉकडाउन की वजह से शहर में लगभग 1.1 लाख लोग फंस गए थे।
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वुहान में लॉकडाउन हट गया है लेकिन एक साथ नहीं। 25 मार्च को पहला कदम उठाया गया था, जब लॉकडाउन के बीच पहली बार शहर के अंदर बस सेवा शुरू हुई। इसके बाद 8 अप्रैल को वुहान का लॉकडाउन खत्म हो गया। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आगाह किया कि संक्रमण बढ़ने का खतरा अभी पूरी तरह से दूर नहीं हुआ है और ऐसे में अभी भी इस तरह के ऐहतियाती उपाय लागू हैं। जैसे कि कहीं आने जाने के लिए लोगों के पास एक स्मार्ट फोन एप्लिकेशन का होना अनिवार्य है, जिससे ये पुष्टि हो सके कि वो स्वस्थ हैं और किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए हैं। इसके अलावा रेजिडेंशियल सोसाइटी में मामले सामने आने की स्थिति में लोगों पर अंदर ही रहने का सरकार दबाव बना सकती हैं। वहीं शहर की कंपनियां कर्मचारियों से काम पर लौटने से पहले कोरोना टेस्ट कराने को कह रही हैं।
कुल संक्रमित मामलों के आधार पर कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की लिस्ट में अमेरिका टॉप पर है और इस लिस्ट में उसके बाद स्पेन, इटली, फ्रांस और जर्मनी का नंबर है। इन सभी देशों में फिलहाल कोरोना वायरस से निपटने के लिए पाबंदियां जारी हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 16 अप्रैल को राज्यों के लिए उनकी अर्थव्यस्था खोलने को गाइडलाइन्स जारी की थीं। इस बीच कुछ राज्यों ने कुछ ढील का ऐलान भी किया है।
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ट्रंप 1 मई तक अमेरिका में लागू लॉकडाउन में ढील देने की तरफ बढ़ रहे हैं। वहीं स्पेन में सरकार ने कंस्ट्रक्शन और मैन्युफैक्चरिंग के काम को बहाल करने का फैसला किया है और बाकी कारोबार को भी बहाल करने की दिशा में बढ़ा जा रहा है। हालांकि वहां अभी स्कूल और रेस्टोरेंट बंद ही रहेंगे। सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर फिलहाल बरकरार है। इटली में कोरोना से प्रभावित इलाकों में लॉकडाउन जारी है। बाकी हिस्सों में सीमित ग्राहकों की संख्या के साथ बच्चों के कपड़ों और किताबों की दुकानें खोली जा सकती हैं। लकड़ी से जुड़े प्रोडक्शन को भी अनुमति दे दी गई है। वहीं फ्रांस में 11 मई तक लॉकडाउन लागू है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वहां जल्द ही इससे बाहर निकलने का प्लान सामने आने वाला है।