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सियाचिन ग्लेशियर को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है। एक ओर भारत की सेना तो दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना यहां हमेशा आंख गड़ाए बैठी हुई नजर आ जाती है।

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ITS HER CHOICE वाली कंगना और आमिर में क्यों है बहुत फर्क?

कंगना हाल ही में कहती है कि उन्हें मुंबई अब पीओके जैसा लगता है। पीओके से हम लोग अच्छी तरह से वाकिफ है उसे हम लोग आतंकियों का अड्डा मानते हैं।
Logic Taranjeet 7 September 2020
ITS HER CHOIC वाली कंगना और आमिर में क्यों है बहुत फर्क?

भारत में एक वक्त में एक सुनामी आती है, जिसमें हर कोई भेड़-चाल का हिस्सा बन जाता है। चाहे वो नेता हो, अभिनेता हो या फिर कोई मुद्दा हो, इस वक्त भी देश में ऐसा ही कुछ है। सब मान चुके हैं अगर हमें भारत में रहना है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर बात का समर्थन करना पड़ेगा नहीं तो आपको मुल्ला, चमचा, लिब्रांडू जैसे शब्दों से नवाजा जाएगा।

दूसरी तरफ अगर आप खान, कपूर, या रिया के पक्ष में एक बात कह देते हैं तो आपके लिए कहा जाएगा कि आपको सुशांत की मौत से जरा भी दुख नहीं हुआ। आप बेहद ही क्रूर साबित कर दिए जाएंगे। इसके अलावा अगर आपने अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, गरीबी, मजदूरों से जुड़ा कोई सवाल मौजूदा केंद्र सरकार से पूछ लिया तो आपको कहा जाएगा कि जाओ पहले नेहरू से पूछो, फलां वक्त में फलां कांग्रेसी नेता ने ऐसा किया था, तुम तब क्यों चुप थे। तो ऐसे तर्कों से बचने के लिए इंसान सोचता है कि छोड़ो क्या ही बोले।

कंगना के खिलाफ बोल नहीं सकोगे!

इस वक्त एक अभिनेत्री को पूरे देश ने झांसी की रानी मान लिया है लेकिन कोई तर्क नहीं है उनके पास। वजह बस साफ है कि वो खान, कपूर, जैसे अभिनेताओं के खिलाफ जहर उगलती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ करती है। ऐसे में अगर आप उनके खिलाफ एक शब्द कहते हैं तो सोशल मीडिया पर आपकी बैंड बजा दी जाती है। अलग अलग नामों से आपको पुकारा जाता है। वहीं कुछ मीडिया वाले भी जो इस कड़ी में जुड़ें हैं वो भी इस अभिनेत्री की तारीफ करते रह जाते हैं। ये अभिनेत्री और कोई नहीं बल्कि खुद के ही शब्दों में क्वीन है। जी हां कंगना रनौत।

क्यों उगल रही हैं कंगना इतना जहर?

कंगना रनौत सुशांत सिंह राजपूत केस में बहुत आग लगा चुकी है। नेपोटिज्म, ड्रग्स, जैसे मामलों को तो वो बीच में डाल चुकी है। और लोगों ने भी उन्हें मोदी जी की तरह अपना लिया है, क्योंकि तर्क नहीं किए जाते हैं। एक सवाल मैं हमेशा करता हूं कि अगर कंगना को बॉलीवुड से इतनी दिक्कत है तो क्यों हैं वो इश इंडस्ट्री में? क्यों करती है वो उन डायरेक्टर्स प्रोड्यूसर्स के साथ काम जो इंडस्ट्री को बर्बाद करते हैं।

सुशांत से पहले उन्होंने कभी इस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया? लेकिन ये सवाल अगर मैं करूंगा तो मुझे महिला विरोधी कहा जा सकता है, कुछ लोग तो मुझे ITS HER CHOICE वाला नारा भी चेप देंगे। मैं ये नहीं कहूंगा कि आप बॉलीवुड में काम मत करिये, लेकिन कम से कम जो आपको रोटी दे रहा है उसकी इज्जत करिये।

मुंबई लगता है पीओके जैसा!

कंगना हाल ही में कहती है कि उन्हें मुंबई अब पीओके जैसा लगता है। पीओके से हम लोग अच्छी तरह से वाकिफ है उसे हम लोग आतंकियों का अड्डा मानते हैं। तभी तो मोदी जी ने भी उसी जगह पर हमला किया था। अगर आप मुंबई को पीओके कहती हैं तो इसका मतलब है कि आप कहती है मुंबई वाले आतंकवादी है। इसका मतलब है कि वहां से देश को तोड़ा जा रहा है, वीर मराठा आतंकवादी है। इस बेहुदगी के बाद भी आप शर्म के साथ मुंबई वालों से माफी नहीं मांगती है। बल्कि अपने घमंड में और उलझती है।

आमिर और नसीरुद्दीन जैसा सलूक क्यों नहीं?

आपको याद होगा कुछ वक्त पहले आमिर खान, नसीरूद्दीन शाह ने भी कहा था कि उन्हें भारत में डर लगता है। ऐसी ही टिप्पणी जब वो करते हैं तो उन्हें हमारे समाज ने पाकिस्तान जाने की टिकट पकड़ा दी थी। लेकिन जब कंगना कहती है कि उन्हें मुंबई पीओके जैसा लगता है और वो सुरक्षित नहीं है। उन्होंने पुलिस वालों पर टिप्पणी की, तब ये समाज कहां सो गया? चलिये अब करिये हिम्मत और कंगना को नेपाल की टिकट दे देते हैं।

लेकिन आप ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि ना तो आप तर्क में विश्वास रखते हैं और ना ही कंगना मुसलमान है। हां अगर ऐसा कुछ खान ने बोला होता तो अभी तक एक वर्ग पने उनके पुतले जला दिए होते, आतंकी, देशविरोधी कह दिया होता, उन्हें सलाह दे दी जाती की बंटवारे के वक्त ही पाकिस्तान चले जाना चाहिए था। लेकिन ये सारी जुबानें कंगना के वक्त पर बंद रहेंगी क्योंकि इनके पीछे तो भारतीय जनता पार्टी खड़ी है और खुद नरेंद्र मोदी भी साथ दे चुके हैं।

Taranjeet

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A writer, poet, artist, anchor and journalist.