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कैलाश पर्वत पर एक वर्ष रुक गए तो मानो ३० वर्ष की जिंदगी ख़त्म

कैलाश पर्वत व्यक्ति की उम्र निरंतर बढ़ती रहती है। यहाँ के ऐसे तापमान की वजह से यहाँ आने वाले लोगो की उम्र में बलदाव दिखाई देता है।
Information Komal Yadav 22 July 2020
कैलाश पर्वत पर एक वर्ष रुक गए तो मानो ३० वर्ष की जिंदगी ख़त्म

 ऐसा कहा जाता है की कैलाश पर्वत व्यक्ति की उम्र निरंतर बढ़ती रहती है। यहाँ के ऐसे तापमान की वजह से यहाँ आने वाले लोगो की उम्र में बलदाव दिखाई देता है। यहाँ एक दिन गुजरना अर्थात हम हमारी १ माह की जिंदगी जी चुके होते है। यहाँ पर पर्वत की तलहटी में समय काफी तेज गति से चलता है। सामान्यतः व्यक्ति के हाथ और पैर के नाख़ून एक हप्ते में बढ़ते है पर यहाँ केवल १२ घंटो में बढ़ जाते है। अगर वयक्ति ने सुबह बढ़िया से सेव किया है तो शाम तक तो उसके बाल फिर से निकल आते है। इसकी खोज तो वैज्ञानिक भी नहीं कर पाए कि ऐसा क्यों होता है।

ऐसा कहा जाता है कई पर्वतारोही यहाँ आकर अपनी जान को जोखिम में डालकर ३६५ दिन तक रुकते है और यहाँ के रहस्यों की जानकारी हम तक पहुंचाते है। इन लोगो का कहना है कि यहाँ पर ये लोग अलग-अलग रहस्यों की खोज करते है। और इन्ही लोगो द्वारा हमे पता चला है कि यहाँ का १ वर्ष भी ३० वर्ष के सामान है।

रशियन पर्वतारोहियों का कैलाश पर्वत का अपना अनुभव :

यहाँ के कुछ पर्वतारोही कैलाश की यात्रा करने और इसके बारे में जाने आये थे। ऐसा कहा जाता है जब वे लोग वापस लौटे तो उनका शरीर एकदम अस्त-व्यस्त हो चूका था आँखें अंदर जा चुकी थी मनो उनके शरीर में जान ही न बची हो।

हालाँकि उन लोगो के वहाँ से लौटने के ४ दिन बाद ही मृत्यु हो गई थी। हमे ये तो पता है की वहां जाना मुश्किल है मगर इतना मुश्किल था ये तो आज पता चला।

ऐसा माना जाता है पर्वत पर चढ़ाई करते वक्त पर्वतारोहियों को चेतावनी मिल जाती है कोई अदृश्य सहक्ति उन्हें सचेत कर देती है उस चेतवानी को मानकर जो वापस लौट आया मानो वो तो बच गया पर उसे नहीं मानता है उसकी मौत निश्चित है। पर्वतआरोहियो का कहना है की पर्वत की तलहटी से जुड़ते ही हमारी उम्र काफी तेजी से बढ़ने लगती है। हमरे नाख़ून ,बाल बड़ी ही तीव्रता से बढ़ते है। यहाँ पर लोगो को किसी अदृश्य शक्ति का एहसास होता है। यहाँ पर कभी-कभी अलौकिक रोशनिया आसमान में दिखाई देती है।

कैलाश पर्वत पर चढ़ने वाला एकमात्र सफल व्यक्ति मिलारेपा:

मिलारेपा के आलावा आज तक किसी की भी इस पर्वत के शिखर पर जाने की हिम्मत ही नहीं हुई। जाना की कोशिश तो बोहोत लोगो ने की पर कोई पहुंच ही नहीं पाया आज तक मिलारेपा कोई इसके शिखर को नहीं छू पाया है और न कोई छू पायेगा। ऐसा कहा जाता की कोई दिव्यशक्ति लोगो को शिखर तक पोहोचने ही नहीं देती है।

यहाँ अगर कोई वयक्ति १ माह बिता ले तो ऐसा कहा जायेगा की वो अपनी डेढ़ साल की जिंदगी जी चूका है। यहाँ उम्र कब निकल जाती है पता ही नहीं चलता है। कई लोगो ने तो ये भी बताया है,

यहाँ ॐ और भगवान शिव के डमरू का नाद भी सुनाई पड़ता है। अब यर तो पता नहीं की सच है झूठ लेकिन लोगो की मान्यता है की वहां आज भी भगवान शिव स्वयं बिराजमान है। इसलिए कोई उस पर्वत के शिखर तक नहीं पहुंच पाता है।

यूरी और पॉल का अनुभव जब कैलाश से निकलने लगी तरंग:

आज तक लोग और हमारे वैज्ञानिक भाई बहन ये नहीं पता लगा पाए कि क्या सच में कैलाश पर कोई अदृश्य शक्ति है भी या नहीं। लेकिन कई पर्वतारोहीयो ने अपनी आपबीती बताई है कि उनके साथ वहां क्या-क्या हुआ है। उनमे से एक है यूरी जाकारोव और उनके बेटे पॉल। यूरी और पॉल रशिया के रहने वाले थे इन लोगो को जाने के लिए कोई लीगल परमिशन नहीं ली थी और ये लोग चीन से गैरकानूनी ढंग से इजाजत लेकर कैलाश पर आये थे वे लोग यहाँ पर केम्प डालकर रहने वाले थे लेकिन तभी उनके साथ कुछ ऐसा हो शायद ही उन्होंने कभी अपनी जिंदगी में देखा हो।

वे लोग जिस दिन वहां गए उसी रात कैलाश पर्वत पर से कुछ अलग सी तरंगे निकलने लगी, और कई तरह की रोशनियाँ उनके आस-पास चमकने लगी ऐसा लगा मानो कोई शक्ति इनको अपना अस्तित्व बताना चाहती थी। और दूसरे ही दिन सुबह वो लोग वहां से वापस लौट गए।

दुनिया के सभी वैज्ञानिको का कहना है कि यहाँ की बढ़ती उम्र की गुत्थी तो कभी नहीं सुलझ पाएगी। लेकिन यहाँ के अद्भुत आनंद का हिस्सा बनने के लिए लोग अपनी जान की परवाह किये बिना इस पर्वत पर जाने के लिए तैयार है। लोगो का कहना है कि शायद भगवान शिव की लीला से ही यह सब होता है।

Komal Yadav

Komal Yadav

A Writer, Poet and Commerce Student