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कानपूर के लोगों से गुटखा थुकवाकर रखी जाएगी यूपी में फिल्म सिटी की आधारशिला

लम्बे समय से गुटखा का सेवन कर रहे झल्लू चाचा बता रहे थे कि अगर थूकते समय एक दो अपशब्द सामने वाले को बोल दिया जाए तो प्रतियोगिता में आपका महत्व बढ़ जाएगा.
Troll Ambresh Dwivedi 24 September 2020
कानपूर के लोगों से गुटखा थुकवाकर रखी जाएगी यूपी में फिल्म सिटी की आधारशिला

नई दिल्ली:

“हम तोहरा म एतना छेद करब की बिल्लिआय जाबा की सांस कहा से लेई और *** कहाँ से”. बहुत जल्द ही परदे पर आपको ये डायलाग सुनने को मिल सकता है क्योकि यूपी में फिल्म सिटी का निर्माण होने जा रहा है. लेकिन इसका उद्घाटन शानदार तरीके से होगा. जानकारी मिली है कि कानपुर से विशेष अतिथि बुलाए जाएँगे जो गुटखा थूंकते हुए इस फिल्म सिटी की आधारशिला रखेंगे.

आयोजित किया जाएगा कम्पटीशन

फिल्म सिटी की आधारशिला रखने के लिए जो लोग बुलाए जाएँगे वो सामान्य नहीं होंगे. बल्कि यूपी के सबसे बेहेतरीन गुटखा थुकईया द्वारा ये शुभ कार्य करवाया जाएगा. इसके लिए एक प्रतियोगिता कानपुर के पनकी में आयोजित होने जा रहा है. इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए आपके पास ये योग्यताएं होने चाहिए.

पहले तो आपको कम से कम आठ साल का गुटखा खाने का अनुभव होना चाहिए वो भी जर्दे वाला. इसके अलावा अधिक मात्रा में थूंक आपके मुंह से निकलना चाहिए. गुटखा खाते समय तरीके से बोल लेने की कला भी आपके अंदर होनी चाहिए. महंगा गुटखा खाने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी.

मिलेंगी ये सुविधाएं

फिल्म सिटी की आधारशिला रखने के लिए जब आप वहां एक प्रतिभागी के रूप में जाएँगे तो आपको वहां पर कई सारी सुविधाएँ मिलेगी. जैसे आपको एक उच्च ब्रांड का गुटखा दिया जाएगा. इसके अलावा आपको उसे चबाने के लिए कम से कम दस मिनट का समय दिया जाएगा. इसके बाद आप अपनी कला का प्रदर्शन कर सकते हैं.

लाल रंग की होगी फिल्म सिटी

सरकार ने कहा कि फिल्म सिटी का रंग सफ़ेद या किसी और रंग में नहीं बल्कि लाल रखा जाएगा. अब लाल क्यूँ होगा अगर आप थोड़ा दिमाग लगायेंगे तो आपको पता चल जाएगा.

तो बात साफ़ है कि आपको इस प्रतियोगिता में भाग लेना है तो अपने अंदर एक खास किस्म की कला का विकास करना होगा. लम्बे समय से गुटखा का सेवन कर रहे झल्लू चाचा बता रहे थे कि अगर थूकते समय एक दो अपशब्द सामने वाले को बोल दिया जाए तो प्रतियोगिता में आपका महत्व बढ़ जाएगा.

Ambresh Dwivedi

Ambresh Dwivedi

एक इंजीनियरिंग का लड़का जिसने वही करना शुरू किया जिसमे उसका मन लगता था. कुछ ऐसी कहानियां लिखना जिसे पढने के बाद हर एक पाठक उस जगह खुद को महसूस करने लगे. कभी-कभी ट्रोल करने का मन करता है. बाकी आप पढ़ेंगे तो खुद जानेंगे.