हमारे देश में या कही भी वहाँ पर मैंने वाले देवी देवताओं की पूजा यूँ तो आम बात है | किन्तु क्या आप जानते हैं एक जगह भारत में ऐसा भी है जहाँ एक राक्षस की पूजा होती है | तो आइये आपको बताते हैं कहाँ है ऐसा मंदिर और क्यों होती है वहां एक राक्षसिन की पूजा | दरअसल कुल्लू, मनाली में हिडिम्बा माता का मंदिर है जो कुल्लू राजवंश के लिए विषेशकर पूजनीय है |
कुल्लू का हिडिम्बा मंदिर-
हिडिम्बा भीम की पत्नी का नाम था। कुल्लू राजवंश हिडिम्बा को अपना कुलदेवी के रूप में स्वीकार किया है। इनका ऐतिहासिक मंदिर मनाली से लगभग 1 किलोमीटर दूर डूंगरी में स्थित है। जहा दर्शनार्थी दरसन के लिए आते रहते है।
कौन थी हिडिम्बा ?
हिडिम्बा राक्षश हिडिम्ब की बहन थी ,जो भोजन की तालाश में पांडवो को मरना चाहता था लेकिन युद्द में भीम हिडिम्ब को मार डालता है, इसलिए बहन हिडिम्बा बदला लेने के लिए भीम को मारना चाहती थी ,लेकिन जब वो भीम को देखती है तो भीम पे मोहित हो जाती है ,और भीम से प्यार करने लगती है। बाद में इसी हिडिम्बा से भीम की शादी हो जाती है। घटोक्च इन्ही दोनों का पुत्र रहता है ,जो महाभारत के युद्ध में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
कैसी हिंडिबा और भीम की शादी?
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में मनाली में देवी हिडिम्बा का मंदिर है। जब जुए में पांडव अपना सबकुछ हार जाते है ,तो दुर्योधन शर्त के अनुसार इनको वारणावत नाम के जगह भेज देता है। यही पर दुर्योधन पांडवो को महल में जिन्दा जलाने की साजिश करता है ,लेकिन समय रहते पांडवो को इसका पता चल जाता है और वो लोग सुरंग के रास्ते जंगल में निकल जाते है।
उस जंगल में हिडिम्ब रहता था उसने अपनी बेहेन को पांडवो को पकड़ कर भोजन के लिए लाने को कहा ,हिडिम्बा पांडवो की तलाश में जाती है जहा उसकी मुलाकात भीम से होती है और वो उनपर मोहित हो जाती है। भीम के परिचय पूछने पर वो अपना और अपने भाई परिचय देती है ,तभी हिडिम्ब भी आ जाता है और यह सब देखकर क्रोधित होकर अपनी बहन हिडिम्बा पर वार करता है ,लेकिन भीम हिडिम्ब को मारकर हिडिम्बा को बचा लेता है।
भीम से विवाह के बाद हिडिम्बा मानवी बन जाती है ,और अब वो देवी के रूप में पूजी जाती है। मनाली में इनका बहुत भव्य और सुंदर मंदिर है। यहाँ पर देवी को ग्राम देवी के रूप में भी पूजा जाता है।