लोकसभा चुनाव वैसे तो आम चुनाव होता है तो जाहिर सी बात है कि ये आम जनता के लिए ही होता है…उसकी समस्य़ाओं के निवारण में लोकसभा चुनाव की एक बड़ी भूमिका रहती है…
लोकतंत्र का सीधा तात्पर्य होता है कि जनता का जनता के लिए जनता के द्वारा शासन…लेकिन वास्तव में राजनीति में होता कुछ और ही है…यहां पार्टी केवल अपने सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिए उम्मीदवार के बारे में ज्यादा रिसर्च करें बिना ही उसे मैदान में उतारने को तैयार हो जाती है…क्योकिं उसका केवल एक ही मकसद होता है संसद में अपनी पार्टी के सदस्यों का ज्यादा संख्या में होना…
ऐसा ही कुछ अब तक होता रहा है और हो रहा है…फिल्मी सितारों को चुनाव में उतारना ट्रेंड बन गया है… और यहीं वो राजनीति है जो किसी फिल्म का विरोध करने में सबसे पहले आगे रहती है…
फिलहाल इन दिनों करीना कपूर और सलमान खान के मध्यप्रदेश से लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर है…. इससे पहले भी कई फिल्मी सितारें लोकसभा सदस्य रहे हैं… इनमें से कुछ ऐसे सांसद रहे हैं जो कि संसद में मुश्किल से कुछ दिन ही आएं हो…
जरूरी है कि हर फील्ड से एक प्रतिनिधि हो… ताकि वह अच्छे से उसकी समस्याओं को सरकार के सामने रख सकें… लेकिन केवल चेहरा बना कर जीत का सोचना और जनता के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना कहां तक सही है…
आम जनता की समस्याओं को वही समझ सकता है जो उनके बीच रहता हो… न कि वो जो केवल किसी पार्टी की जीत का एक मोहरा हो…