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इस बार लोकसभा चुनाव 2019 में ये 7 बड़े बदलाव होंगे पहली बार

Politics Tadka Taranjeet 12 March 2019
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साल 2019 के आम चुनावों में बहुत सी बातें पहली बार होने जा रही है। चुनाव आयोग के अधिकारियों का कहना है कि बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के चुनाव 7 चरणों में होंगे। ऐसा हिंसा की घटनाओं के चलते किया है। वहीं सबसे ज्यादा सुरक्षा के बीच में जम्मू और कश्मीर के चुनाव 5 चरणों में होंगे। इन चुनावों में देखने को मिलेंगे ये बड़े बदलाव –

इवीएम पर उम्मीदवारों की तस्वीरें

साल 2019 के लोकसभा इलेक्शन में वोटर पहली बार इवीएम पर पहली बार पार्टी के चुनाव चिन्ह के साथ उम्मीदवारों की तस्वीरें भी लगी होंगीं। ये बात चुनाव आयोग ने रविवार को चुनाव घोषणा के साथ ही बताई है। ऐसा मतदाताओं के कंफ्यूजन को दूर करने के लिए किया जाता रहा है।

पहली बार VVPAT का इस्तेमाल

चुनावों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए आयोग ने साल 2019 के आम चुनावों से पहली बार इवीएम के साथ ही VVPAT के इस्तेमाल को भी मंजूरी दी है। ये सारे ही पोलिंग बूथ पर मौजूद होंगीं। वोट डालने के बाद मतदाता को 6 सेकेंड तक VVPAT मशीन में पर्ची दिखेगी जिसे देखकर वोटर जान सकेगा कि वोट सही उम्मीदवार को गया है या नहीं। 6 सेकेंड बाद ये पर्ची एक सील बंद कंटेनर में गिर जाएगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन मशीनों का इस्तेमाल चुनावों में ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए किया जा रहा है। हालांकि विपक्षी दलों ने इन VVPAT पर्चियों के 50 फीसदी को गिनकर ही चुनावी नतीजों की घोषणा की बात की थी, लेकिन चुनाव आयोग इस मांग पर खामोश रहा।

हालांकि VVPAT का इस्तेमाल पहले राज्यों के विधानसभा चुनावों और उपचुनावों के लिए किया जा चुका है लेकिन ये पहली बार होगा जब उन्हें आम चुनावों में प्रयोग किया जाएगा। पिछले दिनों विधानसभा चुनावों के वक्त VVPAT और EVM के इस्तेमाल को लेकर हुए विवादों के बाद चुनाव आयोग ने इन मशीनों को ले जाने वाली गाड़ियों में GPS लगाने का फैसला किया है। ऐसा इन वाहनों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया जाएगा।

10 लाख पोलिंग बूथ बनेंगे

इन चुनावों में साल 2014 के आम चुनावों के मुकाबले साढ़े आठ करोड़ ज्यादा वोटर हिस्सा लेंगे। जिनके लिए देश भर में 10 लाख पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। उम्मीदवारों को न सिर्फ अपने पिछले पांच साल के इनकम-टैक्स रिटर्न, विदेशों में संपत्ति और पैन की जा नकारी देनी होगी बल्कि अपने पार्टनर और परिवार की संपत्ति की जानकारी भी देनी होगी। निर्वाचन आयोग की एक नई नोटिफिकेशन के अनुसार कैंडिडेट्स को विदेशों में अपनी संपत्ति के साथ कर्ज की जानकारी भी देनी होगी।

पहचान पत्र के तौर पर ११ डाक्यूमेंट्स

केवल फोटो वोटर स्लिप को वोट डालने के पहचान पत्र के तौर पर नहीं माना जाएगा। चुनाव आयोग ने 11 ऐसे डॉक्यूमेंट्स की लिस्ट जारी की है, जिसे वोट डालने के लिए पहचान-पत्र के तौर पर स्वीकार किया जाएगा। इसमें- पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, सरकारी नौकरी का पहचान पत्र, फोटो लगी पासबुक, पैन कार्ड, रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया का जारी किया स्मार्ट कार्ड, मनरेगा कार्ड, हेल्थ इंश्योरेंस स्मार्ट कार्ड, पेंशन के कागजात, एमपी/ एमएलए को जारी होने वाली आईडी और आधार कार्ड शामिल होंगे। इन सारे ही डॉक्यूमेंट्स पर फोटो का होना बहुत जरूरी है।

चुनावी खर्चों का हिसाब

चुनाव आयोग ने चुनावी खर्चों का हिसाब रखने के लिए भी कई सारे कदम उठाने का निर्णय लिया है। इसमें 3 सदस्यों की कमेटी का गठन भी है जो कि फ्लाइंग स्क्वायड और सर्विलांस टीम द्वारा छापेमारी के वक्त नागरिकों को होने वाली असुविधाओं पर नजर रखेगी। कमेटी हर जब्ती के केस पर नजर रखेगी और अगर सीज किए पैसे का किसी दल से कोई कनेक्शन नहीं पाया जाता तो उसे संबंधित व्यक्ति को वापस लौटा दिया जाएगा।

उम्मीदवारों के खर्च की सीमा 54 लाख-70 लाख

चुनावी खर्चों पर लगाम लगाने के लिए चुनाव आयोग, चुनाव में गाड़ियों पर खर्च, कैंडिडेट के बूथ पर होने वाले खर्च और अखबारों में छपने वाले विज्ञापनों के आदि के खर्च को पार्टी का खर्च न मानकर कैंडिडेट का खर्च मानेगा। अरुणाचल प्रदेश, गोवा और सिक्किम को छोड़कर पूरे देश में उम्मीदवारों के खर्च की सीमा 70 लाख तय की गई है। वहीं बाकि सारे राज्यों में खर्च की सीमा 54 लाख तय है।

सोशल मीडिया पर भी चुनावी आचार संहिता

इन चुनावों में आयोग जमीनी चुनाव प्रचार के साथ सोशल मीडिया पर भी चुनावी आचार संहिता का पालन किए जाने पर जोर देगा। इसके लिए उसने कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से बात भी की है।

Taranjeet

Taranjeet

A writer, poet, artist, anchor and journalist.