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चुनावी मैदान में दो सगी बहनें, अलग-अलग पार्टियों से लड़ रही चुनाव

अक्सर राजनीति में रिश्ते बनते और बिगड़ते देखे गए हैं। कभी कोई नेता किसी दल में तो कभी कोई किसी में। वहीं हर बार परिवारवाद के मुद्दे को भी काफी तूल दिया गया है। कहा जाता है कि नेता अपने बच्चों को भी राजनीति में लाकर परिवारवाद को आगे बढ़ाते हैं। इसके कई उदाहरण हमारे सामने हैं। जैसे राजनाथ की बेटे पंकज सिंह, गांधी परिवार, जसवंत सिन्हा, मुलायम यादव का परिवार, लालू यादव का परिवार।

जहां एक तरफ अपने भाई को जिताने के लिए प्रियंका गांधी ने कमर कस ली है। तो वहीं पर 2 बहनें ऐसी भी है जो अलग अलग पार्टी से चुनाव लड़ रही है। साल 2019 के चुनावी मैदान में दो सगी बहनें अलग-अलग पार्टी से मैदान में अपनी किस्मत को आजमा रही है। इन दोनों बहनों का नाम सुनीता विश्वाल और अमिता विश्वाल है। ये दोनों बहनें ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हेमानंद विश्वाल की बेटियां हैं।

सुनीता बड़ी हैं और अमिता छोटी बेटी हैं। बताया जा रहा है कि सुनीता को सुन्दरगड़ विधानसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़वाया जा रहा था लेकिन वो कांग्रेस छोड़कर बीजू जनता दल में शामिल हो गई। बीजू जनता दल ने भी उन्हें सुन्दरगड़ से लोकसभा उम्मीदवार घोषित कर दिया है। वो भाजपा उम्मीदवार जुएल ओराम के सामने चुनाव लड़ेंगी।

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने अपने दूसरे चरण की जब सूची जारी की तो उसने सुन्दरगड़ विधानसभा सीट से सुनीता की बहन अमीता को कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। कांग्रेस से टिकट मिलने के बाद अमिता ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष निरंजन पटनायक को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर जरूरत पड़ेगी तो अपनी बहन के खिलाफ प्रचार करेंगी। सुन्दरगड़ कांग्रेस का गढ़ था और आगे भी रहेगा।

गौरतलब है कि इस सीट से ये दोनों बहनें एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी। ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि परिवार के सदस्य अलग अलग पार्टी से चुनाव लड़ें।