शनिवार को बंगाल में प्रधानमंत्री मोदी ने बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले के ठाकुरनगर में रैली की…देखा जाए तो पीएम मोदी का ये प्लान था कि बजट पेश होने के बाद ही बंगाल में रैली की जाए…
बंगाल की रैली में वो देखने को मिला जिसकी उम्मीद बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कभी नहीं की होगी…औऱ वाकई बंगाल की रैली को देखकर एक बार फिर साबित हो गया कि मोदी लहर अभी बाकी है…जब बंगाल जैसे राज्य में ऐसी स्थिति दिख सकती है तो इससे साफ कयास लगाए जा सकते हैं कि बंगाल के लोगों को भी मोदी के जादू का इंतजार रहता है,..
दरअसल इस रैली में पीएम मोदी सिर्फ 14 मिनिट ही जनता को संबोधित कर पाए…बजट के बाद यह पीएम मोदी की पहली रैली रही…माना जाए तो इस बजट से देश के काफी लोगों में उत्साह है…इसी वजह से बंगाल की रैली में भी स्थिति साफ दिखी…रैली में भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न होती देख पीएम मोदी 14 मिनिट बोलकर अन्य किसी रैली का बहाना बनाकर वहां से निकल लिए…इस भीड़ वाली स्थिति ने जुलाई में हुई पश्चिम बंगाल के मिदनापुर रैली की याद दिला दी…जिसमें भीड़ की वजह से ही पंडाल गिरने की खबर सामने आई थी…
14 मिनिट में पीएम मोदी ने सब कह डाला
पीएम मोदी ने सबसे पहले किसानों की बात से शुरूआत की और कहा कि अब पैसा सीधे किसानों के खाते में आएगा…पीएम मोदी ने ममता बेनर्जी पर पलटवार करते हुए ये भी कह डाला कि “भीड़ देखकर पता चल रहा है कि दीदी हिंसा पर क्यों उतर आई…हमारे प्रति बंगाल के प्यार से डरकर लोकतंत्र के बचाव का नाटक करने वाले लोग निर्दोष लोगों की हत्या करने पर तुले हुए हैं”
हालांकि पीएम मोदी ने इस रैली में फिर जनता को लॉलीपॉप देने का काम भी किया…और कह डाला कि “यह बजट तो एक शुरूआत मात्र है अभी नई सरकार बनने के बाद जब पूर्ण बजट आएगा, तो किसानों और युवाओं की तस्वीर साफ हो जाएगी”
यहां पर सबसे बड़ा मुद्दा जिसपर हमेशा सीएम ममता बैनर्जी और पीएम मोदी आमने सामने रहे, उसपर भी पीएम मोदी ने खुलासा कर दिया और कहा कि बांग्लादेश, पाकिस्तान से लोगों को भागकर आना पड़ा, हम नागरिकता कानून लाए हैं संसद में इसे पारित होने दीजिए, इससे जनता को उनका अधिकार मिलेगा.
क्या है नागरिकता विधेयक 1955
1955 नागरिकता अधिनियम के अनुसार, बिना किसी प्रमाणित पासपोर्ट, वैध दस्तावेज के बिना या फिर वीजा परमिट से ज्यादा दिन तक भारत में रहने वाले लोगों को अवैध प्रवासी माना जाएगा.
नागरिकता संसोधन विधेयक
1955 के नागरिकता अधिनियम में बदलाव के लिए 2016 लोकसभा में नागरिक संसोधन विधेयक लाया गया…जिसमें की केंद्र सरकार ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान के हिन्दुओं, सिखों, जैन, पारसियों, बौद्धों और ईसाइयों को बिना किसी दस्तावेज के भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव रखा…और साथ ही उनके निवास काल को 11 वर्ष से घटाकर 6 वर्ष कर दिया गया है…यानी कि अब शरणार्थी 6 साल के बाद ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते है.
निश्चित तौर पर बंगाल के लिए नागरिकता कानून एक बड़ा मुद्दा है जिसके लिए पीएम मोदी ने 14 मिनिट के संबोधन में इस विषय पर लोगों का ध्यान केंद्रित करके संसद में कानून लाने का भरोसा जगा दिया…
पीएम मोदी की बंगाल में आखिरी दो रैलियों में जनता ने भीड़ बढ़ाकर पीएम मोदी को स्वीकार करने की बात तो साबित कर दी है…ऐसे में बंगाल सीएम ममता बैनर्जी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है…