बीजेपी में मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज चल रहे शत्रुघ्न सिन्हा अब विपक्षी रैलियों में जाकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे है…
हमेशा अपनी पार्टी के लिए ही दिए जाने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले शत्रुघ्न सिन्हा फिर अपनी ही पार्टी से नाराजगी के चलते विपक्ष के साथ मंच साझा करते दिख सकते है…
गौरतलब हो कि शत्रुघ्न सिन्हा हमेशा बीजेपी विरोधी नेताओं से मिलते रहते है. और उन्हें अपना शुभचिंतक भी बताते है. ये साफ तौर पर जाहिर करता है कि शत्रुघ्न सिन्हा खुलकर अपनी बात रखते है. इससे पहले भी वे इसी सप्ताह एक इंटरव्यू में अपनी पार्टी के दिग्गजों के खिलाफ खुलकर बोले हैं.
शत्रुघ्न सिन्हा साफ तौर पर यह कह भी चुके हैं कि वह पार्टी नहीं छोड़ेंगे, पार्टी चाहे तो उन्हें निकाल दे. लेकिन यहां सवाल ये है कि क्या पार्टी इस दौर में सिन्हा को निकाल देगी. देखा जाए तो फिलहाल ऐसी कोई उम्मीद नजर नहीं आती क्योकिं ये राजनीतिक तौर से बीजेपी के लिए फायदेमंद नहीं होगा. क्योंकि वैसे ही सिन्हा मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज चल रहे हैं. और फिर वे इसके लिए पीएम मोदी को कई बार ताना भी दे चुके हैं, कि ‘अगर स्मृति ईरानी को मंत्री बना सकते हैं तो मुझे क्यूं नहीं?’
जाहिर तौर पर नाराजगी के चलते ही सिन्हा अब 19 जनवरी को होने जा रही ममता बेनर्जी की रैली में हिस्सा ले सकते हैं. इसका मतलब सिन्हा किसी से भी बैर नहीं पालना चाहते इसलिए वे सबकी संगत में रहने का मौका नहीं छोड़ रहे.
जिसपर बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार ने टिप्पणी भी की है. और कहा है कि “सिन्हा गलत संगत में पड़ गए हैं.” अगर उन्हें पार्टी पसंद नहीं तो उन्हें पार्टी छोड़ देनी चाहिए. मतलब की एक ओर सिन्हा साफ कर चुके है कि वे पार्टी नहीं छोड़ेंगे चाहे तो पार्टी बेशक उन्हें निकाल दे और दूसरी तरफ पार्टी की मजबूरी बन गई है कि इस समय कोई एक्शन नहीं ले पा रही. लेकिन ये बड़ा सवाल है कि कब तक पार्टी के होते हुए भी सिन्हा पार्टी के नहीं. ऐसे में दोनें तरफ दिक्कतें बीजेपी के लिए ही है. फिलहाल तो विपक्ष का मंच साझा करने के लिए एक बार फिर सिन्हा विपक्ष की रैली में हिस्सा लेने को तैयार हैं.