पीएम मोदी ने अपनी टीम बदल दी. कुछ पुराने चावलों को बाहर कर दिया और नए चहेरों को लेकर आए हैं. जो चावल गए हैं उसमे से सारे लोग घिसे पिटे थे और कई सालों से मंत्रालय देख रहे थे. जिन मंत्रियों से मंत्रालय छीना गया है उसमें सबसे अधिक चर्चा मटर छीलू मंत्री हर्षवर्धन और लेखक निशंक पोखरियाल यानी HRD मिनिस्टर थे. इसके अलावा इस्तीफ़ा मंत्री से भी इस्तीफ़ा ले लिया गया यानी रविशंकर प्रसाद से. अब बात बड़ी सरल सी है कि अगर मटर छीलने वाले और कविता लिखने वालों को मोदी अपने मंत्रालय में शामिल करते हैं तो ऐसे फेरबदल उन्हें बार-बार करने होंगे।
हर्षवर्धन की उपलब्धि-
स्वास्थ्य मंत्रालय संभालने के दौरान हर्षवर्धन की एक भी बात ऐसी नहीं थी कि जिससे आपको लगे की वो देश के स्वास्थ्य मंत्री थे. कोरोना काल के दौरान जो व्यक्ति अपने देश के लोगों को ये सलाह दे की आप डार्क चॉकलेट खाइये तो तनाव दूर होगा भला उससे आप क्या बेहतर उम्मीद करेंगे। जब देश में कोरोना से हाहाकार मचा था तब केन्द्रीय मंत्री हर्षवर्धन, राहुल गाँधी और मनमोहन सिंह को टारगेट करने में लगे थे.
इन्होनें एक ही काम केवल सच्ची निष्ठा से किया है वो ये की पीएम मोदी के ट्वीट को रीट्वीट करना। मानो होड़ से मच जाती थी की सबसे पहले कौन रीट्वीट करेगा और उसमें सबसे पहला नाम हर्षवर्धन का ही आता है. कोरोनिल बेचने से लेकर मटर छीलने के काम इन्होनें तभी किए जब देश संकट में था. ये देश के स्वास्थ्य मंत्री कम और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अधिक थे. इन्हें केवल यही जल्दी रहती थी की कब राहुल गाँधी कोई ट्वीट करें और ये उसका जवाब दें. सही है अब बैठकर मटर छीलिए।
इसके अलावा इस्तीफ़ा मंत्री रविशंकर प्रसाद का चेहरा देखकर आपको लगेगा की जैसे ये आदमी हमेशा गुस्से में रहता है.
इनके मुताबिक अगर सूरज जल्दी ढल जाता है तो उसमें भी कांग्रेस की गलती है, इनके कुर्ते में प्रेस नहीं हुआ तो उसमें भी कांग्रेस की गलती है और तो और सुबह ठीक से पेट साफ़ ना हो तो कांग्रेस की गलती। इन्होनें ट्विटर को नोटिस भेजा और Twitter ने इनका अकाउंट ही बंद कर दिया। और ये देश के सूचना मंत्री थे. अब आप ही अंदाजा लगा लीजिए इनकी बौद्धिक क्षमता का.
इसके अलावा कवि लेखक और शायर श्रीमान निशंक पोखरियाल ने कोरोना काल में केवल मोटिवेशनल कविताएं लिखी हैं. ये कभी समय से तय नहीं कर पाए की परीक्षाएं कब होगी और किसे प्रमोट करना और किसकी परीक्षा लेनी है.
तो मोदीजी अगर आप ऐसे लोगों को मंत्रालय में शामिल करेंगे तो आपको अपनी गलती छिपाने के लिए ऐसे फेरबदल एक बार नहीं सैकड़ों बार करने पड़ेंगे।