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मायावती को लोकसभा चुनाव से पहले झटका

लोकसभा चुनाव से पहले मायावती के लिए बुरी खबर आयी है। दरअसल नॉएडा में लगे हाथियों के मूर्तियों पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मायावती के वकील को कहा कि यह सभी पैसा मायावती को वहन करना चाहिए, जो लगभग 600 करोड़ होता है। मायावती की ओर से सतीश मिश्रा ने कहा कि इस केस की सुनवाई मई के बाद हो, लेकिन चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें कुछ और कहने के लिए मजबूर न करे। अब इस मामले में 2 अप्रैल को सुनवाई होनी है।

वास्तव में या एक ऐसा केस है जिसमे सुप्रीम कोर्ट में यह सुनवाई चल रहा है कि मायावती ने बसपा के चुनाव चिन्ह हाथियों का और कही कही खुद की भी मुर्तिया बनवायी है, उसका भुगतान मायावती को करना चाहिए।

यहाँ यह ज्ञात होना चाहिए की सुप्रीम कोर्ट में यह सुनवाई चल रही है कि मायावती द्वारा बनवायी गयी खुद की और उनके चुनावी चिन्ह हाथी की बनी मूर्तियों का खर्च मायावती से वसूला जाये या नहीं। असल में याचिकाकर्ता रविकांत ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की थी कि मायावती और बसपा के चुनाव चिन्ह हाथी की बनी मूर्तियों का खर्च मायावती से ही वसूला जाये। याचिकाकर्ता रविकांत ने कहा था की कोई भी व्यक्ति सरकारी धन को इस तरह से खर्च नहीं कर सकता। उसने कहा था की चुकि सरकार की यह करवाई अनुचित थी इसलिए इसपर सुनवाई होनी चाहिए। पता होना चाहिए की रविकांत ने साल 2009 में सुप्रीम कोर्ट में यह जनहित याचिका दायर की थी और मूर्ति निर्माण पे हुए करोड़ो रूपए की खर्च को बसपा से वसूलने की मांग की थी।

प्रधान  न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा, ”हमारे संभावित विचार में मायावती को अपनी और चुनाव चिह्न की मूर्तियां बनवाने पर खर्च हुआ सार्वजनिक धन सरकारी खजाने में वापस जमा करा देना चाहिए।

वैसे पीठ ने मामले की अंतिम सुनवाई के लिए दो अप्रैल की तारीख तय की है। साथ ही  पीठ ने यह स्पष्ट किया कि यह अभी संभावित विचार है क्योंकि मामले की सुनवाई में कुछ वक्त लगेगा। पीठ ने कहा कि मामले की अंतिम सुनवाई दो अप्रैल को होगी।