पीरियड्स में महिलाओं के खिलाफ भेदभाव भारत में व्यापक है, जहां लंबे समय से एक वर्जित और अपवित्र माना जाता है। उन्हें अक्सर सामाजिक और धार्मिक आयोजनों से बाहर रखा जाता है, मंदिरों में प्रवेश से इनकार किया जाता है और यहां तक कि रसोई से बाहर भी रखा जाता है।
आपको लगता है कि पीरियड्स को लेकर अंधविश्वास सिर्फ भारत में ही मौजूद हैं, तो यह गलत है।क्योंकि ये पूरी दुनिया में मौजूद हैं औरत के शरीर से जुड़ी इस प्रक्रिया के बारे में पूरे समाज में तरह-तरह के बातें होती हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इनमें से बहुत सारी बातों का तो पीरियड्स से खास कुछ लेना देना भी नहीं है।
भारत में पीरियड्स के दौरान किचन में नहीं जाना है और ना ही खाने की किसी भी चीज़ हो हाथ लगाना है। मंदिर में न जाना और ना पूजा करना। तुलसी को भी हाथ नहीं लगाना। पीरियड्स के चौथे दिन ही बाल धोना, और उसके बाद ही किचन में जाना। मासिक धर्म से हो रही हो तो अलग कमरे में सोना और पीरियड्स खत्म होने के बाद ही बिस्तर की चादर को धोना। अचार को भी हाथ नहीं लगाना, क्योंकि इससे अचार सड़ जाता है। कई और ऐसी मान्यताए जोकि पीरियड्स में लोग मानते है।
जापान में ऐसा माना जाता है कि जब अगर कोई औरत पीरियड्स में होती है, तो उस समय उसके मुंह का स्वाद असंतुलित होता है, इसलिए इस समय उसे वहां की मशहूर डिश “सुशी” नहीं बनानी चाहिए।
यहाँ लड़की को पहली बार पीरियड होता है तो उसके गालों पर थप्पड़ मारा जाता है ऐसी मान्यता है कि पहली बार पीरियड्स में होने पर लड़की को थप्पड़ मारा जायेगा, तो उसके गालों पर हर वक्त लाली बनी रहेगी, जिससे वो हमेशा सुन्दर लगेगी। इजराइल में पीरियड्स को लेकर एक और मान्यता है कि अगर पीरियड्स से गुज़र रही लड़की या महिला इस समय गरम पानी से नहाती है, तो उसे ज्यादा रक्तस्राव की समस्या होती है।
अमेरिका में ऐसा माना जाता है कि पीरियड्स के दौरान महिला अशुद्ध होती है क्योंकि इस समय वह नहा नहीं सकती है। कोई महिला पीरियड्स के समय पैड या कपड़े की बजाय टैम्पोन का इस्तेमाल करती है तो इससे उसका हाइमेन टूट जाती है और उसकी वर्जिनिटी खत्म हो सकती है।पीरियड्स के दौरान कैंपिंग के लिए नहीं जाना चाहिए क्योंकि भालुओं को दूर से ही महिला के शरीर से पीरियड के समय आने वाली खास तरह की खुशबू आ जाती है।जब तक किसी लड़की को मासिक धर्म की शुरुआत ना हो जाए तब तक उसे अपने बालों को पर्म नहीं कराना चाहिए।
यहाँ की मान्यता ऐसी है कि यहाँ पीरियड्स में महिलाओ द्वारा इस्तेमाल किए गए पैड या फिर कपडे को फेंकने से पहले उस कपडे या पैड को धूल लेना चाहिए। और जिस महिला ने पैड को बिना धुले फेंक दिया तो उसके ऊपर भूत प्रेत का साया मंडराने लगता है।
रोमेनिया कि ऐसी मयता है कि यहाँ अगर कोई लड़की या महिला पीरियड्स में है तो उसे उस दौरान फूलों को हाथ नाह लगाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से वह फूल मुरझाकर टूट जाता है।
पोलेंड में अगर कोई स्त्री पीरियड्स के दौरान अपने साथी के साथ शारीरिक संबध बनती है तो इससे उसके साथी को मृत्यु खतरा है।
नेपाल में अगर कोई महिला या लड़की पीरियड्स में है तो अपने घर में भी नहीं रह सकती यहाँ तक कि वो अपने घर के किसी भी सदस्य को छू भी नहीं सकती फिर भले ही वो उसका बच्चा ही क्यों न हो।
कोलम्बिया में ऐसी मान्यता है कि यहाँ पर पीरियड्स के दौरान महिला को ठन्डे पेय प्रदार्थ नहीं पीने चाहिए क्योंकि ठन्डे पेय पीने से पेडू में दर्द होने लगता है। यहाँ एक और मान्यता है की यदि महिला पीरियड्स में है तो उसे उस दौरान अपने बालो को धोना या कटवाना नहीं चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि महिलाओं का शरीर इस दौरान बहुत ही कमजोर होता है और बाल कटवाने या धोने से उनके स्वास्थ को कोई परेशानी हो सकती है।
यहाँ की ऐसी मान्यता है की यदि महिला को पीरियड्स है तो वो इस दौरान किसी भी गाने पे डांस नहीं कर सकती क्योंकि ऐसा करने से उसके यूटेरस पे जोर पड़ेगा जिससे उसके यूटेरस को खतरा हो सकता है।
ब्राजील में में पीरियड्स के दौरान बाल नहीं धोने चाहिए और इस दौरान महिला को नंगे पैर नहीं चलना चाहिए क्योंकि इससे ठण्ड की वजह से उसके पेडू में दर्द हो सकता है।
अर्जेंटीना में पीरियड्स के दौरान महिला को मलाई नहीं फेटनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से मलाई अच्छे से नहीं मिलती है। और पीरियड्स के दौरान यहाँ महिला को नहाने नहीं दिया जाता क्योंकि इससे रक्तस्त्राव रुक जाता है।
जब किसी लड़की को पहली बार पीरियड हो, और अगर वह लड़की उस रक्त से अपना चेहरा धोए, तो इससे उसकी त्वचा की रंगत निखरती है ।