Headline

सियाचिन ग्लेशियर को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है। एक ओर भारत की सेना तो दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना यहां हमेशा आंख गड़ाए बैठी हुई नजर आ जाती है।

TaazaTadka

लोकपाल नियुक्त करने से मोदी सरकार ने विपक्ष से अंतिम वक्त पर छीना बड़ा मुद्दा

Politics Tadka Taranjeet 20 March 2019

मोदी सरकार को लोकपाल नियुक्त करने में 5 साल का वक्त लग गया है, लेकिल चुनाव से ठीक पहले इस पद पर रिटायर्ड जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष की सरकार के द्वारा नियुक्ति कर विपक्ष के बड़े मुद्दे की धार को हल्का कर दिया है। इससे पहले लगातार विपक्ष लोकपाल की नियुक्ति नहीं होने को बड़ा मुद्दा बनाए बैठा था। गौरतलब है कि अब विपक्ष पांच साल की देरी को लेकर सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है।

आपको बता दें कि यूपीए-2 की मनमोहन सरकार के दौरान एक के बाद एक भ्रष्टाचार से जुड़े मामले सामने आए थे, जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ने लगी थी। इसी दौरान लोकपाल के लिए समाजसेवी अन्ना हजारे के आंदोलन ने देश भर में यूपीए के खिलाफ माहौल बना दिया था। उस वक्त नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने भ्रष्टाचार के मोर्चे पर लोगों की नाराजगी को साल 2014 के आम चुनावों में आराम से भुना लिया था।

यूपीए सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ बनी धारणा के बीच में लोगों ने पीएम उम्मीदवार के तौर पर नरेंद्र मोदी पर भरोसा किया और बीजेपी अपने दम पर बहुमत हासिल करने वाली पहली गैरकांग्रेसी पार्टी बन गई थी। हालांकि सत्ता में आने के बाद जनवरी 2014 में लागू लोकपाल-लोकायुक्त बिल पारित होने के बावजूद मोदी सरकार अपने कार्यकाल में लोकपाल को नियुक्त नहीं कर सकी थी।

जिससे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सवार हो कर सत्ता में आई नरेंद्र मोदी की सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर बनी हुई थी। जब तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं हुई थी, तब तक विपक्ष के आरोपों को काफी बल मिल रहा था, क्योंकि मोदी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ बने माहौल को अपने पक्ष में करके ही सत्ता में आई थी। साल 2014 में लोकपाल चुनिंदा बड़े मुद्दों में से एक था। अब जबकि मोदी सरकार ने अंतिम वक्त में लोकपाल की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर दी है, तो ऐसे में विपक्ष को इस मुद्दे पर हमले की रणनीति को बदलना होगा।

Taranjeet

Taranjeet

A writer, poet, artist, anchor and journalist.