लोकसभा चुनाव में नेताओं की जुबान बेलगाम हो रही है। इस सूची में अब मोदी सरकार के मंत्री मनोज सिन्हा भी शामिल हो गए हैं। सिन्हा ने कहा कि अगर बीजेपी बीजेपी कार्यकर्ताओं पर किसी ने अंगुली उठाई तो 4 घंटों में वो अंगुली सलामत नहीं रहेगी।केंद्रीय मंत्री ने ये बयान गाजीपुर में आयोजित एक सभा में दिया है। इसके साथ ही सिन्हा ने कहा कि कोई भी गाजीपुर की सीमा में आकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं को आंख दिखाएगा तो वो आंख सलामात नहीं रहेगी। इससे पहले मनोज सिन्हा ने कहा था कि बीजेपी के कार्यकर्ता अपराध से अर्जित धन और भ्रष्टाचार को जमींदोज करने के लिए तैयार हैं। आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री की तरफ से इस धमकी वाले बयान की हर तरफ चर्चा की जा रही है। आपको बता दें कि इससे पहले चुनाव आयोग ने विवादित बयानों पर सख्ती दिखाते हुए 4 नेताओं पर बैन लगाया था, जिसमें मायावती, योगी आदित्यनाथ, आजम खान और मेनका गांधी शामिल थी।
मेनका गांधी की मुस्लिमों को चेतावनी
मोदी सरकार की मंत्री मेनका गांधी ने मुस्लिम बहुल क्षेत्र तूराबखानी में आयोजित एक चुनावी सभा में कहा था कि मैं लोगों के प्यार और सहयोग से जीत रही हूं, लेकिन अगर मेरी ये जीत मुसलमानों के बिना होती है तो मुझे बहुत अच्छा नहीं लगेगा। मंत्री ने कहा कि इतना मैं बता देती हूं कि फिर दिल खट्टा हो जाता है। फिर जब मुसलमान आता है काम के लिए, फिर मै सोचती हूं कि नहीं रहने ही दो क्या फर्क पड़ता है। आखिर नौकरी भी तो एक सौदेबाजी ही होती है, बात सही है या नहीं? उनके इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने सख्ती दिखाते हुए उनको 48 घंटों तक प्रचार करने से रोक लगा दी थी।
आजम खान पर भी लगी रोक
इसके बाद चुनाव आयोग की तरफ से बीजेपी उम्मीदवार जया प्रदा के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। जिसमें उन्होंने सारी सीमाओं का उल्लंघन किया था। आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने की वजह से आजम खान को 72 घंटों के लिए चुनाव आयोग की तरफ से प्रचार करने से रोक दिया गया था।
मायावती और योगी पर रोक
सबसे पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के विवादित बयानों पर भी चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया था और मायावती पर 48 घंटों का और योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटों तक प्रचार के लिए बैन लगा दिया था। योगी आदित्यनाथ ने बजरंगबलि और अलि को लेकर विवादित बयान दिया था। वहीं मायावती ने मुस्लमानों को एक जुट हो कर वोट देने के लिए कहा था।