कहा जाता है कि पूरा बनारस बाबा बाबा विश्वनाथ के त्रिशूल पर ही टिका हुआ है। और बाबा विश्वनाथ काशी में विराजते हैं। इस वक्त भारत में त्राहिमाम मचा हुआ है। रोजाना हजारों की संख्या में लोगों की जान जा रही है। लाखों लोग रोज कोरोना वायरस की चपेट में आ रहे हैं। डॉक्टर जिन्हें भगवान का रूप माना जाता है वो अपना धर्म निभा रहे हैं। तो वहीं अब धर्म को बढ़ावा देने वालों ने भी अपना हाथ आगे बढ़ाया है। लोगों को इस वक्त लोगों का ही सहारा है और सभी ने आस भगवान पर ही लगा रखी है। कोरोना रोज विकराल रूप ले रहा है लेकिन लोगों को उम्मीद है कि एक दिन हम इससे जरूर जीतेंगे।
अलग अलग धार्मिक स्थल कर रहे हैं इंसानियत का काम
कोरोना काल में अलग अलग धर्मों के लोग अपने इबादतगाह को कोरोना मरीजों के लिए आइसोलेशन सेंटर में तब्दील कर दे रहें हैं। रोजाना लाखों लोगों के खाने का ख्याल इन धार्मिक स्थलों से रका जा रहा है। कई धार्मिक स्थलों में तो ऑक्सीजन तक की सुविधाएं दी जा रही है। इसी क्रम में कोविड के संकट काल में देवाधिदेव महादेव के मंदिर ने बनारस के लोगों के जीवन की रक्षा के लिए अपना खजाना खोल दिया है।
मंदिर ने खोल दिए हैं अपने खजाने
मरीजों को ऑक्सीजन, उनके घरों तक दवा, मेडिकल उपकरण पहुंचाने के साथ-साथ और बाबा विश्वनाथ मंदिर से सेवादारों ने कोविड मरीजों की दिन रात सेवा करने का काम काफी पहले ही शुरु कर दिया था। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास कि तरफ से दान दाताओं से प्राप्त चढ़ावे की रकम से कोरोना संकट काल में मानव सेवा का काम किया जाना शुरु कर दिया गया है। अब भगवान के घर से इंसान के लिए संजीवनी लाने का काम शुरु हो गया है। तो जल्द ही कोरोना रूपी दानव को हम हरा सकेंगे।
कोविड महामारी में लोगों के इलाज के लिए लगाएंगे पैसा
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने कोरोना के इस भयानक दौर में मानव कल्याण के लिए अपना खाजाना खोला है। न्यास के बाबा ने अपने भक्तो को कोविड से बचाने के लिए अपने कोष के प्रयोग की अनुमति दी है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा का कहना है कि विश्वनाथ मंदिर में आये चढ़ावे के पैसों को कोविड महामारी के समय कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए खर्च किया जाएगा।
मंदिर ने अपने कर्मचारी भी काम पर लगाए हैं
दीनदयाल अस्पताल में लगे ऑक्सीजन प्लांट में दान दाता के अलावा जो भी अतरिक्त खर्च आएगा वो खर्च भी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ही उठाएगा। इसके अलावा कोरोना में इस्तमाल होने वाली दवाओं की किट, होमी भाभा कैंसर अस्पताल में मेडिकल उपकरण और बीएचयू में संविदा पर 3 कर्मचारी भी मंदिर की ओर से भेजे गए हैं। भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट ने मानव सेवा का सबसे बड़ा धर्म निभाया है। लोग अक्सर भगवान के नाम पर नफरत और राजनीति करते हैं, लेकिन असल में किसी भी धार्मिक स्थल का काम क्या है वो आज काशी विश्वनाथ मंदिर बता रहा है।