दांडी, 1930: हमारे देश के प्रधानमंत्री PM NARENDRA MODI ने बांग्लादेश में कहा कि बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए वो जेल गए थे. आपको मोदीजी की इस बात पर हंसी आती होगी लेकिन ये हंसने की बात नहीं है. इसके अलावा और भी काम हैं जिसमें साहेब शामिल थे लेकिन उन्होंने इसका जिक्र नहीं किया. चलिए मैं बता देता हूँ. साहेब को दांडी यात्रा में भी होना था. लेकिन गाँधी का दिया हुआ पत्र सही समय पर नेहरु ने मोदीजी तक नहीं पहुँचाया इसलिए चूक गए.
नेहरु ने अपना काम ईमानदारी से नहीं किया और मोदीजी दांडी यात्रा में शामिल नहीं हो पाए –
मित्रों मैं आपको पूरा घटनाक्रम बताता हूँ. दरअसल जब गांधीजी दांडी यात्रा पर निकलने वाले थे तो उन्होंने से कहा की तुम बाल नरेन्द्र को ये पत्र पहुँचाओ. इस पत्र में लिखा है कि वो भी हमारे साथ इस दांडी यात्रा में शामिल हों और इसे भव्य बनाए. उनके नहीं होने से इतिहास कभी भी इस बात को ध्यान नहीं रखेगा. इसलिए ऐसे महान व्यक्ति का इस यात्रा में शामिल होना बहुत आवश्यक है. इस बाल नरेन्द्र के शामिल होने से लम्बे समय तक भविष्य में दांडी यात्रा को याद रखा जाएगा नहीं तो लोग नमक खा लेंगे लेकिन इसके संघर्ष को याद नहीं रखेंगे.
तो तुम ये पत्र हमारे प्रिय बाल नरेन्द्र तक पहुंचा दो. नेहरु जी को ये जिम्मेदारी मिली और वो पत्र पहुँचाने भी आए. उस समय बाल नरेन्द्र मगरमच्छ का शिकार करने निकल गए थे तो नेहरु ने उन्हें ये पत्र नहीं दिया. नेहरु बिना पत्र दिए वापिस लौट आए. नेहरु ने अपना काम ईमानदारी से नहीं किया. नेहरु को बाल नरेन्द्र के आने का इंतजार करना चाहिए था. लेकिन नेहरु ने नहीं किया. दिक्कत ये भी थी कि नेहरु के पास उस समय जिओ का मोबाइल नहीं था.
हालाँकि बाल नरेन्द्र के पास था लेकिन नेहरू के पास नहीं था तो वो फोन भी कैसे करते. अंतत नेहरु लौट आए और गाँधी जी बाल नरेन्द्र का इंतजार करते रहे. आखिरी दिन तक लम्बा इंतजार करते रहने के बाद गाँधी यात्रा पर निकल गए और बाल नरेन्द्र इसमें शामिल ही नहीं हो सके. गांधीजी को हमेशा इस बात का दुःख रहा. उन्होंने कई बार इसका जिक्र भी किया था की काश बाल नरेन्द्र उस घटना में शामिल होते तो 56 किलो नमक अधिक बनता.
अब दोस्तों यहाँ पर एक बार फिर से ये पता चलता है कि नेहरु ने अपना काम ईमानदारी से नहीं किया. वो कभी नहीं चाहते थे की NARENDRA MODI आगे बढ़ें इसलिए उन्होंने पत्र नहीं पहुचाया.
आज नेहरु की गलती के चलते दांडी यात्रा करने वालों में साहेब का नाम नहीं है.ये बात मोदीजी आपको कभी नहीं बताएँगे सोचा मैं ही बता दूं. अब जान गए तो इसे इतना शेयर करो की ये हर एक मोदीभक्त तक पहुँच जाए.