प्रधानमन्त्री और उनकी पत्नी जशोदाबेन के बारे में कुछ ऐसी बातें हैं जो काफी दिलचस्प है. और आपको जरूर जानना चाहिए.
नरेन्द्र मोदी 17 साल के थे जब उनकी शादी 15 साल की यशोदाबेन से हुई. और बारात यशोदाबेन के गांव में दो दिनों तक रूकी थी. उनका विवाह पूरे रीति-रिवाज से संपन्न हुआ. लेकिन मात्र तीन साल तक दोनों ने साथ में जीवनयापन किया. और उसके बाद दोनों अलग हो गए. जिसके बाद जशोदाबेन अपने मायके में रहकर ही अपनी सारी जिंदगी व्यतीत कर रही है.
जशोदाबेन हर पतिव्रता स्त्री के जैसे अपने पति के लिए प्रार्थना करती हैं. इसका खुलासा तब हुआ जब यशोदाबेन एक संस्था के स्थापना दिवस समारोह में बतौर अतिथि उत्तराखंड पहुंची थी. इसमें संबोधन करते हुए यशोदाबेन ने कहा था कि “देश आगे बढ़े, औऱ मोदी आगे बढ़े” बस यहीं कामना करती हूं. और इसी बीच उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की खूब तारीफ भी की और यहां तक की 2019 में भी मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए लोगों से समर्थन भी मांगा.
वर्तमान में मध्यप्रदेश की राज्यपाल और गुजरात की पूर्व सीएम आनंदीबेन ने एक गुजराती अखबार से बातचीत के दौरान कहा था कि पीएम मोदी अविवाहित है. आनंदीबेन के इसी बयान को लेकर यशोदाबेन ने आनंदीवेन की आलोचना की थी. उसेक बाद आनंदीबेन के जबाव में यशोदाबेन का एक वीडियो भी वायरल हुआ था. जिसमें वे कह रही हैं कि “वह मेरे लिए बहुत सम्माननीय है, वह मेरे राम हैं”
मोदी से अलग होने के बाद से ही यशोदाबेन अपने मायके में अपने भाई के पास ही रही हैं. लेकिन शायद कभी भी यशोदाबेन के लिए अपने पति नरेन्द्र मोदी का सम्मान कम नहीं हुआ. इसपर उनके छोटे भाई कमलेश मोदी ने खुलासा किया था कि हमने यशोदा से कई बार कहा कि क्यों देखती हो उन्हें तो वो हमें चुप करा देती. कोई भी मोदी के बारे में कुछ आपत्तिजनक बोलता था तो वो उसे चुप करा देती थी. और कभी उनके दिल में मोदी के लिए कोई दुर्भावना नहीं रही.
पीएम मोदी जब प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी ले रहे थे तब उन्हें एक हलफनामे को भरना था. और आयोग ने यह साफ हिदायत दी की हलफनामें के हर कॉलम को भरना जरूरी है. यदि हर कॉलम को नहीं भरा गया तो उम्मीदवारी रद्द करदी जाएगी. बस फिर क्या था पत्नि के नाम के कॉलम में मोदी ने यशोदाबेन का नाम लिखा.