हमारे देश में बहुत सी परेशानियां हैं, जिसके लिए हम और आप सरकार को नाकाम साबित करते हैं। लेकिन क्या कभी हमने अपने आसपास देखा है? क्या कभी हर परेशानी की जड़ को समझने की कोशिश करी है। हां हमारे देश में बेरोजगारी, प्रदूषण, गरीबी, सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलना, शिक्षा, जैसी परेशानियां बहुत बड़े पैमाने पर है। इन सबके बावजूद हम लोग नहीं सुधर रहे हैं। हर चीज के लिए हम कानून लागू होने का इंतजार करते हैं। चाहे फिर वो सड़क पर गाड़ी चलानी हो, रेप हो, कोई अपराध हो या फिर बच्चे पैदा करने की बात ही क्यों न हो? हम इस वक्त विश्व में दूसरे नंबर पर आते हैं जिसकी सबसे ज्यादा आबादी है। कोई बड़ी बात नहीं है कि हम जिस रफ्तार से बढ़ रहे है अगर जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बना तो,वो दिन दूर नहीं जब हम चीन को पीछे छोड़ते हुए पहले पयदान पे होंगे।जनसंख्या नियंत्रण कानून पर अब जल्द विचार करने की जरुरत है।
अगर हम गौर करें तो हमारी हर परेशानी जनसंख्या के आसपास ही घिरी होती है। अगर हम जनसंख्या में कम होंगे तो सरकारी सुविधाओं का पूरा लाभ ले सकेंगे। शिक्षा, नौकरी के लिए इतना संघर्ष नहीं होगा। बच्चों को रोटी, कपड़ा, मकान जैसी मूल सुविधाओं के लिए तड़पना नहीं पड़ेगा। हमने कभी नैतिकता से नहीं ध्यान दिया कि जनसंख्या रोकना हमारे हाथ में हैं, सालों से सरकारों के द्वारा ये बात फैलाने की कोशिश की जा रही है कि हम दो हमारे दो ,बच्चे 2 ही अच्छे लेकिन अब तो आलम ये हो गया है कि एक ही शायद बहुत होगा। जिस रफ्तार से हम बढ़ रहे हैं, तो जल्द ही घरों की कमी होने लगेगी, खाने पीने को नहीं बचेगा, मेट्रो जैसी सुविधाएं बेकार हो जाएंगी। क्योंकि एक की जगह पर 4 होंगे।
हमारी जनसंख्या बढ़ रही है, लेकिन स्कूल, कॉलेज, नौकरियां उतनी ही है। इसके लिए सरकार की कमी को अकेला दोष देना गलत होगा क्योंकि हमारे पास बहुत सी ऐसी जगहें नहीं है कि स्कूल बनाया जा सके। हमारे देश में कुछ लोगों को बच्चे पैदा करना इतना पसंद है कि वो रुकने का नाम नहीं लेते हैं, बिना ये सोचे कि इसका असर सिर्फ उन्हीं पर नहीं बल्कि पूरे देश पर होगा। ऐसे में अब जरूरत आ गई है कि कानून बनाया जाएं, जनसंख्या नियंत्रण कानून बने और इसका असर जल्दी होने लगे।
अब अगर बात इस मुद्दे पर राजनीति की करें तो हाल ही में बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने एक मुस्लिम परिवार की तस्वीर डाल कर जनसंख्या पर तंज कसा और मुसलमानों पर भी बयान दिया। हो सकता है कि ये धर्म के लिहाज से गलत हो लेकिन जनसंख्या के लिहाज से बिलकुल सही था, जिस परिवार को वहां पर दिखाया गया है उसमें 6-7 बच्चे और कई बड़े लोग थे। हालांकि अब इस ट्वीट को हटा दिया गया है, क्योंकि ये धार्मिक लिहाज से गलत कहा जा सकता है। लेकिन मूल बात से सही है।
इसके लिए अकेले कपिल मिश्रा को ही जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है। इसकी शुरुआत तो AIUDF के नेता बकरुद्दीन अजमल के द्वारा की गई थी। उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि कानून बनने के बाद भी मुसलमान बच्चे पैदा करना चालू रखे। जहां पहले से ही देश जनसंख्या से परेशान हो रहा है ऐसे में इस तरह के नेताओं की तरफ से इसे और उकसाना और मजहबी रंग देना बेहद शर्मनाक है। ये तो नेता है इनके बच्चे तो अच्छी जगहों पर सिफारिश लेकर पढ़ लेंगे लेकिन अजमल साहब एक आम मुसलमान अगर आपकी बात माने लें और बच्चे ज्यादा पैदा करें तो उसकी जरूरतें आप पूरी नहीं करेंगे, तो आपको अपने बयान में कहना चाहिए कि बच्चे प्लान करके पैदा करें। देश और अपना दोनों का भला करें। अब इसका जवाब तो फिर नेताओं की तरफ से मिलेगा और कपिल मिश्रा ने भी वही किया है।
जनसंख्या नियंत्रण कानून तो वैसे पूरी दुनिया में लागू होना चाहिए क्योकि जनसंख्या की रफ़्तार अगर नहीं थमी तो पूरी दुनिया को एक दिन भयानक परिणाम भुगतना पड़ सकता है। हलाकि विश्व में कई बड़े देशों में जनसंख्या नियंत्रण कानून बना है और लागू किया गया है और वहां की जानत इसपे अमल भी की है ।
चीन ने साल 1979 में एक बच्चा प्रति परिवार का कानून अपना लिया था। इस कानूनको तोड़ने पर परिवार पर जुर्माना होता है। हालांकि जब थोड़ी जनसंख्या नियंत्रण में आई तो चीन ने 2 बच्चों का कानून कर दिया।
पाकिस्तान जो हमारा पडोसी मुल्क है वहां भी जनसंख्या नियंत्रण के लिए 2010 में एक जनसंख्या नियंत्रण पॉलिसी बनी है।
यहाँ तक की रूस, यूएस,जापान जैसे बड़े देशों ने भी इस तरह के कानून बनाएं और बड़ा ही असरदार साबित हुआ है ।
हलाकि भारत में ऐसा कानून अब तक नहीं बन पाया है लेकिन भारत के एक राज्य केरल में एक जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रावधान बना है जिसमे तीसरा बच्चा होने पर अधिकतम 10000 हजार तक की जुर्माना राशि देनी होती है ।
ऐसे में अब हमें भी कुछ कठोर कदम उठाने की जरूरत है। नहीं तो आने वाली पीढ़ी हमसे भी ज्यादा परेशान रहने वाली है।