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क्या बीजेपी के अगले आडवाणी बन रहे हैं राजनाथ सिंह?

Politics Tadka Taranjeet 18 June 2019
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लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले माना जा रहा था कि बीजेपी को इस बार सीटों का नुकसान हो सकता है और गठबंधन की सरकार बन सकती है। ऐसे में अगर भारतीय जनता पार्टी अपने दम पर सरकार बनाने में सफल नहीं होती है तो कयास थे कि नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री न बन पाएं और ऐसे में राजनाथ सिंह के प्रधानमंत्री बनने की संभावनाएं रहती। क्योंकि राजनाथ सिंह के नाम पर नए सहयोगियों को जुटाना आसान होगा क्योंकि उनके बीजेपी के बाहर दूसरे दलों के साथ अच्छे संबंध हैं।। वहीं मौजूदा सहयोगियों के बारे में भी राजनाथ सिंह के समर्थक ये कह रहे थे कि नरेंद्र मोदी के मुकाबले राजनाथ सिंह के साथ ज्यादा सहज हैं।

राजनाथ सिंह को दूसरा आडवाणी बनना मंजूर नहीं 

हालांकि नतीजे आए और बीजेपी को पिछली बार से भी ज्यादा सीटें मिल गई। तो राजनाथ सिंह के प्रधानमंत्री बनने की संभावना वाली वो बहस पूरी तरह से मिट्टी हो गई। लेकिन अब नतीजों के बाद से बहुत से लोगों को लग रहा है कि उनकी मौजूदा स्थिति को भी कमजोर बनाने की कोशिश की जा रही है। कुछ लोगों का तो यहां तक कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह मिलकर राजनाथ सिंह को लालकृष्ण आडवाणी बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। हालांकि आडवाणी जहां चुपचाप बाहर होते चले गए, लेकिन राजनाथ सिंह को दूसरा आडवाणी बनना मंजूर नहीं था और वो लगातार संघर्ष करते रहे।

लोकसभा अध्यक्ष बनाना चाहते थे मोदी

सुनने में आया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार राजनाथ सिंह को लोकसभा अध्यक्ष बनाना चाहते थे। लेकिन राजनाथ इसके लिए बिलकुल भी तैयार नहीं हुए। राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री को संकेत दिया कि अगर उन्हें सरकार से बाहर होना पड़ा तो वो पार्टी में काम करना पसंद करेंगे। क्योंकि राजनाथ के लिए कहा जाता है कि वो सबको साथ में लेकर चलते हैं और पार्टी के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद बनाने की कला में  तो उन्हें महारथ हासिल है। ऐसे में अगर उन्हें सरकार से पूरी तरह से हटा दिया जाता और पार्टी में लाया जाता तो वो बीजेपी के अंदर एक पावर सेंटर बन जाते, तो ऐसे में वो अमित शाह को पूरी तरह से रिप्लेस कर सकते थे। ऐसी संभावना काफी ज्यादा होती कि अगर राजनाथ सिंह सरकार का हिस्सा नहीं होते तो फिर वो बीजेपी अध्यक्ष बनने की कोशिश करते। ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी राजनाथ सिंह को फिर से अध्यक्ष बनाने की कोशिश करता क्योंकि सिर्फ मोदी और शाह की जोड़ी में सिमटती बीजेपी संघ के एक धड़े को नापसंद है। ये ऐसे लोग हैं जिन्हें लग रहा है कि मोदी-शाह के अलावा भी कुछ प्रमुख चेहरे पार्टी में दिखने चाहिए। जो पूरी तरह से गुम होते जा रहे हैं।

इसी कारण लोकसभा अध्यक्ष बनने के प्रस्ताव को मना करने के बाद उन्हें रक्षा मंत्री बनाया गया और नरेंद्र मोदी ने अपनी नई सरकार में उन्हें शामिल किया। लेकिन राजनाथ सिंह के कुछ करीबी नेताओं का मानना है कि शुरुआत में राजनाथ सिंह के समर्थकों ने उन पर दबाव बनाया कि वो अपना मंत्रालय बदले जाने को लेकर आवाज उठाएं। राजनाथ सिंह के करीबी नेताओं ने कहा कि जिस दिन मंत्रालयों का बंटवारा हुआ, उसी दिन शाम को 5 बजे कैबिनेट की बैठक रखी गई थी। उस बैठक के पहले राजनाथ सिंह के आवास पर उनके समर्थक अच्छी संख्या में जमा हुए और इन लोगों ने राजनाथ सिंह के सामने ही उनका मंत्रालय बदले जाने को अपमानजनक कहा था। लेकिन राजनाथ ने इसका विरोध नहीं किया।

कैबिनेट समितियों से बाहर किया गया

मंत्रालय बदलने के बाद राजनाथ सिंह को प्रमुख कैबिनेट समितियों से बाहर किया गया और 8 समितियों में से छह में उन्हें बाहर किया गया, जबकि पहले इसमें रक्षा मंत्री शामिल रहे हैं। इस पर दोबारा से राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव बनाया और रात होने तक ही फैसला पलट दिया गया और इन कैबिनेट समितियों में उनकी वापसी हो गई थी। राजनाथ सिंह का मंत्रालय बदले जाने को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में कोई खास हलचल नहीं थी, लेकिन उनके समितियों से बाहर किए जाने पर संघ के अंदर कई स्तरों पर बातचीत चलने लगी और संघ की तरफ से भी बीजेपी पर दबाव आने लगा। यहां तक की राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति से भी राजनाथ सिंह को बाहर कर दिया गया था। जबकि पिछली सरकार में अरुण जेटली और सुषमा स्वराज जैसे लोग इसका हिस्सा थे जिनका लंबा राजनीतिक अनुभव था। ऐसे में राजनाथ को इससे दूर करना उनके लिए अपमानजनक हो गया था।

हालांकि पार्टी के अंदर और भी कई ऐसे मौके आए हैं जब राजनाथ सिंह को शाह-मोदी की जोड़ी ने दरकिनार किया लेकिन राजनाथ ने आडवाणी की तरह हथियार डालने का मन बिलकुल नहीं बनाया है। वो लगाततार संघर्ष कर रहे हैं और अपनी साख को बरकरार रखने की कोशिश कर रहे हैं। इस संघर्ष में संघ के साथ उनके पुराने रिश्तों का भी लाभ उन्हें मिल रहा है। हालांकि आगे कि राह राजनाथ सिंह के लिए संघर्ष और मुश्किल होने वाला है। क्योंकि मोदी और शाह की जोड़ी लगातार मजबूत हो रही है।

Taranjeet

Taranjeet

A writer, poet, artist, anchor and journalist.