शाहीन बाग दक्षिण दिल्ली का एक इलाका, जिसे आज विरोध का प्रतीक माना जा रहा है। यहां पर पिछले एक महीने से विद्रोह की आग लगातार जल रही है। इस आग ने आस पास की महिलाओं के साथ देश के अन्य हिस्सों में भी लोगों को इस विद्रोह में शामिल होने को प्रेरित किया है। यहां पर हजारों की संख्या में महिलाएं हर रोज विरोध का संदेश लेकर 24 घंटे धरना दे रही हैं। प्रतिरोध हाल ही में विवादित नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ है। ये सभी शांतिपूर्ण आंदोलन सरकारों को कड़ा संदेश दे रहे हैं।
शाहीन बाग से उठी ये प्रतिरोध कि लौ अब देश भर में फैल रही है। पूरे देश में विवादित नागरिकता संशोधन कानून और संभावित एनआरसी के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। देश में कई शहरों में शाहीन बाग बन गए है, या कहें कि शहर-शहर शाहीन बाग बनते जा रहे हैं। सिर्फ दिल्ली की बात करें तो कम से कम 11 इलाकों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इन सभी जगहों पर भी महिलाओं ने 24×7 धरना शुरू कर दिया है। इसके अलावा कई जगहों पर छोटे-बड़े प्रदर्शन चल रहे हैं। इसके साथ ही देश में कम से कम 41 जगहों पर शाहीन बाग से प्रेरित 24×7 धरना प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
स्थानीय निवासियों, खास कर महिलाओं के नेतृत्व में 13 जनवरी की रात को अनिश्चितकालीन धरने के लिए एकत्र हुए थे। अगले दिन प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के प्रयास में विरोध स्थल पर पुलिस द्वारा तोड़फोड़ भी की जाने की खबरें आई।
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए 14 जनवरी की शाम को सैकड़ों की संख्या में महिलाओं सहित पुरानी दिल्ली के निवासी सड़कों पर उतर आए। 16 जनवरी की सुबह दिल्ली पुलिस ने कम से कम 7 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
बुधवार, 15 जनवरी की रात कुछ सौ लोगों से शुरू होकर, शुक्रवार शाम को जाफराबाद-सीलमपुर में स्थानीय लोगों की भागीदारी 2,000 तक पहुंच गई।
कर्दम पुरी में विरोध प्रदर्शन शनिवार, 18 जनवरी की शाम को शुरू हुआ, जिसमें हजारों की संख्या में शहरवासी एकत्रित हुए, जो शाहीन बाग की महिलाओं से प्रेरित थे। 72 घंटे से यहां पर लोग अभी भी प्रदर्शन कर रहे हैं
उत्तर पूर्वी दिल्ली के बृजपुरी में सीएए और एनआरसी के विरोध में रविवार, 19 जनवरी की शाम को 10,000 से अधिक निवासी इकट्ठा हुए थे। यहां पर अनिश्चितकालीन धरना गुरुवार, 16 जनवरी की शाम से शुरू हो गया था।
उत्तर पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा में महिलाओं द्वारा अनिश्चितकालीन धरना शनिवार शाम से शुरू हो गया। रविवार, 19 जनवरी की शाम को एक सिख समूह ने प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखते हुए लंगर शुरू किया।
ये प्रदर्शन दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले में स्थित एक और इलाके में शाहीन बाग से प्रेरित हो कर शुरु हुआ। यहां पर लगातार लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है।
इस आंदोलन में स्थानीय निवासियों, विशेषकर महिलाओं की भारी भागीदारी देखी गई है। इसके साथ ही यहां पर मार्च और रैलियों का भी आयोजन हुआ है।
प्रदर्शनकारी छात्रों और स्थानीय लोगों पर दिल्ली पुलिस द्वारा हिंसा भड़काने के बाद जामिया के केंद्रीय विश्वविद्यालय के गेट नंबर 7 के सामने भी दिन रात का प्रदर्शन शुरू हो गया है।
सीएए-एनपीआर-एनआरसी के विरोध में सैकड़ों महिलाओं ने रविवार, 18 जनवरी की शाम को इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन के सामने अनिश्चितकालीन धरने शुरू किया है। ये मेट्रो स्टेशन रेड लाईन और ग्रीन लाइन को जोड़ता है।
इसके अलावा दिल्ली के बाहर भी बहुत सी जगहों पर प्रदर्शन लगातार चल रहा है जो कि मोदी-शाह के लिए परेशानी का सबब बन रहा है और इन सबकी प्रेरणा दिल्ली का शाहीन बाग इलाका ही बना है।