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नहाते वक्त हुआ अपमान तो एनटी रामाराव खुद की पार्टी बनाकर 9 महीने में बन गए थे मुख्यमंत्री

Information Anupam Kumari 20 February 2021
नहाते वक्त हुआ अपमान तो 9 महीने में सीएम बनकर दिखा दिया एनटी रामाराव ने

राजीव गांधी कांग्रेस के महासचिव बने थे। यह 1982 का समय था। तब आंध्र प्रदेश में कांग्रेस का शासन था। टी अंजैया मुख्यमंत्री थे। राजीव गांधी हैदराबाद गए हुए थे। पार्टी का कुछ काम था। बड़ी संख्या में लोग उन्हें देखने के लिए आ गए थे। हैदराबाद का बेगमपेट हवाई अड्डा खचाखच भर गया था। राजीव गांधी की अगुवाई करने टी अंजैया पहुंचे हुए थे।

भीड़ देख भड़क गए थे राजीव गांधी

राजीव गांधी ने इतनी भीड़ देखी तो उन्हें बहुत गुस्सा आ गया। सबके सामने मुख्यमंत्री को उन्होंने खूब भला-बुरा कहा। खूब डांट लगाई। अगले दिन अखबारों में यह खबर छा गई। पहले पन्ने पर इसे छापा गया।

एनटी रामाराव ने लपक लिया मौका

एनटी रामाराव इस मौके का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने अपनी नई पार्टी की घोषणा कर दी। हैदराबाद में उन्होंने ऐसा किया था। यह 29 मार्च, 1982 का दिन था। पार्टी उन्होंने तेलुगूदेशम के नाम से बनाई थी। टी अंजैया कर अपमान को उन्होंने आंध्र प्रदेश का अपमान बताया था। आंध्र प्रदेश के लोगों का अपमान उन्होंने इसे करार दिया था। लोगों से अपील की थी कि कांग्रेस को खूब सबक सिखाएं।

लोगों से कहा कि अब जनता की सेवा करनी है

उन्होंने अपनी उम्र का वास्ता दिया था। कहा था कि 60 साल का मैं हो चुका हूं। उन्होंने अपनी फिल्मों के बारे में भी बताया था। उन्होंने कहा था कि 300 से ज्यादा फिल्में मैं कर चुका हूं। लोगों की सेवा अब मुझे करनी है। आंध्र प्रदेश में 9 महीने के बाद विधानसभा चुनाव हुए। सहयोगियों के साथ मिलकर उनकी पार्टी ने चुनाव लड़ा। दो तिहाई बहुमत भी मिल गया। सरकार इनकी बन गई।

स्तब्ध रह गया था समूचा देश

9 महीने ही हुए थे पार्टी को बने। ऐसे में पूरे देश में यह घटना छा गई। बड़ा बदलाव इसे माना जाने लगा। अखबारों ने भी इसके बारे में खूब लिखा। कहा जाने लगा कि फिल्मी सितारों का ग्लैमर तमिलनाडु की तरह आंध्र प्रदेश में भी चलने लगा है।

नेल्लोर गए हुए थे एनटी रामाराव

अभिनेता एनटी रामाराव आखिर राजनीति में क्यों गए? यह एक बड़ा सवाल है। एनटी रामाराव का पूरा नाम नंदमूरि तारक रामाराव था। एक बार वे नेल्लोर गए हुए थे। वे तेलुगु फिल्मों के जाने-माने अभिनेता थे। आंध्र प्रदेश के इस छोटे शहर में वे पहुंचे थे। अच्छे होटल तब ज्यादा थे नहीं। होटल में उन्हें जगह मिली नहीं। सरकारी सर्किट हाउस वे पहुंच गए। वहां पता चला कि सारे कमरे बुक हैं। केवल एक ही कमरा वहां खाली था।

कुछ घंटों के लिए दिया मंत्री का कमरा

सर्किट हाउस के केयरटेकर ने कहा कि यह कमरा देना मुश्किल है। उसने बताया कि एक मंत्री के नाम यह बुक है। फिर भी एनटी रामाराव का स्टारडम इतना था कि केयरटेकर ने यह कमरा एनटी रामाराव को दे दिया। कहा कि मंत्री जी के आने में कुछ समय है। कुछ घंटे के लिए वे इस कमरे का प्रयोग कर सकते हैं।

अचानक पहुंच गए मंत्री

रामाराव कमरे में गए। वे नहाने के लिए बाथरूम में चले गए। उसी दौरान मंत्री जी पहुंच गए। मंत्री को पता चला कि कमरा किसी और को दे दिया गया है। उन्हें बड़ा गुस्सा आ गया। केयरटेकर को उन्होंने खूब डांट लगाइ। रामाराव को यह सब अच्छा नहीं लगा। उन्हें सर्किट हाउस खाली करना पड़ा था। इस घटना से वे अंदर तक बुरी तरह से हिल गए थे।

फिर दोस्त ने कही यह बात

वे चेन्नई चले गए। वहां अपने दोस्त नागी रेड्डी से उन्होंने सारी बात बताई। नागी रेड्डी ने उन्हें एक महत्वपूर्ण बात कही। उन्होंने कहा कि दौलत-शोहरत कितना भी कमा लो, असली ताकत तो नेताओं के पास ही रहती है। एनटी रामाराव ने अब मन में कुछ ठान लिया। राजनीतिक पार्टी हर हाल में अब वे बनाना चाहते थे। उन्हें एक अच्छे मौके का इंतजार था। राजीव गांधी ने हैदराबाद में उन्हें वह मौका दे दिया।

बढ़ाते गए अपनी सरकार की लोकप्रियता

सरकार एनटी रामाराव की बन गई थी। लोकप्रियता बढ़ाने के लिए उन्होंने और भी बहुत से कदम उठाए। उन्होंने बहुत कम शुल्क में छात्रावास में कमरे देने शुरू कर दिए। चावल गरीबों को केवल 2 रुपये प्रति किलो के हिसाब से देना शुरू कर दिया। स्टूडेंट्स के लिए सरकारी बसों में खास पास जारी किए जाने लगे। आंध्र प्रदेश की जनता उन पर एकदम फिदा थी। उनकी लोकप्रियता के आगे कोई टिक नहीं पा रहा था।

इंदिरा गांधी को दी बड़ी चुनौती

बाद में एनटी रामाराव की सरकार को बर्खास्त किया गया था। हालांकि, एनटी रामाराव ने ऐसा खेल खेला कि इंदिरा गांधी की भी उन्होंने हालत खराब कर दी। एक बार फिर से उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी।

Anupam Kumari

Anupam Kumari

मेरी कलम ही मेरी पहचान