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इतना साहसिक निर्णय तो भारत के केवल यही प्रधानमंत्री ले सकते थे

आजादी के बाद से भारत में जितने प्रधानमंत्री हुए हैं, उनमें से लगभग हरेक के कार्यकाल में कोई-न-कोई साहसिक निर्णय जरूर लिये गये हैं।
Information Anupam Kumari 6 November 2019

आजादी के बाद से भारत में जितने प्रधानमंत्री हुए हैं, उनमें से लगभग हरेक के कार्यकाल में कोई-न-कोई साहसिक निर्णय जरूर लिये गये हैं। यहां हम आपको ऐसे ही 10 साहसिक निर्णयों के बारे में बता रहे हैं, मगर इसे पढ़कर फैसला आपको करना है कि इनमें से सबसे साहसिक निर्णय किस प्रधानमंत्री का रहा है।

1-जवाहर लाल नेहरू

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री और चाचा नेहरू के नाम से जाने जानेवाले पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 17 वर्षों तक भारत के प्रधानमंत्री पद को सुशोभित किया। नेहरू के कार्यकाल में कश्मीर में एकीकरण से लेकर चीन के साथ सौहार्द्रपूर्ण संबंध स्थापित करने और गैर संरेखण आदोलन से लेकर बिजली ब्लाॅकों से निवेश लाने तक के ऐतिहासिक निर्णय लिये गये।

2-लाल बहादुर शास्त्री

भारत के सबसे सरल और सादगी से भरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था और उनके कार्यकाल में लिये गये सबसे साहसिक फैसलों में खाद्य एवं दुग्ध उत्पादन के जरिये आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करना और हरित व श्वेत क्रांति को बढ़ावा देकर देश को अनाज व दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने का था।

3-इंदिरा गांधी

भारत की आयरल लेडी के नाम से मशहूर देश की इकलौती महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल में कई साहसिक फैसले लिये, जिनमें पोकरण का 1974 का परमाणु परीक्षण, ऑपरेशन ब्लू स्टार को मंजूरी देना, अंडरग्राउंड ऑपरेशन मेघदूत चलाना और आपातकाल की घोषणा करना प्रमुख थे।

4-मोरारजी देसाई

इंदिरा गांधी के आपातकाल की घोषणा की वजह से सत्ता विरोध लहर पर सवार होकर सत्ता में आये मोरारजी देसाई का सबसे ऐतिहासिक व साहसिक निर्णय भारतीय बाजार में पांव पसार चुके भ्रष्टाचार और काले धन पर हमला करने के लिए 1000 रुपये, 5000 रुपये और 10,000 रुपये के करेंसी नोटों पर प्रतिबंध लगा देना था।

5-राजीव गांधी

बेहद दूरदर्शी सोच रखने वाले राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के तौर पर विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वित्त पोषण के साथ कंप्यूटर व टेलीकम्यूनिकेशन से संबंधित वस्तुओं को आसानी से भारत में लाये जाने की इजाजत देने का साहसिक फैसला तो लिया ही, साथ ही युवाओं के मतदान की उम्र भी उन्हीं के शासनकाल में 18 वर्ष की गई।

6-चंद्र शेखर सिंह

यंग तुर्क के नाम से जाने जानेवाले इस भारतीय प्रधानमंत्री ने आर्थिक संकट से लड़ने के लिए देश के स्वर्ण भंडार को विदेशों में स्थानांतरित करने का साहसिक कदम उठाया। उनका मकसद वर्ष 1991 में उत्पन्न हुए भुगतान संकट के संतुलन को कायम करना था। हालांकि, चंद्र शेखर के इस कदम की जमकर आलोचना हुई थी और उनके इस कदम से देश संकट में भी पड़ गया था।

7-पीवी नरसिम्हा राव

भारत के सबसे मजबूत प्रधानमंत्रियों में से एक पीवी नरसिम्हा राव ने आतंकवादियों के एयरक्राफ्ट हाइजैकिंग की मांगों को ठुकराने का साहसिक निर्णय और लातूर में विनाशकारी भूकंप के बाद राहत व आपदा प्रबंधन में आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल का बेहतरीन निर्णय लिया।

8-अटल बिहारी वाजपेयी

भारत के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों में से एक अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान भारत को कारगिल युद्ध में विजय तो मिली ही, साथ ही अंतर्राष्ट्रीय समुदान की सहायता के बगैर ही भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाने का उन्होंने साहसिक व ऐतिहासिक निर्णय लिया।

9-मनमोहन सिंह

भारत के सबसे कम बोलने वाले प्रधानमंत्री के रूप में जाने गये मनमोहन सिंह अपने निर्णयों के मामले में उतने ही मजबूत रहे और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ परमाणु समझौते के लिए हाथ मिलाने के अपने साहसिक निर्णय पर लाख विरोध के बाद भी अड़े रहे। उनके प्रधानमंत्री रहने के दौरान देश को 9 फीसदी की उच्चतम जीडीपी वृद्धि दर हासिल हुई और दुनिया की दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भी भारत बन गया।

10-नरेंद्र मोदी

भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में अब तक कई साहसिक निर्णय लिये जा चुके हैं, जिनमें 500 और 1000 हजार के करेंसी नोटों को प्रतिबंधित करने के अलावा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाये जाने और उरी व पुलवामा में भारतीय सैनिकों पर हुए आतंकी हमलों के बाद आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल व एयर स्ट्राइक करने का निर्णय भी शामिल है।

अब तक भारत के 10 प्रधानमंत्रियों द्वारा लिये गये 10 साहसिक निर्णयों के बारे में यहां हमने आपको बताया। इनमें से सबसे साहसिक निर्णय आपको किस प्रधानमंत्री का लगा, इसके बारे में आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

Anupam Kumari

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