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हे कायर पकिस्तान ! ये मत भूलो कि बाप तुम्हारे लगते हैं – हिन्दुस्तान

सुभ्रमण्यम स्वामी से लेके कुमार विश्वास तक, पुलवामा आतंकवादी हमले ने सबकी नीद उड़ा कर रख दी है | इसलिए नहीं कि लोगों को इस अटैक से डर लग रहा है अपितु इसलिए क्योंकि लोगों को अब बदला चाहिए |

जी हाँ पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद से लगातार ट्विटर पर #IndiaWantsRevenge ट्रेंड हो रहा है | इस ट्वीट का समर्थन करके लोगों ने प्रधानमन्त्री से आह्वाहन किया है कि, अब बातों से नहीं बल्कि बदले से काम होगा | बता दें कि इस निंदनीय व बुज़दिल घटना को अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तान का एक आतंकवादी गुट ‘जैश – ए – मुहम्मद’ है जो खुद को अपने इस्लाम धर्म के परचम के लिए काम करने वाला एक जिहादी संगठन कहता है |

हालांकि ऐसी घटनाएं पहली बार नहीं हुई हैं, २०१६ में हुआ उरी हमला इसका सबसे बड़ा उदाहरण है | उस हमले के बाद भारतीय आर्मी द्वारा वीरतापूर्वक सर्जिकल स्ट्राइक के बाद कुछ हद तक अंतर्राष्ट्रीय रूप से भारत पकिस्तान पर हावी जरूर लग रहा था | किन्तु कहते हैं कि ‘सीधी जुबान हर किसी के समझ की बात नहीं होती है ‘ और और कायर पकिस्तान शायद अब भारत को एक बार फिर बदला लेने के लिए निमंत्रण दे चुका है |

चौबीसो घंटे देश के लिए सर पर कफ़न बांधे खड़े रहने वाले सिपाही देश की आन बान के लिए कुछ भी कर जाने का माद्दा रखते हैं | लेकिन लोगों के सब्र का बाँध टूट जाता है जब देश की रक्षा करने वाले वीर सपूतों की लाश कभी भी तिरंगे में लिपटी उनके घर तक पहुंच जाती है |

क्या है कायर पाकिस्तान की मंशा ?

आतंकवादी हमला बेशक भारत में आज से नहीं हो रहा है किन्तु सच यही है कि भारत देश कि आज़ादी के साथ ही देश को जो सबसे बड़ा नासूर मिला वो था १९४७ में हुआ भारत पकिस्तान बंटवारा | ये बंटवारा उस समय के राजनेता और विद्वत लोग जैसे कि जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गाँधी कि देख रेख में हुआ | दरअसल इस बंटवारे का प्रमुख कारण था कि मुहम्मद अली जिन्ना जो कि सरोजनी नायडू के बेहद करीब माने जाते थे | १९४७ में जिन्ना ने हिन्दू – मुस्लिम दोनों धर्म के लोगों के लिए अलग अलग देश कि मांग कर दी थी | हालांकि शुरुवात में गाँधी ने इस प्रस्ताव को मानने से इंकार कर दिया किन्तु उसके बाद शुरू हुआ ख़ूनी खेल | दोनों ही धर्म के लोग एक दूसरे पर हमलावर हो गए और उनके खून कि होली खेलने पर आमादा हो गए | इन परिस्थियों को देखते हुए तल्कालिन प्रधानमन्त्री जवाहर लाल नेहरू ने इस हिन्दुस्तान देश में से एक हिस्सा अलग करते हुए एक नापाक देश ‘पकिस्तान’ की स्थापना कर दी |

बात यही पर थमी नहीं | उसके बाद शुरू हुआ ‘काश्मीर विवाद’ जिसमे पाकिस्तान और भारत में इस बात को लेके विवाद होना शुरू हुआ कि काश्मीर किसके हिस्से और कितना आएगा | किसी शायर ने काश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा है , वहां की खूबसूरती वास्तव में देखने लायक होती है |

इसी लालच ने पकिस्तान को बार बार भारत की सरजमीं पर हमले करने की कवायद दे रखी है | काश्मीर मुद्दा १९९९ में हुए कारगिल युद्द के बाद और भी जोर पकड़ के बैठ गया | और पकिस्तान जिसको भारत का एक हिस्सा देके अलग राष्ट्र बनाया गया वो भारत पर ही कायरों की तरह हमले करने लगा | कभी जिहाद तो कभी आज़ाद कश्मीर की मांग अलगाववादियों और हुर्रियत नेताओ द्वारा प्रस्तावित होता रहता है | किन्तु ये सभी लोग इस बात को भूल गए हैं कि हिन्दुस्तान ही वह देश है जिससे पकिस्तान का जन्म हुआ है |

ये तो वही बात हो गयी साहब जैसे एक निकम्मा आवारा बेटा कुछ न कर पाने की स्थिति में खुद की शख्शियत देने वाले बाप आँख दिखाना शुरू करता है | लेकिन पाकिस्तान ये भूल गया है कि यदि वो शेर है तो हिन्दुस्तान ‘सवा शेर ‘ तो जरूर होगा | क्योंकि इन कायरों को पैदा करने वाला भी तो हिन्दुस्तान ही है |

भारत से लाभान्वित व दयानिधि पात्र पकिस्तान:

सब्जी, टेक्सटाइल, टमाटर, नारियल, रुई, चीनी इत्यादि कई चीजें पाकिस्तान को भारत से मिलता है | हालांकि प्याज जैसी कई चीजें पकिस्तान भी भारत को निर्यात करता है | इन मेहरबानियों की वजह से देश की सरकार जल्दी ढोस कदम नहीं ले पाती है | किन्तु यदि इन मेहरबानियों की वजह से हमारे देश के जवान शहीद होते हैं तो क्यों नहीं त्याग देते हैं लोग प्याज और गेहू को नापाक पकिस्तान से आयत करना ?

हम तुम्हारे बाप

बता दें कि अमेरिका समेत बहुत सारे देशों ने पकिस्तान को आतकवादी राष्ट्र घोषित करने के समर्थन में अपना मत दे दिया है | किन्तु पाकिस्तान कश्मीर जो कि भारत के सर की पगड़ी (ताज) कहा जाता है उसको उससे छीनने पर आमादा है | शायद इसलिए कि अभी इस बेटे पाकिस्तान ने अपने बाप का असली चेहरा देखा ही नहीं है | पकिस्तान ये भूल चुका है कि हिन्दुस्तान राष्ट्र न सिर्फ एक राष्ट्र बल्कि उसका उसका बाप है जिससे विगठित होके ही पकिस्तान की स्थापना हुई है |