पॉलिटिक्स में इस बात को लेकर कई तरह की बाते की जा रही है कि क्या मोदी सरकार ने नेता राहुल गांधी, पॉलिटिकल स्ट्रैटजिस्ट प्रशांत किशोर और पत्रकारों की जासूसी तो नहीं कर रहे है । पेरिस रहे हुए मीडिया नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन फॉरबिडन स्टोरीज और एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक, इजरायल के NSO ग्रुप द्वारा बेचे जाने वाले पैगसस स्पाइवेयर का इस्तेमाल लगभग 300 भारतीयों पर निगरानी रखने के लिए किया गया है।
मीडिया वेबसाइट्स ने 40 न्यूज़ रिपोर्टर के नाम गिनाए जिनके बारे में ये दावा किया गया था कि उनकी जासूसी की जा रही थी। हालाँकि दूसरी लिस्ट ने मामले को भी गंभीर बना दिया जिसमें राहुल गांधी, उनके कुछ दोस्त, पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा, कैबिनेट मंत्री अश्विनी वैष्णव, प्रह्लाद पटेल और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पैगसस स्पाइवेयर के जरिए जासूसी का आरोप लगाया गया था। संसद के दोनों गुटों में जमकर हंगामा हुआ।
हालाँकि सरकार ने इन आरोपों को झूठा करार दिया और ये दावा किया कि ‘किसी तरह की कोई भी गैरकानूनी निगरानी नहीं हुई है।’ इस पर कांग्रेस ने अमित शाह के इस्तीफे की मांग की, अमित शाह ने कहा, ‘ऑज मॉनसून सत्र शुरू हो गया है। देश के लोकतंत्र को बदनाम करने के लिए मॉनसून सत्र से ठीक पहले कल देर शाम एक रिपोर्ट आती है, जिसे कुछ लोगो द्वारा केवल एक ही उद्देश्य के साथ फैलाया जाता है कि कैसे भारत की विकास यात्रा को पटरी से उतारा जाए।