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सियाचिन ग्लेशियर को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है। एक ओर भारत की सेना तो दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना यहां हमेशा आंख गड़ाए बैठी हुई नजर आ जाती है।

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लोगों को परेशानी चालान से नहीं कानून का पालन करने से है

Logic Taranjeet 4 September 2019
Motor Vehicles Act

नरेंद्र मोदी की सरकार ने संसद में मोटर व्हीकल एक्ट पास कराया, लंबी बहस के बाद, विरोधों का सामना करते हुए ये कानून बना। इस कानून का शुरु से ही विरोध होता रहा है, क्योंकि विपक्षी दलों का कहना है कि इसमें जो दरें रखी गई है वो काफी ज्यादा है। मोटर व्हीकल एक्ट ने ट्रैफिक चालान को पहले के मुकाबले 10 गुणा सख्त कर दिया है। जो चालान पहले 100 रुपये का हुआ करता था, अब वो 1000 रुपये का हो गया है। कुछ अपराधों पर तो चालान 25 हजार तक का है। ऐसे में लोगों को रास नहीं आ रहा है कि ये इतने दाम क्यों हो गए हैं।

कानून का पालन करने से परेशान तो नहीं लोग

दरअसल लोगों को रास ये तो आ गया है कि कानून सख्त हो गया है अब जेब पर ज्यादा बोझ पड़ेगा, लेकिन इस सदमे से लोग अभी भी बाहर नहीं निकल पा रहे हैं कि उन्हें अब कानून का पालन करना पड़ेगा। पहले तो 100-200 का चालान होता था तो लोगों को इतना नहीं दुख होता था, लेकिन अब जब 10 गुणा ज्यादा का चालान देना होगा तो वो तो परेशान करेगा। शायद इसी वजह से सोशल मीडिया से लेकर हर तरफ तक लोग इसका विरोध कर रहे हैं। हमारे देश की जनता भी अजीब है, जिस बात का विरोध करना होता है हम अंधभक्त बन उसका समर्थन करते हैं और जिसका समर्थन करना होता है, हम उसका विरोध करते हैं।

कमाल है न कि सरकार कह रही है कि लंबा जीयो, सुरक्षित जीयो लेकिन हमें ये पसंद नहीं आ रहा है। जनता को शायद अच्छा नहीं लग रहा कि कोई सरकार उनकी लंबी उम्र की कामना कैसे कर सकती है? गलती जनता की नहीं है सरकारों की धारणा हमारी नजर में बनी ही ऐसी हुई है कि नेता के कर्मों में जल्दी से कुछ अच्छा नजर आता नहीं है। तभी तो अब हम लोग सोच रहे हैं कि हेलमेट पहनने के लिए जबरदस्ती करने वाली सरकार का इसके पीछे भी कुछ मकसद होगा।

जी हां मकसद है लोगों को डराना, ताकि कम से कम जुर्माने के डर से ही लोग हेलमेट पहनेंगे, सीट बेल्ट लगाएंगे, गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल पर बात नहीं करेंगे, ओवरस्पीड नहीं करेंगे, गाड़ी के कागज पूरे रखेंगे, 18 साल की उम्र से पहले गाड़ी नहीं मिलेगी। और अगर फिर भी कोई ऐसा करता है तो चालान कटेगा और इसका फायदा भी सरकार को होगा, जुर्माने का पैसा सरकार के खजाने में जाएगा और अर्थव्यवस्था में एक बूंद की तरह काम करेगा।

मत देना 100-200 रुपये

इस कानून के लागू होने से लोगों का तर्क है कि इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा, तो हां हो सकता है कि लोग 1000 रुपये न देकर 200-300 में बात खत्म कराना चाहें। लेकिन जो लोग देश में भ्रष्टाचार बढ़ने की बात कर रहे हैं, कम से कम वही लोग मामला रफा दफा न कराएं और पूरा चालान भर दें, तो भी बहुत होगा। असल मायने में ये कानून सफल हो जाएगा, अगर सिर्फ वही लोग जो इस कानून को भ्रष्टाचार से जोड़ रहे हैं वो ही ये कहना बंद कर दें कि कुछ ले दे कर बात खत्म कीजिए। और अगर इतना ही भ्रष्टाचार का डर है, या फिर पैसे से प्यार है तो 10 मिनट पहले निकलिए ताकि ओवरस्पीड न करनी पड़े, सीट बेल्ट पहन कर गाड़ी चलाइए, सारे कागज पूरे रखिये और चालान से बचिये। अगर आप अपराध करेंगे नहीं तो पुलिस खुद से तो कोई कानून बना नहीं देगी, तो अगर ज्यादा समस्या लगती है तो सारे कानून को मानिये और सुरक्षित रहिए और पैसा भी बचाइए।

भारत सड़क दुर्घटनाओं के मामले में बहुत ज्यादा बदनाम है, हमारे देश में लोग बीमारी से कम और सड़क दुर्घटना से ज्यादा मरते हैं। आए दिन हम खबरें सुनते हैं कि किसी जगह पर इतने लोगों की सड़क पर मौत हो गई। सालों से कोशिश की जा रही है कि लोगों को समझाया जाएं, जगह जगह पर होर्डिंग लगे होते हैं, अलग अलग नारे लिखे होते हैं better late then never, ऐसे नारे बहुत बार देखें होंगे लेकिन कभी लागू नहीं किए। बिना हेलमेट के रफ्तार से बाइक चलाना तो फैशन सा बन गया है। लेकिन अब ऐसा नहीं है, अगर ये कानून सही तरीके से काम किया तो बहुत जल्द हम सड़क दुर्घटनाओं पर काबू पा लेंगे।

एक नजर प्रावधानों और उसके जुर्माने की राशि पर

  • नाबालिग के गाड़ी चलाने पर 25 हज़ार ज़ुर्माना लगेगा। साथ ही गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्द होगा और नाबालिग का ड्राइविंग लाइसेंस 25 साल की उम्र तक नहीं बनेगा।
  • बिना हेलमेट के दुपहिया वाहन चलाने पर 500 से 1500 रुपये का जुर्माना देना होगा। पहले ये 100 से 300 रुपये था।
  • दुपहिया वाहन पर तीन सवारी बैठाने पर जो जुर्माना पहले 100 रुपये था अब वो 500 रुपये हो गया है।
  • पॉल्यूशन सर्टिफिकेट न होने पर पहले 100 रुपये भरने पड़ते थे अब 500 रुपये देने होंगे।
  • बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाते पाए जाने पर जो ज़ुर्माना पहले 500 रुपये था अब वो 5000 रूपए तक हो गया है
  • गाड़ी तेज रफ्तार से यानी ओवरस्पीडिंग का जुर्माना 400 रुपये के बजाय 1000 से 2000 रुपये के बीच भरना होगा
  • डेंजरस ड्राइविंग करने पर अब आपको 1000 की बजाय 1000 से 5000 रुपये तक जुर्माना देना होगा।
  • ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन पर बात करने पर पहले जुर्माना 1000 रुपये था अब 1000 से 5000 रुपये तक देने होंगे
  • गलत दिशा में ड्राइविंग करने पर अब 1100 की बजाय आपको 5000 रुपये तक देने होंगे
  • रेड लाइट जंप करने पर पहले जो जुर्माना मात्र 100 रुपये था वो 1000 रुपये से 10,000 रुपये हो गया है
  • सीट बेल्ट लगाए बिना गाड़ी चलाने पर पर पहले आपको 100 रुपये जुर्माने के तौर पर चुकाने पड़ते थे लेकिन अब आपको इसका दस गुना ज्यादा यानी की 1000 रुपया भरना पड़ेगा।
  • शराब पीकर गाड़ी चलाने पर पहले जुर्माना 2000 रुपये था अब 10 हजार हो गया है
  • इमरजेंसी व्हीकल जैसे एम्बुलेंस और दमकल की गाड़ी को साइड न देने 10 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा।
Taranjeet

Taranjeet

A writer, poet, artist, anchor and journalist.