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आडवानी जी ने सोचा था petrol से पहले मैं 100 का होऊंगा, मोदी ने वो भी नहीं होने दिया

लाफिंगनगर –

मुन्ना भैया ने मिर्जापुर में कहा था कि “दुःख लगता है जब आप योग्य हो और वैल्यू ना हो”. इस दुःख को सबसे अधिक आडवानी जी ही समझ सकते हैं. राष्ट्रपति के कोट सिलवाया था लेकिन उसे ही पहनकर मार्गदर्शक मंडल की बैठक में जाना पड़ा. अब आडवानी (Lal Krishna Advani) ने सोचा था पेट्रोल से पहले मैं सौ का हो जाऊंगा लेकिन मोदी ने petrol price पहले ही बढ़वा दी.

 चीन ने जो गांव बसाया है उसका सरपंच ही बना दो

अब बताओ  petrol price इतनी ज्यादा बढ़ा दी कि आडवानी जी का पहले शतक मारने वाला सपना अधूरा रह गया. अब आडवानी ने कहा है की यार चीन ने हमारी जमीन में जो गांव बसाया है कम से कम उसका सरपंच ही बना दो. कुछ तो बना दो चलो. मन ही अंट-शंट कहते हुए आडवानी जी सोचते होंगे कि “पहले पीएम बनना चाहता था लेकिन वो भी खुद बन गया,  फिर सोचा चलो बुजुर्ग हूँ तो लिहाज करेगा लेकिन और राष्ट्रापति बनेगा लेकिन वो भी कोविंद जी (Ram Nath Kovind ) को बना दिया. फिर लगा की कुछ नहीं तो पेट्रोल से पहले सौ का हो जाऊंगा. ये तो मेरे हाँथ में था लेकिन इसने फिर petrol price अचानक से सौ कर दी. क्या करूँ मैं मर जाऊं. मतलब मेरी कोई फीलिंग नहीं है, एकदम से जज्बात बदल देता है हालात बदल देता है.

चाइना वाले गांव का सरपंच ठीक रहेगा

चलो चाइना वाले गांव का सरपंच बना दो. वैसे भी तुम मुझे खबर में आने तो देते हो नहीं. वहां से कोई खबर भी नहीं आती इधर लोगों के बीच. चुपचाप वहां अपना सरपंची करूँगा और सुकून से रहा आऊंगा. ना तो बार-बार तुम्हें फर्जी दिखावा करने के लिए मेरे पास आना पड़ेगा और ना ही मेरा बड्डे मनाना पड़ेगा. वैसे बड्डे से ध्यान आया इस बार तुम मेरे लिए केक लेकर आए थे. मैनें तुम्हे केक खिलाया था. केक खिलते हुए सोच रहा था कि खा ले भाई करियर तो तू खा ही गया केक भी खा ले.

वैसे तुमनें बहुतों को अब भरी जवानी में आडवानी कर दिया है. बेचारे सिंधिया का फोन आया था एक दिन. कह रहा था की आडवानी जी मार्गदर्शक मंडल में जगह मिलेगी क्या. मैनें कहा बस कर पगले रुलाएगा क्या. मुझे ही बड़ी मुश्किल से मिली है. वो भी तू छीन लेगा.  

अब ये petrol price वाला काम करके तो मेरे सारे अरमानों पर पानी फेर दिया.