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सियाचिन ग्लेशियर को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है। एक ओर भारत की सेना तो दूसरी ओर पाकिस्तान की सेना यहां हमेशा आंख गड़ाए बैठी हुई नजर आ जाती है।

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प्रज्ञा ठाकुर बनीं रक्षा कमेटी की सदस्य, सरकार ने कहा अब श्राप से ही हो जाएगा काम

दुनिया के सभी हथियारों और उनकी मारक क्षमताओं को श्राप से चुनौती देने वाली एक नेता जिन्हें हाल ही में रक्षा कमेटी का सदस्य बनाया गया है
Troll Ambresh Dwivedi 22 November 2019

नई दिल्ली: प्रज्ञा ठाकुर यानी कि वो बीजेपी नेता जो हमेशा चर्चा में रहतीं हैं. चर्चा अपने कामों को लेकर नहीं बल्कि दूसरे के काम पर टिपण्णी करके. दुनिया के सभी हथियारों और उनकी मारक क्षमताओं को श्राप से चुनौती देने वाली एक नेता जिन्हें हाल ही में रक्षा कमेटी का सदस्य बनाया है. इसके पीछे सरकार कि एक बड़ी प्लानिंग है. आप जिसे समझ नहीं रहे मित्रों…

कम खर्चे में काम

भारत का इकलौता मकसद है पाकिस्तान को खत्म करना. बेरोजगारी, शिक्षा ये सब तो बाद कि बातें हैं. तो अब पाकिस्तान को खत्म करने में सरकार का पैसा बहुत अधिक लग रहा है. सेना के जवान, दुनिया के भर के हथियार और उन्हें खरीदने में होने वाले विवाद से बचने के लिए सरकार ने प्रज्ञा ठाकुर के रूप में एक सस्ता तरीका खोज निकाला है. प्रज्ञा के श्राप से सरकार अब पाकिस्तान को खत्म करने कि योजना बना रही है. सरकार ने एक कमेटी इसके लिए भी बना दी कि आखिर कब कैसे और कहाँ पर प्रज्ञा को श्राप देना है. किस दिन श्राप अधिक प्रभावी होगा और किस दिन प्रभावी नहीं होगा. इसके लिए बाकायदा एक टीम बनाई गई है जो इस पर रिसर्च करेगी. अब इतना सारा पैसा खर्च होने से बच रहा है तो सरकार इतना तो कर ही सकती है. यानी “जब उठेगा श्राप का हाथ, तो पाकिस्तान होगा साफ़”.

नेताओं में हुई लड़ाई

प्रज्ञा ठाकुर को मिलने वाली इस तरह कि सुविधाओं के बाद बीजेपी के कुछ नेताओं में आपसी बहस हो गई. उन्होंने कहा कि “क्या हमने कम अनर्गल बयान दिए हैं. हम भी तो कहते हैं कि यज्ञ करवा दो प्रदूषण कम हो जाएगा. तो हमें इस कमेटी का सदस्य क्यों नहीं बनाया गया. इस पर सबसे अधिक नाराजगी रविशंकर प्रसाद ने जताई. उन्होंने कहा कि “मेरे गुस्से भरे बयानों से पहले ही पाकिस्तान घबराया हुआ है और इसकी आखिर क्या ही जरूरत थी”. मैं आए दिन कांग्रेस को कोसता रहता हूँ उससे पाकिस्तान की पेंट गीली हो गई है और मुझे इस कमिटी का सदस्य ना बनाकर सरकार ने मेरे साथ अन्याय किया है”. ये कहते हुए प्रसाद अपनी अगली प्रेस कांफ्रेंस के लिए चले गए.

मन से माफ़ नहीं कर पाने का सबब

आप किसी को मन से माफ़ नहीं करते हैं तो ज्यादा से ज्यादा उससे बात नहीं करेंगे. लेकिन अगर हमारे पीएम मोदी किसी को मन से माफ़ नहीं करते हैं तो उसे सीधे लोकसभा का टिकट मिलता है और वो ऐसी टीम का हिस्सा बनता है. बताइए कितना सही है ना मन से माफ़ी ना मिलना. मैं भी सोच रहा हूँ कि कोई ऐसा मिले जो मुझे मन से माफ़ ना करे और फिर मैं भी ऐसी किसी कमेटी का सदस्य बन जाऊं.

हालाँकि बम ब्लास्ट केस में खुद की रक्षा करके प्रज्ञा ने ये दिखा दिया है कि रक्षा कमेटी में उनका सदस्य बनाया जाना बहुत उचित फैसला था.

Ambresh Dwivedi

Ambresh Dwivedi

एक इंजीनियरिंग का लड़का जिसने वही करना शुरू किया जिसमे उसका मन लगता था. कुछ ऐसी कहानियां लिखना जिसे पढने के बाद हर एक पाठक उस जगह खुद को महसूस करने लगे. कभी-कभी ट्रोल करने का मन करता है. बाकी आप पढ़ेंगे तो खुद जानेंगे.