प्रयागराज में चल रहा कुंभ मेला चर्चा का विषय बना हुआ है. इसके भीतर कुछ बातें ऐसी हैं जो हैरान करने वाली है. और इसके आयोजन में बहुत सारी रोचक बातें जुड़ी हुई है.
यहां लोगों की आस्था का जो जमावड़ा लगा है उसे देखना किसी संयोग से कम नहीं है. यह एक ऐसा मेला होता है जहां किसी को किसी निमंत्रण की जरूरत नहीं होती है. यहां सभी अपनी इच्छाशक्ति से स्वयं चले आते हैं.
यहां के आकर्षण का केंद्र
कुंभ में प्रमुख आकर्षण का केन्द्र यहां के अखाड़े होते हैं. वैसे तो हमेशा से कुंभ में 13 अखाड़े हुआ करते थे लेकिन इसमें अब किन्नर औऱ महिला नागा साधुओं के अखाड़े को भी शामिल किया गया है.
अखाड़ो के लिए विशेष राजपथ
अखाड़ों के साधु-संत प्रमुख तारीख पर शाही स्नान के लिए निकलते हैं. जिसके लिए विशेष राजपथ बनाया जाता है जिसपर केवल अखाड़े को ही चलने की अनुमति होती है.
अमूर्त सांस्कृतिक विरासत
इस मेले को यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांसकृतिक विरासत की सूचि में भी सम्मलित किया गया है.
हेलीकॉप्टर से भी हो सकेंगे दर्शन
इस कुंभ मेले में हेलीकॉप्टर के जरिए भी पूरे मेले के दर्शन किए जा सकेंगे. पर्यटकों के लिए सस्ती दरों पर ये सुविधाएं दी जाएगी. ताकि वे आसानी से इस मेले की चकाचौंध को अपनी आंखो में कैद कर सके.
टूर पैकेज की भी है व्यवस्था
आसपास के स्थलों को घूमने के लिए अब आसानी से आपको सुविधाएं उपलब्ध हो पाएगी. यहां टूरिस्ट टूर ऑपरेटरों से संपर्क करके पैकेज ले सकेंगे. जिससे की आप आसपास के खास दार्शनिक स्थलों को घूमने का आनंद भी ले सकेंगे.
सांस्कृतिक संध्याओं का आयोजन
ये पहली बार होगा कि मेले में देश-विदेश की रामलीलाओं की भी प्रस्तुति की जाएगी. इसके लिए मेले में 5 विशाल सांस्कृतिक पंडाल बनाए गए है. जिनमें सभी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. जिसमें लोक नृत्य के साथ ही अन्य धार्मिक आयोजन भी यहां देखने को मिलेंगे.