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कांग्रेस के लिए बनी ट्रंप कार्ड प्रियंका गांधी क्या ला पाएंगी कांग्रेस के अच्छे दिन ?

Politics Tadka Nikita Tomar 23 January 2019
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हमेशा अपनी दादी इंदिरा गांधी की छवि वाली प्रियंका गांधी को कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता काफी लंबे समय से राजनीति में लाने की मांग करते रहे थे…यहां तक की सोनिया गांधी जब कांग्रेस की अध्यक्ष बनी तो कांग्रेस में ये उम्मीद जगी थी कि शायद अब वें प्रियंका को भी राजनीति में ले आए… लेकिन ऐसा हुआ नहीं बल्कि प्रियंका के भाई राहुल गांधी को राजनीति में लाया गया… राहुल हमेशा उनके पिता राजीव गांधी की छवि वाले माने जाते रहे हैं… यानि कि राजनीति में थोड़े अनमने से.

प्रियंका गांधी हमेशा जो कि पर्दे के पीछे ही रही हैं…. उनको 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए सबसे बड़े राज्य यूपी में एक बड़ी भूमिका सौंप दी गई…और आधा यूपी उन्हें सौंपा गया…इसमें उन्हें पूर्वी यूपी की प्रभारी महासचिव का पदभार दिया गया… और ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी यूपी की कमान सौंपी गई…

कांग्रेस के इस बड़े फैसले से एक बात तो साफ है कि कांग्रेस यूपी को सीरियस लेकर काम कर रही है… औऱ साथ ही ये कांग्रेस की और से यूपी के गठबंधन पर भी मुंहतोड़ जवाब है… कांग्रेस एक मजबूत विपक्ष है इसमें कोई दो राय नहीं…. वैसे भी यूपी में कांग्रेस की स्थिति हमेशा से अच्छी नहीं रही हैं…लेकिन इस बार कांग्रेस यूपी वाले मूड में ही ये लोकसभा चुनाव लड़ना चाहेगी…. और प्लान के मुताबिक ट्रंप कार्ड कांग्रेस ने यूपी में अपना चल दिया है….

प्रियंका की एंट्री किन मायनों में है अहम ?

दरअसल प्रियंका गांधी की छवि हमेशा से अच्छी रही है… जनता उनसे प्रभावित रहती है औऱ फिर अब यूपी के लिए कांग्रेस को एक बड़ा दाव चलना ही था…. जिस वजह से राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी के नाम का एलान किया… लेकिन वाकई शायद ही किसी ने सोचा हो कि इस तरह से प्रियंका की एंट्री होगी….

लेकिन इसके मायने साफ है अब प्रियंका पूर्वी यूपी की प्रभारी है….मतलब कि राहुल, सोनिया के अलावा प्रियंका पीएम मोदी की लोकसभा सीट वाराणसी, सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की सीट आजमगढ़, सीएम योगी आदित्यनाथ की सीट गोरखपुर, राममंदिर विवादित केंद्र फैजाबाद औऱ मायावती की सीट अकबरपुर ये सारी की सारी सीटें प्रियंका गांधी के कार्यक्षेत्र में आएंगी…

तो अब आप समझ सकते हैं कि इन सभी दिग्गजों के सामने प्रियंका को लाना कांग्रेस के लिए कितना बड़ा गेम प्लान रहा… इसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा या नहीं ये तो वक्त बताएगा… लेकिन ये तय है कि पूर्वी यूपी की प्रभारी बनाकर कांग्रेस बीजेपी में भय की स्थिति पैदा करने में तो कामयाब रही….

कांग्रेस का यूपी को दो भागों में बांटकर चुनाव की जिम्मेदारी दो दिग्गजों के हाथ में देना ये जरूर साबित करता है कि कांग्रेस इस यूपी के लिए कितनी सीरियस है…

हालांकि आधे यूपी में प्रियंका को प्रभारी बनाना कोई बड़ी बात नहीं लेकिन इसके पीछे कांग्रेस की मानसिकता साफ है कि फिर अच्छे से ध्यान देना आसान होगा… इस बात से ज्योतिरादित्य सिंधिया को कोई खास खुशी नहीं हुई…आप ये भी मान सकते हैं कि शायद उनका समय अच्छा नहीं चल रहा…जैसा की उनके साथ मध्यप्रदेश में भी हुआ, सरकार बनने के बाद उन्हें कोई बड़ा पद नहीं प्रदान किया गया….

क्या प्रियंका कांग्रेस के अच्छे दिन ला पाएंगी?

गौरतलब हो कि प्रियंका गांधी कांग्रेस के सबसे बुरे वक्त में पार्टी में आई हैं….तो उनकी जिम्मेदारी पार्टी में उतनी बड़ी है जितना कि आप सोच भी नहीं सकते…क्योंकि कांग्रेस का सबसे बड़ा दाव अब चल दिया गया है…यानि कि यदि प्रियंका गांधी कामयाब होती है तो वे पार्टी के अंदर राहुल गांधी के लिए चुनौती मानी जाएगी…और अगर वह नाकामयाब होती है तो कांग्रेस एक बहुत बड़ा अवसर हमेशा के लिए खो देगी…

कांग्रेस के भविष्य में प्रियंका गांधी को लाना एक अच्छा निर्णय हो सकता है… और प्रियंका गांधी का जादू अगर चल गया तो कांग्रेस के भविष्य के द्वार खोलने के पक्ष में ये एक अच्छा कदम होगा….अब ये वक्त बताएगा कि प्रियंका पर्दे के पीछे जितनी प्रभावशाली है उतना ही राजनीति में भी क्या अपना दम दिखा पाएंगी…अगर दिखा पाई तो कांग्रेस के लिए इससे अच्छे दिन और कोई नहीं हो सकते….

Nikita Tomar

Nikita Tomar

Journalist | Content Writer