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राहुल गांधी के लिए मोदी के अलावा कांग्रेस के नेता भी बन रहे हैं परेशानी

कांग्रेस पार्टी देश की सबसे पुरानी पार्टी, कांग्रेस पार्टी देश की सबसे सफल पार्टी। कांग्रेस पार्टी जिसने भारत को दिशा दी है, लेकिन आज यही पार्टी दिशाहीन हो चुकी है। कद्दावर नेता या तो पार्टी छोड़कर भाजपा में जा रहे हैं या फिर वो नाराज है। ऐसे ही कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं ने एक बार फिर से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और संगठन को लेकर सवाल उठाए हैं। ये 23 नेता जम्मू-कश्मीर में इकट्ठा हुए।

पार्टी कमजोर हो रही है : कपिल सिब्बल

कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad ) के एनजीओ गांधी ग्लोबल फैमिली के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राज बब्बर, कपिल सिब्बल, पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा (Anand Sharma) समेत कई बड़े नेता पहुंचे। इस दौरान इन नेताओं ने पार्टी के अंदर चल रही नारजगी पर भी अपनी बात पूरी बेबाकी से रखी, इसके साथ ही केंद्र की मोदी सरकार पर भी हमला बोला। खुलकर पार्टी में चल रही उठापटक पर बोलने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी की कमजोरी का जिक्र किया। कपिल सिब्बल ने कहा कि सच्चाई ये है कि कांग्रेस पार्टी हमें कमजोर होती दिखाई दे रही है और इसलिए हम यहां इकट्ठा हुए हैं। हमें इकट्ठा होकर पार्टी को मजबूत करना है।

गांधी-23 का मिला नाम

कांग्रेस के इन 23 नाराज नेताओं को मीडिया ने G-23 का नाम दिया है। इसी पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि लोग हमें G-23 कहते हैं, मैं गांधी-23 कहता हूं। महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ इस देश का कानून और संविधान बना। इन्हें आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस मजबूती से खड़ी है। G-23 चाहता है कि कांग्रेस मजबूत बने।

इतना ही नहीं कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने भी पार्टी के खिलाफ बोलने के आरोपों पर कहा कि हम कांग्रेसी हैं कि नहीं है ये हमें कोई दूसरा नहीं बता सकता है। उन्होंने कहा कि हममें से कोई ऊपर से नहीं आया है। खिड़की या रोशनदान से नहीं आया है। सब दरवाजे से आए हैं, चलकर आए हैं। छात्र आंदोलन से आए हैं, युवक आंदोलन से आए हैं। ये अधिकार मैंने किसी को नहीं दिया कि कोई बताए कि हम कांग्रेसी हैं कि नहीं हैं। ये हक किसी का नहीं है और हम बता सकते हैं कांग्रेस क्या है। हम बनाएंगे कांग्रेस को।

मोदी सरकार पर जमकर बरसे

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू हो या कश्मीर या लद्दाख, हम सभी धर्मों, लोगों और जातियों का सम्मान करते हैं। हम सभी का समान रूप से सम्मान करते हैं, यही हमारी ताकत है और हम इसे जारी रखेंगे। पिछले 5-6 सालों में, इन सभी दोस्तों ने जम्मू-कश्मीर पर संसद में मुझसे कम बात नहीं की, इसकी बेरोजगारी, राज्य का अधिकार छीनना, उद्योगों और शिक्षा को खत्म करना, जीएसटी सब पर बात की है। वहीं कपिल सिब्बल ने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि गांधी जी सच्चाई के रास्ते पर चलते थे, ये सरकार झूठ के रास्ते पर चल रही है।

अगस्त से चल रही है नाराजगी

आपको बता दें कि पिछले साल अगस्त के महीने में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल समेत कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को लेटर लिखकर पार्टी के लिए सक्रिय नेतृत्व होने और व्यापक संगठनात्मक बदलाव करने की मांग की थी। दरअसल लगातार कांग्रेस पार्टी के हो रहे पतन से ये 23 नेता चिंता व्यक्त कर रहे हैं और इसी कारण पहले पत्रों के जरिये और अब खुलकर भाषणों के माध्यम से अपनी नाराजगी जताई जा रही है। इन 23 नेताओं की मुख्य मांग पार्टी में एक सक्रिय नेतृत्व की है। गौरतलब है कि सक्रिय नेतृत्व के लिए पार्टी लंबे वक्त से संघर्ष कर रही है और इसी का फायदा भाजपा का पूरी तरह से मिल रहा है।