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श्री राम से जुड़े रहस्य जिनका ज़िक्र रामानन्द सागर के रामायण में भी नहीं किया गया

रामायण में मनुष्य के जीवन से लेकर कर्मो तक की बाते बताई गयी है। ग्रन्थ में श्री राम के जन्म से लेकर उनके सरयू में जक समाधी तक का असर उल्लेख किया गया है।
Information Komal Yadav 28 January 2022
रामायण के 8 ऐसे अनसुने रहस्य जिनसे आज भी कई लोग है अनजान

रामायण (Ramayana) का हिन्दू धर्म में बहुत ही महत्व दिया गया है। रामायण ग्रन्थ को ऋषि वाल्मीकि ने लिखा था। रामायण में मनुष्य के जीवन से लेकर कर्मो तक की सारी बाते बताई गयी है। इस ग्रन्थ में भगवान श्री राम के जन्म से लेकर उनके सरयू में जक समाधी तक का असर उल्लेख किया गया है। रामायण हिन्दू धर्म के लोगो के लिए आस्था का प्रतिक माना जाता है। इसे भगवान के साथ मंदिर में रखकर पूजा जाता है। आज हम आपको रामायण से जुड़े कुछ ऐसे रहस्य के बार में बताएँगे जिनके बारे अपने न कभी सुना होगा और नहीं कभी पढ़ा होगा।

1 रामायण में कुल 24 हजार श्लोक है और हर 1000 श्लोक के बाद आने वाले श्लोक के पहले अक्षर से गायत्री मंत्र बनता है

जी हां ये सच है की रामायण के हर 1000 श्लोक के बाद आने वाले पहले श्लोक का पहला अक्षर से गायत्री मंत्र बनता है। दरअसल गयत्री मंत्र में कुल 24 अक्षर होते हैं। वाल्मीकि की लिखी गयी रामायण में कुल 24,000 श्लोक हैं। अर्थात हर 1000 श्लोक पर गायत्री मंत्र का एक अक्षर लिखा गया है और ये इसलिए क्योंकि गायत्री मंत्र रामायण का सार माना जाता है।

2 श्री राम की बेहन थी देवी शांता

वाल्मीकि रामायण तो सभी ने पढ़ी ही होगी लेकिन वाल्मीकि के द्वारा लिखी गयी रामायाण में राम की बहन शांता देवी का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। लेकिन असल में राम की एक बहन थी जिनका नाम था शांता। शांता राजा दशरथ और रानी कौशल्या की पुत्री थी। शांता सभी भाइयो से बड़ी थी। दरअसल एक दिन रानी कौशल्या के बहनोई और अंग देश के राजा रूंपद अयोध्या आये और उन्होंने शांता को अपने साथ ले जाने की बात की क्योंकि उनकी की संतान नहीं थी। तब राजा दशरथ ने अपनी पुत्री शांता को उन्हें शौप दिया इस कारण से वाल्मीकि की रामायण में इस बात जिक्र कही नहीं पाया गया की राम की कोई बहन भी थी।

3 क्या आपको पता है राम के भाई किनके अवतार थे ?

रामायण में इस बात का उल्लेख तो किया गया है की राम भगवान विष्णु के अवतार थे। लेकिन आप सब को बता दें की भगवान राम के अन्य भाई भी किसी न किसी के अवतार है जैसे भरत सुदर्शन चक्र के अवतार थे, लक्ष्मण शेषनाग और सत्रुघन शंख शैल के अवतार थे।।

4 क्या आप ये जानते है की सूर्पनखा खुद चाहती थी अपने भाई रावण की मौत

दरअसल रामायण में तो यही बताया गया है जब लक्ष्मण ने सूर्पनखा की नाक काटी तब रावण ने प्रतिशोध के चलते सीता का हरण किया था। और उसके पश्चात राम ने माता सीता को रावण के पास से वापस लेन के लिए रावण का वध कीया ये तो हम सभी जानते है लेकिन क्या आप ये जानते हो की रावण का विनाश उसकी बहन सूर्पनखा चाहती थी। जी हां दरअसल रावण पुरे विश्व पर विजय करने निकला था। जिसके रस्ते में आने वाले सभी योद्धाओ को रावण ने मौत के घाट उतारा था। विश्व पर विजय पाने के चलते रावण ने अपनी ही बेहन का घर उजड़ा दिया। दरअसल रावण ने सूर्पनखा के पति को मार दिया जिसके चलते सूर्पनखा नई रावण को ये श्राप दिया था की उसका विनाश हो जाये।

5 लंका में बिना अन्न जल के रहती थी माँ सीता

जब रावण माता सीता का हरण करके अशोक वाटिका में लाया तब सभी देवी-देवता माता सीता की स्तिथि देखकर परेशान थे तभी वहां देवराज इंद्र और निद्रा देवी उपस्तिथ हुए और निंद्रा देवी ने अशोक वाटिका में रहे हुए सभी जीव-जंतुओं को सुला दिया और तब देवराज ने माता सीता को एक दिव्य खीर खाने का आग्रह कीया। दरअसल उस खीर को खाने से माता सीता को भविष्य में भूख प्यास नहीं लगती।

6 सीता स्वयंवर का कारण क्या था

रामायण में आप सभी ने सीता का स्वयंवर तो देखा ही होगा । लेकिन क्या आप लोग ये जानते है सीता स्वयंवर किस कारण हुआ था। दरअसल सीता स्वयंवर का कारण ये था की माता सीता ने बचपन में ही स्वयंवर में उठाये जाने वाले पिनाका धनुष को उठा लिया था। तबसे उनके पिता जनक ये ठान लिया था की वो अपनी पुत्री का विवाह ऐसे लड़के से करेंगे जो इस धनुष को सीता की तरह आसानी से उठा सके।

7 लक्ष्मण का नाम गुडाकेश कैसे पड़ा

जी हाँ लक्ष्मण 14 वर्ष में एक भी बार नहीं सोये । इसकी वजह ये थी की वनवास की पहली रात में राम और सीता सो गए लेकिन लक्ष्मण नहीं सोये । ये देख निंद्रा देवी लक्ष्मण के पास आयी और उनके ना सोने का कारण पूछा तब लक्ष्मण ने निंद्रा देवी से विनती की और कहा की आप मुझे ऐसा वरदान दे जिससे उन्हें 14 वर्ष के वनवास में कभी भी नींद न आये और वे अपने भैया और भाभी की रक्षा कर सके ये बातें सुनकर निंद्रा देवी प्रसन्न हुए ।

उन्होंने कहा की लक्ष्मण यदि तुम्हरे बदले में कोई 14 वर्ष तक सोने के लिए तैयार हो तो में तुम्हे ये वर दे सकती हु अन्यथा नहीं । तब लक्ष्मण ने निंद्रा देवी को उनकी पत्नी उर्मिला के पास भेजा। तभी उर्मिला ने लक्ष्मण के बदले सोना स्वीकार कीया और वो 14 वर्ष तक सोयी। इसीलिए लक्ष्मण को गुडाकेश कहा जाता है।

8 रावण ने सीता से पहले एक और स्त्री का अपहरण कीया था

ये तो सब जानते है की रावण ने माता सीता का अपहरण कीया था । लेकिन माता सीता के पहले रावण ने राजा दशरथ की पत्नी रानी कौशल्या का भी अपहरण कीया था। दरअसल रावण को इस बात का पता चल गया था की दशरथ और कौशल्या का पुत्र ही उसकी मृत्यु का कारण बनेगा।

Komal Yadav

Komal Yadav

A Writer, Poet and Commerce Student