भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा ऑनलाइन और ATM के जरिए ट्रांजेक्शन करने वाले ग्राहकों को एक बड़ी राहत दी है। भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से ऐलान किया गया है कि डेबिट कार्ड समेत खातों से अन्य तरह के फेल्ड ट्रांजेक्शन पर इनसे निपटने के लिए बैंकों के पास अब कुछ ही दिन मिलेंगे। यानी की ऑनलाइन ट्रांजेक्शंस करते वक्त खाते से पैसे तो कट जाते हैं, लेकिन मर्चेंट को भुगतान नहीं हो पाता हैं, तो वहीं ATM स्वाइप करते वक्त भी कई बार ऐसा हो जाता है। जिस वजह से अक्सर ग्राहकों को बहुत टेंशन हो जाती है। इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक ने इस पर कड़ा रुख अपनाया है और इसके लिए आरबीआई के नए नियम आए हैं। जिससे ग्राहकों को बड़ी राहत मिलने वाली है।
अगर आप किसी मर्चेंट को पेमेंट करते हैं और उस दौरान आपक खाते से पैसे कट जाते हैं, लेकिन मर्चेंट को भुगतान नहीं हो पाता है तो इसे फेल्ड ट्रांजेक्शन कहा जाता है। आरबीआई ने ई-कॉमर्स पेमेंट को और सुविधाजनक और सहूलियत से भरा बनाने के लिए टर्न अराउंड टाइम पर जारी अपनी गाइडलाइंस में ये साफ किया है कि बैंकों को ‘फेल्ड डेबिट कार्ड ट्रांजेक्शंस’ के मुद्दे को पांच दिनों के भीतर सुलझाना होगा। इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक ने फेल्ड एटीएम, स्वाइप मशीन और आधार ऐनेबल्ड पेमेंट्स ट्रांजैक्शंस का मुद्दा पांच दिनों के भीतर और आईएमपीएस से जुड़े फेल्ड ट्रांजैक्शंस का मुद्दा एक दिन के भीतर सुलझाने का निर्देश दिया है।
RBI ने बदला ट्रांजेक्शन से जुड़ा नियम
बैंक ने इस संबंध में एक सर्कुलर भी जारी किया है, जिसमें टर्न अराउंड टाइम को लेकर दिशा निर्देश दिया गया है। रिजर्व बैंक ने सभी पेमेंट ऑपरेटर्स को इस तरह के फेल ट्रांजैक्शन को तय अवधि के अंदर निपटाने का निर्देश दिया है। आरबीआई ने साफ किया है कि अगर इस तरह के मामलों को समय रहते हुए नहीं निपटाया जाता है तो बैंकों को इसके लिए हर्जाना भरना होगा। इन निर्देशों के बारे में आप आरबीआई की वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं।
आरबीआई के नए नियम
खाते से पैसे कट जाने और एटीएम से कैश न निकलने पर 5 दिन से अधिक की देरी होती है कि इसपर 100 रुपये प्रति दिन का हर्जाना मिलेगा। इसके अलावा खाते से पैसे कट जाने के बाद भी भेजे गए व्यक्ति के खाते में पैसे नहीं पहुंचे तो इसमें 1 दिन से अधिक की देरी होती है तो 100 रुपये प्रतिदिन का जुर्माना लगेगा। वहीं खाते से पैसे कटने के बाद भी मर्चेंट को कंफर्मेशन नहीं मिलती है और इसमें 5 दिन की देरी के बाद 100 रुपये प्रतिदिन का हर्जाना। यही नियम ई-कॉमर्स साइट के मामले में भी लागू होगा।
किसी भी तरह के यूपीआई या आईएमपीएस के जरिये फेल्ड ट्रांजेक्शन पर 1 दिन बाद 100 रुपये प्रतिदिन का हर्जाना होगा। यूपीआई पेमेंट पूरा होने के बाद मर्चेंट को कंफर्मेशन नहीं मिलने पर 5 दिन की देरी के बाद 100 रुपये का हर्जाना और आधार इनेबल्ड पेमेंट सर्विसेज के मामले में भी यही नियम लागू होता है।