कंगना रनौत एक ऐसा नाम जिन्हें बॉलीवुड में एक अलग जगह पर देखा जाता है। ये हमेशा लीग से हटकर खड़ी होती है। जो अच्छी बात है, लेकिन क्या हर वक्त सही है। आपमें से बहुत लोग होंगे जो कहते होंगे कि कंगना मर्दानी है, लेडी सिंघम है, शेरनी है लेकिन मैं कहूंगा कि वो सिर्फ अवसरवादी है।
बता दें कि, सुशांत सिंह की फैमिली के वकील ने साफ़ तौर पर बोल दिया है कि, कंगना जो कुछ भी कह रही हैं उसका सुशांत की मौत से कोई मतलब नहीं है। इन बातों को लेके सुशांत थोड़े समय के लिए डिस्टर्ब रह सकते थे लेकिन सुसाइड कभी नहीं कर सकते थे।
सुशांत सिंह की मौत दरअसल सुसाइड नहीं मर्डर है, और इस बात का खुलासा जल्द ही होग। इधर सुशांत सिंह की एक्स गर्लफ्रेंड अंकिता लोखण्डवाल ने हाल ही में रिपब्लिक भारत के शो में अर्नब गोस्वामी से कहा कि,
सुशांत डिप्रेशन की वजह से सुसाइड कर ले, ऐसा बन्दा नहीं था, उसने कई सारे सपने देखे थे और वो उन सपनों को जीता था, वो जिंदादिल इंसान था और जिंदगी जीना उसको पसंद थ। ये सुसाइड नहीं एक मर्डर है।
अब बात करते हैं बॉलीवुड क़्वीन कंगना रानौत की, जो सुशांत केस को लेके आजकल ख़ासा चर्चा में हैं। लेकिन क्या कंगना अवसरवादी है?
आपको गुस्सा आया होगा मेरी ये बात सुनकर लेकिन इसके पीछे के तथ्यों को आप समझें तो सही भी शायद लग सकता है।
कंगना आज जो कुछ भी है वो सिर्फ और सिर्फ बॉलीवुड इंडस्ट्री की वजह से हैं और साथ में जनता के प्यार से। अगर ये इंडस्ट्री इतनी खराब है जितना कंगना बताती हैं तो वो इसे छोड़ क्यों नहीं देती? क्या कोई उन्हें इस इंडस्ट्री में जबरन लाया था? उन्हें इंडस्ट्री पसंद नहीं है लेकिन वो इसे छोड़ना भी नहीं चाहती है, अब हो सकता है आप कहें कि क्यों छोड़े इंडस्ट्री किसी के बाप की थोड़ी है।
बिलकुल सही बात है किसी के बाप की नहीं है, लेकिन अपनी इज्जत गिरा कर आप कहां तक जाओगे। इसका मतलब तो आपकी कोई सेल्फ रिस्पेक्ट ही नहीं है। तभी तो आप इतना कुछ गलत होने के बाद भी वहां टिकी हुई है और वहीं से इतनी मजबूत हो रही है कि लोगों को अपनी बातों में ले आएं।
कंगना नेपोटिज्म के खिलाफ जंग लड़ना चाहती है। हालांकि उन्होंने खुद नेपोटिज्म वालों के साथ इंडस्ट्री में काम किया है। यहां तक की उनकी पहली फिल्म ही महेश भट्ट ने प्रोड्यूस की थी और कई किस्से ऐसे भी है कि उनकी कद्र भी भट्ट ने ही की थी। लेकिन आज इन्हीं भट्ट साहब के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा।
आप अनुराग कश्यप के खिलाफ बोलेंगी लेकिन उनकी प्रोड्यूस्ड फिल्मों में काम करेंगी।तो ऐसा कैसे चलेगा, ये तो जनता को गुमराह करने वाली बात है।
ये सब तो पुरानी बात है आपकी हाल ही में आई फिल्म जजमेंटल है क्या में एकता कपूर प्रोड्यूसर थी। वही एकता कपूर जो खुद नेपोटिज्म की वजह से इंडस्ट्री में है।
गली बॉय फिल्म को जिसने भी देखा वो जानता है कि फिल्म सिर्फ और सिर्फ रणवीर सिंह के ऊपर आधारित थी।
लेकिन कंगना रनौट को दिसंबर में रणवीर सिंह अच्छे लगे थे, लेकिन जून में उन्हें गली बॉय वाहियात फिल्म लगी। ये क्या सीजनल व्यू होते हैं।
कंगना रनौत को रणवीर सिंह की गली बॉय बेकार लगी उसमें कोई परेशानी नहीं, लेकिन उसका अभिनेता जिस पर पूरी फिल्म बनी है वो कैसे अच्छा लगा?
ये तो मतलब दोनों पहलू में मैं ही जीतूं, रणवीर के साथ फिल्में करनी है इसलिए रिश्ता ना बिगड़े लेकिन उनकी फिल्म बेकार लगी 6 महीनों बाद।
कंगना रनौत को सुशांत सिंह राजपूत से कोई प्यार था, जो लोग ऐसा सोच रहे हैं वो गलत है। कभी कंगना की सुशांत के साथ करीबी नहीं थी, वो तो बस एक आउटसाइडर वाला एंगल मिल गया और खबरों में छाए रहने का मौका मिल गया तो कूद जाओ मैदान में। देश आजाद है अभी तक तो और आप तो सरकार की प्रशंसक भी है तो आपको सहयोग मिलना लाज्मी भी है।
लेकिन सुशांत के लिए आपने कुछ किया ये उतना ही मजाकिया है जितना अन्नया पांडे का ये कहना था कि उन्होंने काफी संघर्ष किया है। आपको अवसर मिला जिसका फायदा आपने उठाया बस बात इतनी सी थी। तभी आज आप तापसी से भिड़ रही है क्योंकि वो आपके लिए खतरा है, कंपीटीशन है।