राहुल गांधी हैदराबाद में जाते हैं और एक बयान देते हैं, जिसमें वो कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेक इन इंडिया बनाना चाहते थे और रेप इन इंडिया बना दिया है। हर जगह जहां पर देखो रेप ही रेप हो रहा है। ये बयान कहीं न कहीं बिलकुल सही लगता है जब आज का हाल देश का देखा जाए। जहां पर भी देखो तो रेप ही हो रहा है, लेकिन जिस तरह से राहुल ने मेक इन इंडिया को रेप इन इंडियो से जोड़ा वो गलत हो गया उनके लिए। क्योंकि मेक इन इंडिया देश के लिए प्रोजेक्ट शुरु किया गया था। हालांकि इस पर भी अति तो भाजपा के नेताओं ने कर दी है।
अलग ही बयान सुना स्मृति ईरानी ने
उन्होंने राहुल के इस बयान के जवाब में उनके बयान को अलग ही सुन लिया था। राहुल ने कहा कि देश में हर जगह रेप हो रहे हैं और भाजपा कहती है कि राहुल कह रहे हैं कि महिलाओं का रेप होना चाहिए। भाजपा के नेता शायद सत्ता के नशे में बहरे हो गए हैं। अक्सर हमने अंधा होते तो देखा था। लेकिन अब सुनने में भी तकलीफ होने लगी है। हां भाजपा मेक इन इंडिया के अपमान का मुद्दा तो बना सकती थी, लेकिन उन्होंने तो बयान ही बदल दिया। इस पूरे मुद्दे पर सबसे ज्यादा आक्रामक नजर आई स्मृति ईरानी, जी हां वही स्मृति ईरानी जो सारी रेप की घटनाओं पर तो चुप रही है लेकिन जैसे ही राहुल गांधी का बयान तो वो एक दम से ऐसे मोड में नजर आई कि वो संसद में तोड़ फोड़ कर देंगी।
पहले कहां खामोश थी
अगर इतना ही गुस्सा और आक्रामकता स्मृति ईरानी के द्वारा रेप की घटनाओं के वक्त संसद में दिखाई होती वो भी महिला विकास मंत्री होने के नाते तो ज्यादा बेहतर होता। लेकिन सरकार ने इन घटनाओं के वक्त तो चुप्पी साधी रही लेकिन जैसे ही मौका मिला राजनीति करने का तो तुरंत ही अपने कवच में से बाहर निकल कर स्मृति ईरानी, राजनाथ सिंह समेता भाजपा के कई नेता जाग आए। और हमला करने लगे। वहीं महिला सुरक्षा के लिए 13 दिनों से अनशन पर बैठी स्वाती मालिवाल के लिए किसी के मुंह से एक शब्द नहीं निकला है। न सरकार और स्मृति ईरानी को उस महिला की आवाज सुनाई दी और न ही उसका अनशन नजर आया है। बस सुनाई दी तो राहुल गांधी की आवाज जब उन्होंने मोदी सरकार को आईना दिखाया और दिखाई दी तो अपनी राजनीतिक मंशा।
सरकार ने हैदराबाद से लेकर यूपी तक के मामलों पर चुप्पी साध रखी थी, उनके विधायक जेल में हैं लेकिन कोई जवाब नहीं। पर जैसे ही मोदी जी के ड्रीम प्रोजेक्ट मेक इन इंडिया को रेप इन इंडिया में तब्दील किया गया, वो भी राहुल गांधी के द्वारा तभी स्मृति ईरानी से लेकर राजनाथ सिंह ने संसद में बयान दे दिया। भाजपा का आईटी सेल पीछे लग गया और फेसबुक, ट्विटर पर राहुल गांधी हाय-हाय होने लग गया।
राजनाथ सिंह ने तो निंदा भी नहीं की
राजनाथ सिंह ने सदन में कहा कि वो इस शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। तो मंत्री जी आप रेप शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं लेकिन आपके नेता तो करते फिर रहे हैं। तब तो आपने हर बार की तरह निंदा भी नहीं की। क्योंकि वहां पर पाकिस्तान का या फिर कांग्रेस का या फिर मुसलमान का कुछ लेना-देना नहीं था इसलिए आप चुप रहे, पूरी भाजपा चुप रही क्योंकि वो आप ही के नेता थे। जब तेलंगाना एनकाउंटर होता है तो सब काफी खुश होते हैं, लेकिन इंतजार है आपके नेता के एनकाउंटर होने का। राम रहीम, चिनम्यानंद, आसाराम जैसे नामी रेपिस्टों के एनकाउंटर का।
13 दिनों से स्वाती मालिवाल कठोर कानून के लिए जंतर मंतर पर अनशन पर बैठी है, लेकिन आपका ध्यान नहीं जाता है। कानून नहीं बनते हैं, सरकार के मुंह से शब्द नहीं निकलते हैं। लेकिन जैसे ही कोई नेता आरोप लगा दे तो उसके पीछे पूरी सोशल मीडिया आर्मी छोड़ देते हो। मेक इन इंडिया को रेप इन इंडिया बनाया तो मिर्ची लगी लेकिन जब प्रधानमंत्री दिल्ली को रेप कैपिटल बोले तब नहीं सोचा कि ये देश का अपमान है। दो चेहरों की राजनीति बंद करो और देश की महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए कानून बनाओ नहीं तो ऐसे ही यूएस और यूके अडवाइजरी जारी करेंगे और देश की बदनामी होगी। क्योंकि महिलाओं की नहीं पड़ी तो कम से कम देश के नाम का ही ध्यान रख लो। मोदी जी जब किसी वैश्विक मंच पर जाओगे तो आपको एक रेप वाले देश का प्रधानमंत्री कहा जाएगा।