नई दिल्ली:
सोशल मीडिया में एक चुटकुला पढ़ा की अब हमारी देश के राज्यों को उनकी विविधताओं के आधार पर नहीं जाना जाएगा| बल्कि इस आधार पर जाना जाएगा कि वो राज्य जहाँ बीजेपी की सरकार है और दूसरे वो राज्य जहाँ नहीं है| यानी की भारत में दो ही राज्य हैं जहाँ बीजेपी है और दूसरे जहाँ बीजेपी नहीं है| जहाँ बीजेपी नहीं है वहां आने के लिए वो हर तरीके अपना रही है| इसमें सबसे पहला नाम है बिहार का जहाँ जेडीयू के सीएम नितीश है| भले आपको लगता हो की ये तो एनडीए के सीएम है लेकिन इस बार के चुनावों में बीजेपी ने जेडीयू को हटाकर अपना सीएम बनाने की तैयारी पूरी कर ली है|
आप हालातों से समझिये–
अगर बीते घटनाक्रमों में गौर करें तो आप देखेंगे की बिहार सबसे अधिक चर्चा में रहा| सबसे पहले चमकी बुखार को लेकर और उसके बाद भयानक बाढ़ को लेकर| लेकिन इसमें सबसे अधिक गौर करने वाली है कि केंद्र सरकार के बड़े नेता कुछ नहीं बोल रहे हैं| केंद्र बिहार की इन समस्यायों को लेकर उतना सीरियस भी दिखाई नहीं दे रहा है| इसका सीधा अर्थ है की बीजेपी नितीश कुमार को एक विलेन के रूप में पेश करना चाहती है| वो नेता बनाना चाहती है जो विकास नहीं करना चाहता और बस सत्ता की कोशिश में रहता है| बीजेपी ऐसा कर रही है क्योकि वो 2020 बिहार विधानसभा चुनावों में खुद को बेहतर दिखाना चाहती है| अब वो सरेआम जेडीयू की आलोचना तो कर नहीं सकती तो ऐसे में अप्रत्यक्ष रूप से वो जेडीयू की इमेज खराब करने में लगी है| जाहिर है कि बिहार में बीजेपी और जेडीयू का ही बोलबाला है और ऐसे में विधानसभा चुनावों की मजबूती देखी जाए तो इन्ही दोनों की है| तो फिर बीजेपी दो नम्बरी पार्टी बनकर नहीं रहना चाहती है| वो ये चाहती है की जब हम आधी हिस्सेदारी देकर उप-मुख्यमंत्री बना सकते हैं तो मुख्यमंत्री क्यों नहीं| बीजेपी जेडीयू के नेताओं और आम जनता के मन में अभी से भरने की कोशिश कर रही है कि लोकसभा चुनावों में नितीश को सीटें इसीलिए मिलीं की बीजेपी उनके साथ थी| ऐसे में सीधा इशारा है कि हमे विधानसभा चुनावों में नितीश से और अधिक मजबूत कीजिए|
ऐसे होगा सीट बंटवारा–
जिस तरह बीते लोकसभा चुनावों में बीजेपी और जेडीयू बराबर-बराबर सीटों में चुनाव लड़ें थे वैसा ही इस बार भी हो सकता है| लेकिन यहाँ बीजेपी की प्लानिंग कुछ और है| यहाँ पर बीजेपी इस बार ये कोशिश कर रही है कि वो जेडीयू से अधिक सीटें जीतकर आये| ऐसे में मुख्यमंत्री पद के लिए उसी दावेदारी और अधिक मजबूत हो जाएगी| इसके लिए पहले से ये प्लान सेट किया जाना है कि सीएम फेस की घोषणा चुनावों से पहले नहीं हो| चुनावों के बाद सीएम फेस की घोषणा होगी और वही सीएम बनेगा जिसकी सीटें अधिक होगी| तो जाहिर है कि लोकसभा में जेडीयू से अधिक सीटें जीतने वाली बीजेपी इस बार विधानसभा में भी ऐसा करिश्मा करे और नितीश कुमार आउट हो जाए|
अगर जेडीयू ज्यादा आई तो–
ये बीजेपी ये दिमाग लगा रही है कि हमारी सीटें अधिक आईं तो मुख्यमंत्री पद की दावेदारी ठोक देंगे लेकिन क्या होगा अगर बीजेपी की सीटें जेडीयू से कम आएगी जिसकी संभावना भी है| ऐसे में सामने लाया जाएगा रामविलास पासवान को| वही पासवान जो पैदा ही सत्ता के साथ रहने के लिए हुए हैं| ऐसे में पासवान जिसकी तरफ जायेगे उसकी दावेदारी मजबूत हो जाएगी| अब पासवान जाहिर है कि बीजेपी की तरफ जायेंगे क्योकि बीजेपी ने उन्हें केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जगह और राज्यसभा दे रखी है| ऐसे में पासवान एक और दांव खेलेंगे| वो पूरी कोशिश करते दिखाई देंगे की उनके साथ चिराग को भी कही ना कही राज्य मंत्री बना दिया जाए| इसके बाद वो पूरी तरह से बीजेपी को सपोर्ट कर देंगे|
तो जाहिर है कि अब नितीश बीजेपी की आँखों में चुभने लगे हैं और उन्हें हटाने की प्लानिंग अंदर ही अंदर बहुत जोरों से चल्र ही है|