देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश एक अहम भूमिका निभाता है। इसलिए वहां पर रणनीति काफी तेज हो गई है। लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन को लेकर कांग्रेस के रुख में बदलाव देखने को मिल रहा है। सूत्रों की तरफ से बताया जा रहा है कि सपा-बसपा की तरफ से कांग्रेस को नया ऑफर मिला है। ऐसा बताया जा रहा है कि सपा और बसपा ने कांग्रेस को 9+2 सीटें देने का ऑफर दिया है। इससे पहले कांग्रेस ने गठबंधन में 20 सीटों की मांग की थी, लेकिन अब वो 17 सीटों पर आ गई है। आपको बता दें कि सूत्रों ने साथ ही बताया कि कांग्रेस पार्टी 13+2=15 पर मान जाएगी। बसपा और सपा ने रायबरेली और अमेठी सीट पहले से ही कांग्रेस के लिए छोड़ दी है।
बसपा और समाजवादी पार्टी के बीच में पहले से ही गठबंधन हो चुका है जिसके बाद कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा को पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी देते हुए पार्टी का महासचिव बनाया था। प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने से बसपा-सपा का भी रुख नरम हो गया है। अखिलेश और मायावती ने पहले लोकसभा के लिए गठबंधन का ऐलान किया था और 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। इसमें रायबरेली और अमेठी सीट को कांग्रेस के लिए छोड़ दिया गया था। वहीं दो सीटें बाकी साथी दलों के लिए छोड़ दी थी। इसके बाद आरएलडी गठबंधन में शामिल हुई और आरएलडी को तीन सीटें मिलीं। सपा ने अपने खाते से एक सीट आरएलडी को दी है। राष्ट्रीय लोकदल को पश्चिमी यूपी की मथुरा, मुजफ्फरनगर और बागपत सीट मिली है।
सपा और बसपा गठबंधन में शुरू से ही आरएलडी पांच सीटों की कोशिश में था। लेकिन गठबंधन शुरू से ही उसे तीन सीटें देने को तैयार था। आपको बता दें कि इस साल जनवरी में सपा-बसपा ने यूपी में गठबंधन का ऐलान करते हुए कांग्रेस को अपने साथ लेने से मना किया था। उस वक्त अखिलेश यादव और मायावती ने साझा प्रेस कांफ्रेंस की थी और कहा था कि हमें ऐसा लगता है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से उन्हें सीटों का नुकसान होगा।
बुआ-बबुआ की इस जोड़ी ने महागठबंधन की कोशिश में लगी कांग्रेस को झटका दिया था। सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस को साथ न रखने पर मायावती ने कहा था कि बीजेपी की तरह ही कांग्रेस की नीतियां भी भ्रष्ट हैं। बीजेपी और कांग्रेस दोनों के शासनकाल में भ्रष्टाचार हुए हैं और दोनों की नीति एक जैसी ही है।